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छत्तीसगढ़ का शिक्षा विभाग नशे में…? आदेश MK अम्बस्ट का और SK अम्बस्ट को किया भारमुक्त… तकनीकी खामियों का पुलिंदा बन गया है आदेश…

इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर।

छत्तीसगढ़ में इन दिनों शिक्षा विभाग में शनि का प्रभाव बढ़ा हुआ है। कभी भारी भरकम तबादला की फाइल गुम हो रही है तो कभी प्रतिनियुक्ति में खेला लोगों की जुबान पर चढ़ रहा है। प्रदेश के सबसे कद्दावर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के विभाग पर इस तरह की ग​ड़बड़ियों की चर्चा चल ही रही ​थी कि अब दंतेवाड़ा में हाल ही में पदस्थ किए गए डीईओ को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है।

कोरबा, मुंगेली में DMC रहे एक अधिकारी को भाजपा के कार्यकाल में एक बार फिर मलाईदार पोस्टिंग हासिल हो गई है। चंद दिनों तक प्राचार्य रहने के बाद दंतेवाड़ा में डीईओ के तौर पर एक बार फिर प्रभार हासिल हो गया। मजेदार बात तो यह है कि राज्य शासन में समन्वय के बाद जारी तबादला सूची में एम के अम्बस्ट को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के तौर पर पदस्थापना दी गई। एम के अम्बस्ट के तबादला के बाद बिलासपुर के जिला शिक्षा अधिकारी ने 14 मार्च 2024 को एस के अम्बस्ट को भारमुक्त कर दिया। तकनीकी तौर पर यह बड़ी खामी है कि नाम पर ही साफ त्रूटि होने के बाद भी जल्दबाजी में भारमुक्त करने का आदेश बिना संशोधन के उचित नहीं है।

अब उठ रहा टाइमिंग पर सवाल
13 मार्च की रात करीब आठ बजे राज्य शासन ने तबादला आदेश जारी किया। 14 मार्च को सु​बह साढ़े दस बजे से पहले जब तक दफ्तर खुल नहीं जाता तब तक किसी को भारमुक्त करने का सवाल ही नहीं उठता। जबकि आदेश में नाम की त्रूटि के बाद भी एसके अम्बस्ट ने दोपहर करीब दो बजे ही दंतेवाड़ा में अपनी ज्वाइनिंग दे दी। चार घंटे के भीतर किसी का बिलासपुर से भारमुक्त होकर दंतेवाड़ा पहुंच पाना कतई संभव नहीं है।

दो माह में तीसरे डीईओ
दंतेवाड़ा जिले में श्री अम्बस्ट अब दो माह में तीसरे डीईओ के रूप में पदभार ग्रहण कर चुके हैं। इससे पहले प्रमोद ठाकुर को हटाकर राजकुमार कठौते की पदस्थापना की गई। श्री कठौते को पूरा प्रभार तब मिला जब राज्य शासन ने भ्रष्टाचार के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद ठाकुर को विधानसभा में निलंबित करने की घोषणा की। इसके महीने भर के बाद ही राजकुमार कठौते को सहायक सांख्यि​की अधिकारी के तौर पर जगदलपुर भेज दिया गया। वैसे भी वे सहायक जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर हैं। इस तरह से शिक्षा विभाग के इस आदेश में यह दूसरी बड़ी खामी है।

एक यह भी संयोग
आईएएस किरण कौशल के साथ भी श्री अम्बस्ट का एक संयोग बना हुआ है। वे जहां—जहां रहीं वहां—वहां अम्बस्ट भी जिला शिक्षा अधिकारी या समग्र शिक्षा में प्रतिनियुक्ति पर रहे। अब यह भी संयोग ही है कि किरण कौशल दंतेवाड़ा की प्रभारी सचिव हैं और वहां श्री अम्बस्ट जिला शिक्षा अधिकारी के तौर पर काम संभाल चुके हैं।

एक ऐसा आदेश
जनवरी 2022 को निकला तबादला आदेश अब सुर्खियों में हैं। पूरे प्रदेश में श्री अम्बस्ट इकलौते ऐसे ​DMC हैं जिनका नाम तबादला आदेश में तो शामिल है पर नवीन पदस्थापना की जगह यथावत शब्द का उल्लेख किया गया है।

इम्पेक्ट से चर्चा में अफसरों ने क्या कहा

डीईओ के तौर पर एसके अम्बस्ट के भारमुक्त होने की कॉपी प्राप्त होने के बाद उन्हें विधिवत कार्यभार सौंप दिया गया। मूल आदेश में नाम की त्रूटि के संबंध में हमें कोई जानकारी नहीं है। चुनाव के समय बिना जिला शिक्षा अधिकारी के काम लेना संभव नहीं है इसलिए तत्काल आदेश का पालन किया गया। — मयंक चतुर्वेदी कलेक्टर दंतेवाड़ा

हमें यह पता नहीं है कि वे एसके हैं या एमके… एडीईओ से पूछकर बताता हूं। भारमुक्त होने के बारे में भी उन्हीं से चर्चा कर बताता हूं। —टीकाराम साहू डीईओ बिलासपुर

मैं इस समय अवकाश पर हूं। अवकाश के बीच मुझे एक तरफा भारमुक्त कर दिया गया है। — राजकुमार कठौते

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