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…तो फिर दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में नही गूंजेगी बच्चों की किलकारियां!

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विनोद सिंह. दंतेवाड़ा।
जिला अस्पताल दंतेवाड़ा से प्रसूति एवम शिशु विभाग को गीदम MCH में शिफ्टिंग की तैयारी चल रही है।अगर खबर सही है तो कुछ दिनों बाद जिला अस्पताल में बच्चों की किलकारियां सुनाई नही पड़ेगी।अगर आपके बच्चे को बुखार भी आया तो उसके इलाज के लिए गीदम MCH जाना पड़ेगा।
जिला चिकित्सा विभाग में पिछले एक साल से एक खिचड़ी पक रही है।तत्कालीन जिला कलेक्टर ने लगभग 1 वर्ष पहले जिला हस्पितल के अनिवार्य फैकल्टी प्रसूति एवं  शिशु विभाग को गीदम MCH में शिफ्ट करने की योजना बनाई थी। कलेक्टर और अस्पताल प्रबंधन जिला अस्पताल से प्रसूति एवम शिशु विभाग को गीदम MCH शिफ्टिंग की पूरी पृष्ठभूमि तैयार  चुका था। तभी आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने, फिर सरकार बदल जाने और कलेक्टर के स्थानांतरण पश्चात कार्यक्रम ठंडे बस्ते में चला गया था। मगर कुछ दिनों से एकबार फिर दोनों फैकल्टी की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। ऐसा कुछ जानकारों का कहना है कि बहुत जल्द दोनों विभाग MCH गीदम में शिफ्ट कर दिए जाएंगे।
तकनीकी रूप से सही नहीं है ये निर्णय::जिला अस्पताल से प्रसूति एवम शिशु विभाग अन्यत्र शिफ्ट करना नियमानुसार सही नही होगा।चिकित्सा विभाग से जुड़े विशेषज्ञों की माने किसी भी जिला अस्पताल में शिशु, प्रसूति, ENT, अस्थि, विभाग सहित कई अन्य विभागों का होना जरूरी है। विशेषकर प्रसूति एवम शिशु विभाग के बिना जिला अस्पताल की परिकल्पना ही नही की जा सकती। कांग्रेस शासन काल में जिला प्रशासन द्वारा लिए गए इस निर्णय से लोगों में खासकर ग्रामीणों में बहुत नाराजगी है। कई ग्रामीणों को जब इस बात की जानकारी दी गई तो वे काफी आक्रोश में दिखे। सबने समवेत स्वर में कहा कि वे लोग शिशु और  प्रसूति विभाग को जिला अस्पताल से अन्यत्र शिफ्ट नही होने देंगे।जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी करेंगे।
क्या आ सकती हैं परेशानियां : प्रसूति एवम शिशु विभाग को गीदम शिफ्ट किए जाने से व्याहारिक रूप से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।जिले की भगौलिक संरचना जिस प्रकार का है उसके अनुसार जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा  मध्य क्षेत्र में आता है। कटेकल्याण, कुआकोंडा, बचेली, किरंदुल के अंदरूनी क्षेत्रों के मरीजों का दंतेवाड़ा पहुंचना गीदम के वनिस्पत ज्यादा आसान है। अगर अरण्यपुर, नहाड़ी, ककाडी, बुर्गुम जैसे अंदरूनी इलाकों में अचानक किसी महिला को प्रसव पीड़ा हो तो उसे दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में एक से डेढ़ घंटे के अंदर पहुंचाकर उसे  जल्दी इलाज मुहैया कराया जा सकता है। लेकिन प्रसूति विभाग अगर गीदम शिफ्ट हो गया तो दूरी  13किमी और बढ़ जाएगी। इसके अलावे आंवराभाटा रेलवे क्रॉसिंग अगर बंद हो गया तो कम से कम 20 मिनट का समय और बर्बाद हो जाएगा। दूरी और समय बढ़ जाने से न केवल मरीज की मुश्किलें बढ़ जाएगी बल्कि वाहन का ईंधन खर्चा भी बढ़ जायेगा। MCH गीदम में प्रसूति एवम शिशु विभाग के शिफ्ट होने से केवल गीदम और बारसूर ब्लॉक के मरीजों को ही फायदा होगा। जबकि दंतेवाड़ा, कटेकल्यान, कुआकोंडा, बचेली ब्लॉक के मरीजों की परेशानी बढ़ जायेगी। जिसका नकारात्मक असर शासन प्रशासन के कार्यकुशलता पर पड़ेगा।
यह नया प्रयोग दंतेवाड़ा जिला अस्पताल पर ही क्यों?
विशेषज्ञों की माने तो जिला अस्पताल से प्रसूति एवम शिशु विभाग को हटाया ही नही जा सकता। न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश में कोई ऐसा जिला अस्पताल नही होगा जिसमें प्रसूति एवम शिशु विभाग की फैकल्टी न हो। फिर यह नया प्रयोग दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में क्यों किया जा रहा है? अस्पताल के अभिलेखों पर नजर दौड़ाएं तो पिछले एक साल में यहां लगभग 500 सिजेरियन ऑपरेशन कर न केवल जच्चा बच्चा को बचाया गया है बल्कि उनके परिजनों को प्राइवेट हॉस्पिटल में मोटी रकम खर्च होने से भी बचाया जा चुका है। बाकी के बारे में तो नही कहा जा सकता मगर प्रसूति एवम शिशु विभाग के चिकित्सकों पर जिलेवासियों को इतना भरोसा बन गया है कि न केवल ग्रामीण क्षेत्र बल्कि शहरी क्षेत्र के लोग भी जगदलपुर या अन्यत्र इलाज कराने से ज्यादा दंतेवाड़ा हॉस्पिटल में आने लगे हैं। एक उदाहरण का उल्लेख किया जाय तो तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ और वर्तमान में रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह की पत्नी का सफल सिजेरियन ऑपरेशन दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में हुआ था।
कैसे निकल सकता है बीच का रास्ता : जिलेवासियों का कहना है कि उन्हें गीदम MCH में प्रसूति एवम शिशु विभाग खोले जाने से  कोई परेशानी और नाराजगी नही है,बल्कि खुशी है।नाराजगी दंतेवाड़ा जिला अस्पताल से इन दोनों विभागों के शिफ्टिंग से है।जिले में DMF मद में पैसे की कोई कमी नहीं है और न ही देश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है।गीदम MCH में बिल्कुल नए सेट अप के तहत वहां नए विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थापना की जाय।न कि जिला अस्पताल को पंगु बनाकर।
खबर सही है,काम चल रहा है : डा. कपिल कश्यप(सिविल सर्जन)
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डा कपिल.कश्यप से प्रसूति एवम शिशु विभाग के गीदम MCH में सिफ्टिंग की बात जानने के लिए प्रतिनिधि ने सवाल किया तो उन्होंने बताया कि शिफ्टिंग की खबर सही।गीदम MCH में नए सेट अप पर काम चल रहा है।कार्य पूर्ण होने के बाद दोनों विभाग गीदम शिफ्ट कर दिए जाएंगे।
बिना प्रसूति एवम शिशु विभाग वाले जिला अस्पताल के विवशता के सवाल पर सिविल सर्जन श्री कश्यप ने कहा कि इस बारे में वे कुछ नही कह सकते क्योंकि यह प्रक्रिया हमारे पोस्टिंग के पहले से चल रही है।
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