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स्कूल भवन पुरी तरह जर्जर…एक कक्षा में बैठने को मजबूर है सभी क्लास के छात्र…ग्रामीणों ने कहा संस्था खुलने से पहले हो सुधार कार्य…


इम्पेक्ट न्यूज. सुकमा।
भले ही कोरोना के कारण स्कूले बंद हो लेकिन जिले के ऐसे कई स्कूल भवन है जो काफी पुराने व जर्जर है। ऐसे में नक्सल प्रभावित गांव आदगुड़ा जहां प्राथमिक स्कूल का भवन पुरी तरह जर्जर हो चुका है। यहां मात्र एक कमरे में सभी कक्षाऐं संचालित होती हैं ग्रामीणों ने कहा कि स्कूले खुलने से पहले यहां भवन में सुधार कार्य करवाया जाऐं ताकि हमारे बच्चे सुरक्षित यहां पढ़ाई कर सके।
कोर्रा से 4 किमी. दूर आदगुड़ा गांव जहां पर करीब 50 परिवा निवास करता हैं यहां पर प्राथमिक शाला का संचालन पिछले कई सालों से हो रहा है। गांव में एक स्कूल भवन बना हुआ है लेकिन वो पुरी तरह जर्जर हो चुका है। भवन के कमरों की छत गिरने लगी है। आलम यह है कि छत में लगे लोहे भी दिखाई दे रहे है। इसके अलावा कमरों की खिड़किया टूट चुकी है। बारीश के दिनों में जगह-जगह से छत टपकती है। जिसके कारण बच्चे बैठ नहीं पाते है। जिसके कारण एक ही कमरे में सभी कक्षाएं लगती है।

फोटो- स्कूल भवन की छत।


स्कूल खुलने से पहले हो सुधार कार्य- ग्रामीण
गांव के ग्रामीण ने कहा कि वर्तमान मे कोरोना के कारण स्कूले बंद पड़ी हुई है। लेकिन आगे कुछ माह बाद स्कूल खुलेगी। लेकिन ऐसे में स्कूल भवन पुरी तरह जर्जर है तो हमारे बच्चे कैसे स्कूल भवन में बैठ पाऐंगें। इसलिए प्रशासन से मांग है कि स्कूल भवन को ठीक कराया जाऐं ताकि हमारे बच्चे सुरक्षित पढ़ाई कर सके।

फोटो- एक कमरा जहां सभी कक्षाओं के छात्र बैठने को मजूबर।


जिले में कई ऐसी स्कूले जो है जर्जर
इस गांव के अलावा जिले में ऐसे कई स्कूल भवन है जो जर्जर हो चुके है बारीश के दिनों में छते खराब होने के कारण पानी टपकता रहता है। कोरोना के कारण अभी स्कूले बंद है लेकिन आगे कुछ माह बाद स्कूले खुलेगी। तब तक प्रशासन को चाहिए कि उन स्कूल भवनों को ठीक कराऐं ताकि स्कूले खुलेगी तो बच्चों को परेशानी नहीं होगी।

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