उपलब्धि : कृृषि महाविद्यालय जगदलपुर द्वारा इंदिरा काजू-1 किस्म विकसित, मिला सर्वश्रेष्ठ केन्द्र का अवार्ड
अखिल भारतीय समन्वित काजू अनुसंधान परियोजना के तहत 1996 में कृषि महाविद्यालय जगदलपुर में काजू की परियोजना का प्रारंभ वर्ष 1996 में किया गया था। यहां विकसित की गई इंदिरा काजू-1 किस्म एक्सपोर्ट क्वालिटी की है। इसकी औसत उपज 12 से 14 किलो प्रति पौधा है।
- इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, जगदलपुर में संचालित अखिल भारतीय समन्वित काजू अनुसंधान परियोजना को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा बेस्ट सेंटर अवार्ड 2019 से नवाजा गया है।
कृषि महाविद्यालय जगदलपुर को यह सम्मान उद्यानिकी विश्वविद्यालय, बागलकोट, कर्नाटक में आयोजित अखिल भारतीय समन्वित काजू अनुसंधान परियोजना के वार्षिक सम्मेलन के अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अतिरिक्त महानिदेशक (बागवानी) डाॅ. डब्ल्यू.एस. ढिल्लन एवं काजू अनुसंधान परियोजना के निदेशक डाॅ. रामजी नायक ने कृषि महाविद्यालय, जगदलपुर में संचालित काजू अनुसंधान परियोजना के प्रमुख अनवेषक डाॅ. विकास रामटेके को प्रदान किया।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के इस अनुसंधान केन्द्र ने काजू उत्पादक परंपरागत राज्यों जैसे कर्नाटक, केरल, तमिलनाडू, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश आदि को पछाड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एस.के. पाटील ने परियोजना को सर्वश्रेष्ठ केन्द्र के रूप में चुने जाने पर परियोजना के वैज्ञानिकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
इस किस्म के नट बड़े औसतन 10 ग्राम के होते हैं और काजू गिरी का वजन 2.85 ग्राम होता है। इस किस्म के फल भी बड़े आकार के होते हैं व फल में जूस की मात्रा भी अधिक होती है। इन फलों का प्रयोग प्रसंस्करण में किया जाता है।
जगदलपुर केन्द्र द्वारा वर्ष 2014 से 2016 तक ग्राफ्ट तकनीक से तीन लाख से अधिक ग्राफ्ट वेन्गुर्ला-4, इंदिरा काजू-1 एवं वेन्गुर्ला-7 काजू पौधों की किस्म विकसित कर उद्यानिकी विभाग को दी गई। वर्तमान में केन्द्र द्वारा पांच लाख पौधे तैयार कर ओड़िशा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और झारखण्ड राज्यों को दिये गये हैं। इस केन्द्र को यह अवार्ड परीक्षण के लिए दिये गए लक्षय को समय से पहले पूर्ण करने, जिले के लामकेर की पथरीली जमीन पर काजू की सफल खेती करने, इंडियन केशियो एप में सबसे अधिक सहभागिता देने एवं अनुसंधान की रिपोर्ट समय पर काजू अनुसंधान निदेशालय को भेजने जैसी अन्य महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखते हुए प्रदान किया गया है।
अखिल भारतीय समन्वित काजू अनुसंधान परियोजना के वार्षिक सम्मेलन में 9 राज्यों के 14 अनुसंधान केन्द्र सम्मिलित हुए जिसमें कर्नाटक, केरल, तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्य शामिल थे। इस अवसर पर इन केन्द्रों के 39 वैज्ञानिकों ने अपने-अपने अनुसंधान केन्द्रों में काजू अनुसंधान और उसके विस्तार को लेकर किये जा रहे अनुसंधान कार्याें की जानकारी दी।