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सरकार ने तंजानिया को 30,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दी

सरकार ने तंजानिया को 30,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दी

भारत ने यूएई, बांग्लादेश को 64,400 टन प्याज निर्यात की अनुमति दी

भारत ने यूएई, बांग्लादेश और तंजानिया को चावल व प्याज निर्यात की अनुमति दी

नई दिल्ली
 सरकार ने तंजानिया को 30,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल और जिबूती और गिनी बिसाऊ को 80,000 टन टूटे चावल के निर्यात की अनुमति दी है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा है कि नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लि. (एनसीईएल) के माध्यम से यह निर्यात किया जाएगा।

हालांकि, घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के लिए 20 जुलाई, 2023 से गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध है, लेकिन सरकार अनुरोध के आधार पर कुछ देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों के लिए निर्यात की अनुमति देती है।

तंजानिया एक पूर्वी अफ्रीकी देश है, जबकि जिबूती अफ्रीकी महाद्वीप के उत्तर-पूर्वी तट पर है। गिनी-बिसाऊ पश्चिम अफ़्रीका का देश है।

अधिसूचना के अनुसार, जिबूती को 30,000 टन और गिनी बिसाऊ को 50,000 टन टूटे चावल के निर्यात की अनुमति दी गई है। भारत पहले भी नेपाल, कैमरून, कोटे डी आइवर, गिनी, मलेशिया, फिलिपीन और सेशेल्स जैसे देशों को इसके निर्यात की अनुमति दे चुका है।

भारत ने यूएई, बांग्लादेश को 64,400 टन प्याज निर्यात की अनुमति दी

सरकार ने नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बांग्लादेश को 64,400 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दे दी है।

वाणिज्य मंत्रालय ने इस बारे में अधिसूचना जारी की है। बांग्लादेश को जहां 50,000 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी गई है, वहीं यूएई को 14,400 टन प्याज का निर्यात किया जाएगा। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा, ''एनसीईएल के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात को तिमाही 3,600 टन की सीमा के साथ 14,400 टन प्याज का निर्यात अधिसूचित किया गया है।''

डीजीएफटी वाणिज्य मंत्रालय की इकाई है जो आयात और निर्यात से संबंधित मानदंड को देखती है। बांग्लादेश को निर्यात के बारे में कहा गया है कि इसका तौर-तरीका एनसीईएल उपभोक्ता मामलों के विभाग के साथ विचार-विमर्श में तय करेगा। हालांकि, प्याज के निर्यात पर अभी प्रतिबंध है लेकिन सरकार कुछ मित्र देशों को एक निश्चित मात्रा में इसके निर्यात की अनुमति देती है। इस निर्यात की अनुमति सरकार द्वारा अन्य देशों से मिले अनुरोधों के आधार पर दी जाती है। पिछले साल आठ दिसंबर को सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के मकसद से इस साल 31 मार्च तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।

इससे पहले केंद्र ने अक्टूबर, 2023 में उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए खुदरा बाजार में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बफर स्टॉक के प्याज की बिक्री बढ़ाने का फैसला किया था। कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार पहले भी कई कदम उठा चुकी है। सरकार ने 28 अक्टूबर को 31 दिसंबर, 2023 तक प्याज निर्यात पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया था। अगस्त में भारत ने प्याज पर 31 दिसंबर, 2023 तक 40 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगाया था। चालू वित्त वर्ष में एक अप्रैल, 2023 से चार अगस्त, 2023 के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया। मूल्य के लिहाज से शीर्ष तीन आयातक देश बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं।

 

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