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दंतेवाड़ा : सरकार की नाकामी, सड़कों पर उतरा कर्मचारियों का सैलाब… कैबिनेट बैठक में नियमितिकरण के संबंध निर्णय नहीं होने से नाराज है संविदाकर्मी…

इम्पैक्ट न्युज.

दंतेवाड़ा. नियमितिकरण को लेकर हड़ताल में बैठे संविदा कर्मचारियों को कैबिनेट की बैठक से आश बंधी थी कि सरकार इनके लिए संवेदनशीलता दिखाते हुए कुछ निर्णय लेगी, किंतु ऐसा नहीं हुआ। जिससे नाराज कर्मचारी काले कपड़े पहनकर सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ जमकर नारे बाजी की। संविदाकर्मी सरकार के रवैए पर सवाल खड़े कर रहे हैं इनका कहना है कि जिन कर्मचारियों को कार्यालयों में सेवा देनी चाहिए वे आज सड़कों पर उतरने मजबूर हो गए हैं क्या यह सरकार की नाकामी नहीं है। 45 हजार संविदा कर्मचारियों के हड़ताल में बैठ जाने से प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं पर सीधा बुरा असर हो रहा है, कार्यालय सुनसान देख रहे है। जो कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं हुए थे वे भी अब कार्यालय छोड़ सड़कों विरोध करने पहुंच रहे हैं ।
जिला संयोजिका स्वेता सोनी ने सरकार से अपील की है कि सरकार को संवेदनशीलता पूर्वक विचार कर जल्द कर्मचारियों से बातचीत कर नियमितिकरण को घोषणा करनी चाहिए । अन्यथा स्थिति आने वाले दिनों में और भी खराब होती जायेगी चुंकि इस बार कर्मचारी बिना समाधान के कार्यालय नहीं जाने वाले हैं।
*काले रंग और जयचंद की उपाधि का रहस्य*
33 जिलों के हड़ताल पंडाल में विगत दिनों को अपेक्षा भारी संख्या में संविदा कर्मचारी एकत्रित हो रहे है जिसका प्रमुख कारण कैबिनेट की बैठक में नियमितिकरण का निर्णय नहीं होना है। वहीं दूसरी तरफ कई जिलों में कर्मचारियों को पंडाल स्थल तक लाने के लिए जिला संगठन अभी भी कार्यालयों में बैठे कर्मचारियों को जयचंद की पदवी से नवाजे जाने से कर्मचारी शामिल हो रहे हैं।
दंतेवाड़ा जिले में में सैकड़ों की संख्या में संविदा कर्मचारी काले कपड़े और छाते लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारे बाजी की। काले रंग के परिधान का उपयोग ये सरकार के प्रति अपने विरोध के रूप में कर रहे हैं। सरकार के खिलाफ इनका आक्रोश इतना बढ़ गया है कि कई स्थानों पर कांग्रेस के जन घोषणा पत्र की प्रतियां भी जलाई गई।
संविदा कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल के पांचवें दिन दुर्गा पंडाल दंतेवाड़ा से collectorate तक महारैली का आयोजन तहसीलदार को ज्ञापन सौपा, ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री जी के नाम है । कैबिनेट बैठक पश्चात सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों में संविदा कर्मचारियों को निराशा हाथ लगने के बाद collectorate परिसर के सामने कांग्रेस सरकार के 2018 के वचन पत्र को जलाकर रोष व्यक्त किया ।

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