राज खुलने के डर से सहायक प्रशिक्षकों को बनाया बलि का बकरा…
श्रम निरीक्षक के साथ मिलकर तीन खेल प्रशिक्षकों ने एकेडमी के नियमों से की छेड़छाड़…
आहर्ताओं को ताक पर रखकर तीन साल अनुबंध की कुट रचना कर डाली…
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इंपेक्ट डेस्क.
बीजापुर। स्पोर्टस अकादमी बीजापुर में चार सालों से कार्यरत् दस खेलों के सहायक प्रशिक्षकों को काम से निकालने के बाद अब यह मामला थमने का नाम लेते हुआ नजर नहीं आ रहा है। इस पूरे मामले में रोजगार से बेरोजगार हो चुके सहायक प्रषिक्षकों ने श्रम निरीक्षक और अन्य तीन खेलों के प्रशिक्षकों पर एकेडमी के नियमावली के साथ छेड़छाड़ करने और उन्हें काम से बाहर निकालने का षडयंत्र रचने का गंभीर आरोप लगाया है। सहायक प्रशिक्षकों द्वारा किए गए लिखित शिकायत की मानें तो संभवतः ये सभी सहायक प्रषिक्षक श्रम निरीक्षक समेत तीन अन्य प्रशिक्षकों द्वारा अकादमी में किए जा रहे गड़बड़ी और नियमाविरूद्ध किए गए कार्यों के राजदार थे और उन्हीं मामलों को दबाकर अपनी गलती छिपाने साथ ही एकेडमी में जमे रहने के लिए सहायक प्रशिक्षकों को अकादमी से बाहर कर दिया गया।
सहायक कोच कुमारी भावना भगत, सीनोज पुनेम, गोपी मंडावी और निशा दनाम की मानें तो श्रम निरीक्षक सोपान करनेवार के साथ मिलकर कराते कोच प्रकर्ष राव पतकी, तीरंदाजी कोच दुर्गश प्रताप सिंह और सुरज गुप्ता द्वारा एकेडमी के प्रभारी अधिकारी को गुमराह कर अपने लाभ के लिए पूर्व में बनाए गए नियमावली के साथ छेड़छाड़ किया गया और सारे नियम बदल दिए गए। इन चारों ने मिलकर बड़े ही शातिर तरीके से स्वयं को तीन वर्षों के लिए अकादमी में अनुबंध करवाने कुट रचना रची गई। भर्ती में रखे गए शर्तों के अनुसार अभ्यर्थी को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना अनिवार्य करने पर एनआईएस कोच दुर्गेश प्रताप सिंह के अलावा छत्तीसगढ़ में कोई नहीं बचा है।
चूंकि इस खेल से जुड़े अन्य कोच शासकीय और अशासकीय नौकरी में नियमित कार्यरत् है। सहायक कोचो की मानें तो तीरंदाजी प्रशिक्षक दुर्गेश प्रताप सिंह ने कंपाउंड वर्ग में एनआईएस किया है, जो नॉन ओलंपिक गेम है और ओलंपिक में सिर्फ रिकब वर्ग को सम्मिलित किया गया है। वही जुडो कोच सूरज गुप्ता 45 दिनों का सर्टीफिकेट कोर्स , शॉट एनआईएस किया हुआ है, वह भी छग में अकेला है। क्योंकि इस खेल से जुड़े अन्य दो एनआईएस शासकीय सेवा में पदस्थ है। साथ ही तीन अन्य शार्ट एनआईएस जुडो कोच भी शासकीय नौकरी में है। जुडो प्रषिक्षक सूरज गुप्ता ने इसी वर्ष अगस्त माह में ही 3 अगस्त से 18 अगस्त तक अमृतसर पंजाब मंे शार्ट एनआईएस का 45 दिन का कोर्स पंद्रह दिन का प्रषिक्षण प्राप्त किया है।
उसके अलावा उसने ऑनलाइन क्लास अटेंड किया है। यह आहर्ता उनके द्वारा एकेडमी में सेवा देते हुए एकेडमी के नियम के विरूद्ध जाकर हासिल किया। पूर्व में सूरज गुप्ता की नौकरी एकेडम में मात्र राष्टीय खिलाड़ी होने पर लगी थी, जबकि यह अवसर बीजापुर जिले के स्थानीय खिलाड़ियों को मिलना था। वही दूसरी ओर कराते कोच प्रकर्ष राव अकादमी के बनाए गए नए नियम के तहत् शासकीय संस्था के अनुभव के आधार पर चयनित हो जाएंगे। इनके द्वारा बहुत ही शातिराना तरीके से 89 दिनों की भर्ती को तीन वर्षों के लिए अनुबंधित करने का खेल रचा गया, जोकि अकादमी के नियमावली की अवहेलना करते हुए बनाया गया और इन सारी गड़बड़ियों की जानकारी सभी सहायक प्रषिक्षकों को थी, इसलिए कही इनका राज लोगों के सामने ना आ जाए इसी मामले को दबाने के लिए इनके द्वारा सहायक कोचो को एकेडमी से बाहर करने का षडयंत्र रचा गया, वही दूसरी ओर तीरंदाजी प्रषिक्षक को लेकर एक बड़ा खुलासा करते हुए सहायक प्रषिक्षकों ने बताया कि तीरंदाजी कोच दुर्गेश प्रताप सिंह की सेवा समाप्त कर नई भर्ती की जा चुकी थी, बावजूद वह आज पर्यंत तक अकादमी में बना हुआ है।
सेवा समाप्ति के बाद आज तक दोबारा नियुक्ति का आदेष प्रषासन द्वारा नहीं किया गया है, बावजूद प्रशासन उसे लगातार सेवा के बदले वेतन दे रहा है, जबकि सेवा समाप्ति की आदेष की मानें तो डेढ़ साल पूर्व ही तीरंदाजी कोच की अकादमी से सेवा समाप्त कर दी गई थी । उन्होंने यह भी बताया कि जुडो कोच सूरज गुप्ता स्वयं को एनएसयूआई का प्रदेश सचिव बताकर लगभग तीन माह अवैधानिक तरीके से अकादमी के नियम के विरूद्ध नो वर्क नो पेमेंट में रहकर राजनैतिक पहुंच का फायदा उठाते हुए अब तक अकादमी की नौकरी में बने हुए हैं। काम से निकाले गए सहायक प्रषिक्षकांे ने मांग की है कि इन चारों के द्वारा पूर्व प्रभारी को धोखे में रखकर स्पोर्टस अकादमी बीजापुर की छवि धूमिल करने की कोषिष की गई है। जिसमें श्रम निरीक्षक सोपान करनेवार की प्रमुख भूमिका रही है, इसलिए इन पर दण्डात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।