कौन हैं भागवत वर्मा और सुर्खियों में क्यों हैं? जिनका जिक्र छत्तीसगढ़ की सियासी बात में पूर्व और वर्तमान सीएम ने किया… आप का सवाल जिसकी पूरी जमीन बंधक वह खुशहाल कैसे?
इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर।
वैष्णादेवी में एक छत्तीसगढ़ी किसान भागवत वर्मा के परिवार की कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद यकायक किसान वर्मा सुर्खियों में आ गए हैं। चर्चा को लेकर जमकर सियासत हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के एक पत्रकार आलोक पुतुल के ट्वीट को रिट्विट करते पूछा था ‘यह संयोग है या राहुल गांधी को खुश करने का प्रयोग?’
कैसा संयोग है कि छत्तीसगढ़ के ग्राम रेंगाकठेरा के जिस किसान भागवत वर्मा को 11 जून 2021 को सरकारी अधिकारी मुख्यमंत्री से वर्चुअल बैठक के लिए लाए थे,वही भागवत वर्मा @RahulGandhi की वैष्णव देवी की यात्रा में अचानक टकरा गए.
— Alok Putul (@thealokputul) September 10, 2021
दोनों जगह उन्होंने राज्य की गोबर योजना की जम कर तारीफ़ की. pic.twitter.com/DL1ZGlXW84
आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब देते कहा ‘कोई तारीफ कर रहा है तो रमन सिंह को तकलीफ क्यों हो रही है।’
धमतरी के कोटेश्वर धाम रवाना होने से पहले रायपुर पुलिस लाइन हेलिपैड पर प्रेस से चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, भाजपा और आरएसएस हमेशा गाय की राजनीति करती है, लेकिन दोनों ने गाय के लिए कुछ किया नहीं। गोबर खरीदी की बात है तो जिस तरह धान के दाम बढ़ने से धान का रकबा बढ़ा है, उसी तरह गोबर के भी दाम मिलने से डेयरी की संख्या बढ़ी है। आंकड़े उठा कर इसे देखा जा सकता है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, ऐसा होने से भाजपा के सीने पर सांप क्यों लोट रहा है। रमन सिंह 15 साल तक सीएम रहे, कुछ नहीं कर पाए। अगर कोई व्यक्ति तारीफ कर दे तो उन्हें क्यों परेशानी हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा, राहुल गांधी से जम्मू में मिले भागवत वर्मा को तो केवल 85 हजार रुपए ही मिले हैं। कई लोग ऐसे हैं जिनकों गोबर बेचने के एवज में 3 से 4 लाख रुपए मिल चुके। भागवत वर्मा ने तो स्कूटी खरीदने की बात बताई है। कई लोग तो हवाई जहाज में माता से मिलने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने इसी मुलाकात के संयोग पर कहा ‘जब भागवत वर्मा ने दर्शन के लिए पंजीयन कराया था तो उसे पता था क्या कि राहुल गांधी भी उसी दिन माता के दर्शन के लिए पहुंचेंगे।’
पर मसला यही आकर नहीं ठहर रहा है। आलोक पुतुल ने अपने अकाउंट से यह ट्वीट शुक्रवार सुबह करीब 11.45 बजे किया। जिसे थोड़ी ही देर बाद डा. रमन ने रिट्विट कर दिया। मजेदार बात यह है कि आलोक पुतुल ने कोई सवाल नहीं उठाया था बस दो कतरन पोस्ट किए वह भी संयोग का जिक्र करते।
जिसमें उन्होंने यह बताया कि यह मात्र संयोग रहा कि राजनांदगांव जिले के जिस किसान से कुछ दिन पहले सीएम भूपेश बघेल ने वर्चुअल मिटिंग में चर्चा की थी। जिसमें उसने यह बताया था कि गोबर बेचने से 85 हजार प्राप्त हुए। उसी किसान का जम्मू के कटरा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलना और उसी 85 हजार का जिक्र करना महज संयोग है?
दरअसल मामला टाइमिंग को लेकर है। किसान परिवार के आवागमन के रूट को लेकर है और मुलाकात के बड़े संयोग को लेकर है। किसान परिवार रेल से गया या प्लेन से? वह कब कटरा पहुंचा? किसान परिवार ने बताया वे रेल से पहुंचे। पर थ्योरी में थोड़ा पेंच है। यदि ट्रेन से उसी दिन सुबह करीब 11 बजे पहुंचा तो शाम 4 बजे तक वह कैसे वह वहां तक पहुंचा जहां राहुल गांधी से मुलाकात हुई?
यह दावा किया जा रहा है कि किसान परिवार नागपुर से कटरा की उड़ान से एक दिन पहले पहुंचा। यदि रेल का टिकट था तो प्लेन से क्यों? हांलाकि इस बात का अब तक कोई प्रमाण किसी ने नहीं दिया है कि किसान परिवार रेल से पहुंचा या प्लेन से?
यदि सब कुछ इतना सामान्य है तो यह सियासी बहस क्यों हो रही है कि किसान से राहुल की कटरा में मुलाकात पर। दरअसल छत्तीसगढ़ में बीते माह से सियासी पारा ढाई—ढाई के सुई पर अटका है। खुलकर खेमेबाजी हो रही है। राहुल ही वह नेता है जिन्होंने अंदरखाने कमिटमेंट किया। अब जगजाहिर है।
सड़क पर बात आने के बाद बहस स्वाभाविक है। भले ही सीएम अच्छा काम कर रहे हैं पर यदि संतुलन बनाने के लिए नेतृत्व कोई कमिटमेंट करता है तो उसे पूरा करना भी उसकी जिम्मेदारी होती है। बस यहीं पेंच फंसा हुआ है।
राजनीतिक गलियारों में हालिया कई घटनाक्रम से इस बात को बल मिला है कि सब कुछ ठीक नहीं है। ऐसे में भागवत वर्मा की मुलाकात पर छत्तीसगढ़ के सीएम की प्रशंसा और योजना पर कटरा में चर्चा हो तो धुआं उठना स्वाभाविक है। फिलहाल विपक्ष मजे ले रहा है। हर घटना के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
अब बात भागवत वर्मा की तो यह जानना जरूरी है कि ये हैं कौन? और क्या काम है इनका? इसे लेकर आम आदमी पार्टी की नेता प्रियंका शुक्ला ने ट्वीट किया है देखें
उदाहरण के तौर पर,छ ग केराजनांदगांव के ग्राम गठुला के ही कुछ जानकारी साझा कर रही हूँ, देख सकते है कि किसानों की कृषि भूमि बैंकों में बंधक है, फिर भी मजे की बात है कि छत्तीसगढ़ का एक किसान इत्तेफाक से @RahulGandhi जी को मिलता है, खुश होकर कहता है कि किसान खुशहाल है@thealokputul pic.twitter.com/KwM5IQfYsf
— Advocate Priyanka Shukla (Priya Shukla) (@priyankaaap23) September 11, 2021
प्रिय @RahulGandhi जी,
— आप छत्तीसगढ़ (@AAPChhattisgarh) September 11, 2021
एक किसान ( भागवत) जिसकी ज़मीनें गिरवी रखी हो, वो खुशहाल कैसे हो सकता है?
आखिर कैसे उस किसान ने अपना कोई भी दुःख न बताकर सरकार की तारीफ़ें की होंगी? @INCChhattisgarh @bhupeshbaghel 👇🏻#CongressExposed pic.twitter.com/C9ehLupR6Z
उन्होंने साफ किया है कि जिस किसान को खुशहाल बताने की कोशिश हो रही है उसकी जमीन लोन में माटगेज है।
मजेदार बात यह है कि आलोक पुतुल के इस ट्वीट को सबसे ज्यादा रिट्विट भाजपा के बड़े नेताओं ने किया वह भी कमेंट्स के साथ जिनमें पूर्व आईएएस ओपी चौधरी ने कहा
यह ऑब्जरवेशन भाजपा या किसी विपक्षी पार्टी का नहीं है, बल्कि बीबीसी जैसे सम्मानित ग्रुप के पत्रकार आलोक जी का है.। गजब है.. @bhupeshbaghel जी..@BJP4India @BJP4CGState @blsanthosh @shivprakashbjp @PurandeswariBJP @NitinNabin @drramansingh @vishnudsai https://t.co/OekqmHOXD7
— OP Choudhary (@OPChoudhary_Ind) September 10, 2021
कामन मैन दीपांकर सोनी ने इशारों में बहुत कुछ कहा है
तारणहार के दिमाग के प्रकाश का प्रभाव।
— Deepankar Soni दीपांकर सोनी 🇮🇳 (@deepankarsoni) September 10, 2021
बुझे????
😅😅😁😁#RahulVaishnoDeviYatra #RahulGandhi#Chhattisgarh @RahulGandhi @AlankarSawai @AadeshRawal https://t.co/ONBkV5c7SF