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अब टैक्सी की तरह चलेंगी एयर टैक्सी, नई ड्रोन पॉलिसी से होगा संभव: ज्योतिरादित्य

न्यूज डेस्क।

केंद्र ने देश में ड्रोन परिचालन के नियमों को और आसान बना दिया है। सरकार ने ड्रोन परिचालन के लिए भरे जाने वाले आवश्यक प्रपत्रों की संख्या 25 से घटाकर पांच कर दी है और लिए जाने वाले शुल्क के प्रकारों की संख्या 72 से घटाकर 4 कर दी है। ड्रोन नियमों को आसान बनाने के बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि इस समय सड़क पर चलने वाली टैक्सियों की तरह ड्रोन नीति के तहत हमें भी हवा में टैक्सियां ​​नजर आ सकती हैं। 

सिंधिया ने कहा कि रक्षा और गृह मंत्रालय और नागरिक उड्डयन प्रौद्योगिकी ब्यूरो ड्रोन रोधी तकनीक पर काम कर रहे हैं। सिंधिया ने कहा कि वैश्विक स्तर पर एयर टैक्सियों पर रिसर्च और अविष्कार किया जा रहा है और कई स्टार्टअप भी आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह समय दूर नहीं है जब टैक्सी, जैसे उबर आदि जिसे आप सड़कों पर देखते हैं, ड्रोन नीति के तहत आप इन्हें हवा में देखेंगे।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मेरा मानना है कि यह बहुत हद तक संभव है। मंत्री ने कहा कि रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और बीसीएएस (नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो) एक साथ काम कर रहे हैं ताकि काउंटर रॉग ड्रोन तकनीक को विकसित किया जा सके और अपनाया जा सके।

बड़े ड्रोन के लिए रिमोट पायलट लाइसेंस शुल्क को कम करके 3000 रुपए और सभी श्रेणी के ड्रोन के लिए शुल्क 100 रुपए कर दिया गया है, जो 10 वर्ष तक वैध रहेगा। साथ ही यूजर फ्रेंडली सिंगल विंडो सिस्टम आधारित डिजटल स्काई प्लेटफॉर्म का विकास किया जाएगा। इसके माध्यम से अधिकांश स्वीकृतियों डिजटली प्राप्त हो जाएंगी और संचालकों को कायार्लयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे।

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