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विडंबना : दंतेवाड़ा ज़िला जहां हमने कुछ गाँवों को 21वीं सदी में पहुंचने से रोक दिया… बस्तर के हिस्से में ना जाने कितने ऐसे गाँव…?

  • मन्नू मरकाम। दंतेवाड़ा।

दंतेवाड़ा ज़िले में छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे ज़्यादा राजस्व डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड से हासिल होता रहा है। राशि करोड़ों में है। यहाँ ना जाने कितने गाँव में अंधेरा कायम है, ना जाने कितने गाँव में पहुँच मार्ग का अभाव है। ना जाने कितने गाँवों को और कितने समय तक बीमार होने पर चारपाई के सहारे हास्पिटल तक पहुँच पाने की मजबूरी है… ये वे गाँव हैं जब हिंदुस्तान 21वीं सदी में खुद को पहुँचा रहा था तब ये गाँव उनके हाल में पीछे छोड़ दिए गए… मानो इनकी ज़रूरत हमें इस नई सदी में है ही नहीं…?

इस गाँव का नाम है दंतेवाड़ा ज़िला का मेटापाल। इसके अंतर्गत दो पंचायत शामिल हैं। मेटापाल नंबर एक और मेटापाल नंबर दो। इस गाँव के कुछ पारों की दूरी क़रीब चार किलोमीटर तक है।

इस पंचायत के ग्रामीण, सरपंच, जनपद सदस्य नें कई बार ज़िला कलेक्टर से लेकर पंचायत मंत्री तक को पत्र लिखा। लगता है सारे पत्र कचरे के डिब्बे में फेंक दिए गए हैं।

आज इसी गाँव से एक बुजुर्ग महिला को चारपाई में बिठाकर दो युवकों नें हास्पिटल तक पहुँचाया। इस महिला को लाते हुए एक विडियो भी बनाया जिसे इम्पेक्ट को भेजा गया है। देखें विडियो

इन ग्रामीणों ने जो पत्र बीते समय लिखे हैं उसे देखें

मेरा गांव मेटापाल तुर्रेम सौकारपारा का है सर
ये मेरी दादी जिसका नाम हिड़मे है गांव में ही चलते फिरते गिर गई है जिसके गई है, इसी तरह कोई बीमार होते है, तो रोड पुलिया नही होने के कारण 2 4 किमी रोड तक एंबुलेंस के लिए इसी तरह बो कर लेजाना पड़ता है, हम गांव वाले कही बरसो से रोड पुलिया की मांग के लिए गुहार लगाते आ रहे है लेकिन कोई हमारी समस्या नही सुन रहे है, मुझसे इस तरह के से मेरे गांव वालो की तड़फ देखी नही जाती इसलिए रोड पुलिया बनवाने के लिए कही बार मांग पत्र लिख कर मैं और मेरे गांव के लोगो के द्वारा देते है आ रहे है लेकिन कोई भी निराकरण किसी के द्वारा भी नही किया जा रहा है 🙁

  • जैसा कि मन्नू ने मैसेज किया है
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