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ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) का मुख्य कार्यकारी अधिकारी पार्थ दासगुप्ता ही टीआरपी घोटाले का मास्टर माइंड

इम्पेक्ट न्यूज डेस्क।

टीआरपी घोटाले में गिरफ्तार ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) का मुख्य कार्यकारी अधिकारी पार्थ दासगुप्ता ही टीआरपी घोटाले का मास्टर माइंड है। दासगुप्ता साल 2013 से 2019 तक बार्क के सीईओ के पद पर था और टीआरपी में गड़गड़ी की शुरूआत 2016 से हुई थी। संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मिलिंद भारंबे ने यह खुलासा किया। वहीं दासगुप्ता को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे 28 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।पत्रकारों से बातचीत में भारंबे ने बताया कि मामले में गिरफ्तार बार्क के पूर्व सीओओ रोमिल रामगढ़िया के ह्वाट्सएप चैट की जांच के बाद दासगुप्ता के मामले में लिप्तता के पुख्ता सबूत मिले जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि एक तटस्थ संस्था के जरिए बार्क की ऑडिट कराई गई। इसी साल जुलाई महीने में ऑडिट रिपोर्ट आई थी जिससे साफ हुआ कि आंकड़ों में हेरफेर और कुछ लोगों को खास चैनल देखने के लिए पैसे देकर 2016 से 2019 के बीच टीआरपी में गड़बड़ी की गई।

ऑडिट के दौरान बार्क के आंकड़ों का 44 हफ्तों तक अध्ययन किया गया था। इससे साफ होता है कि पहले नंबर पर स्थित अंग्रेजी चैनल टाइम्स नाऊ को पीछे कर रिपब्लिक टीवी को पहले नंबर पर लाने के लिए बाकायदा साजिश रची गई थी और इस साजिश में रोमिल और दासगुप्ता शामिल थे। पुलिस के मुताबिक टीआरपी से छेड़छाड़ की साजिश रचने के दौरान यह पहले ही तय कर लिया जाता था कि किस चैनल पर किस नंबर पर दिखाना  है और उसी के मुताबिक आंकड़ों में हेरफेर की जाती थी। मामले में भूमिका सामने आने के बाद पुलिस की टीम दासगुप्ता की तलाश में गोवा गई थी लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले वह निकल गया था। इसके बाद उसे गुरूवार को पुणे में स्थित खेडशिवापुर टोलनाके पर पकड़ा। इस मामले में अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 

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