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ईडी के फरमान के बाद डीएमएफ की साइट पर दनादन अपलोड किए जा रहे आंकड़े… छत्तीसगढ़ में अब तक 6583 करोड़ मिले इसमें नंबर वन में 1246 करोड़ के साथ कोरबा और 873 करोड़ के साथ दंतेवाड़ा नंबर दो स्थान पर…

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इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर।

आज पूरे प्रदेश के डीएमएफ लाभान्वित जिलों में हलचल रही। डीएमएफ का हिसाब खंगालने में पूरा प्रशासन जुटा रहा। वजह रही प्रवर्तन निदेशालय का वह पत्र जिसे पीएमएलए के तहत खनिज विभाग को सभी जिलों से डीएमएफ की जानकारी प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। इसकी मियाद 4 अगस्त तक है। यानी शुक्रवार को सभी जिलों से जिला खनिज न्यास के सारे रिकार्ड प्रवर्तन निदेशालय को सौंपे जाने हैं।

ईडी ने इसके लिए एक पत्र बीते 24 जुलाई को जारी किया था। जिसके तहत स्पष्ट निर्देशित किया गया था कि जिन बिंदुओं के आधार पर जानकारी मांगी जा रही है उसके तहत उसे प्रस्तुत किया जाए। इसकी साफ्ट कॉपी और हार्ड कापी एक साथ देने के लिए संचानालय भौमिक तथा खनिकर्म ने सभी कलेक्टर सह जिला खनिज न्यास अध्यक्षों को 31 जुलाई को पत्र भेजा था। जिसमें स्पष्ट तौर पर सं​दर्भित पत्र का जिक्र करते कहा गया कि मांगी गई जानकारी भेजी जाए। देखें पत्र

ईडी के पत्र में जो सात बिंदु हैं वे इस प्रकार हैं

  • 1- कोरबा के अलावा छत्तीसगढ़ में डीएमएफ स्कीम के तहत जिलों को आवंटित किए गए धन की वर्ष-वार राशि।
  • 2- इन जिलों के विभागों/एजेंसियों को डीएमएफ द्वारा जारी किए गए फण्ड के वर्ष-वार और परियोजना-वार विवरण।
  • 3- डीएमएफ द्वारा जारी किए गए फण्ड का उपयोग करके इन जिलों द्वारा जिन विभागों/ एजेंसियों से कार्य करवाया गया, उन का विवरण।
  • 4- इन जिलों में इन विभागों द्वारा इस फण्ड का उपयोग करके किए गए परियोजनाओं/कार्यों का विवरण।
  • 5- उपरोक्त कार्य जिन ठेकेदार/फर्मों को दिए गए, उनका विवरण, उनके पैन/जीएसटीआईएन और पते के साथ।
  • 6- इन एजेंसिजेंयों/विभागों द्वारा ठेकेदार/फर्मों को किए गए पेमेंट के परियोजना-वार विवरण, जिस बैंक खाते से पेमेंट किए गये, उनका विवरण।
  • 7- डीएमएफ फण्ड का उपयोग करने के लिए सरकार द्वारा जारी/निर्धारित दिशा-निर्देशिकाएं/नियम/विनियमों के विवरण, और इस फण्ड के उचित उपयोग के लिए उनमें लगाए गए प्रतिबंधों का विवरण।

मजेदार बात तो यह है कि अब तक छत्तीसगढ़ के डीएमएफ की वेबसाइट में किसी भी जिले की जानकारी नहीं थी जो अब उपलब्ध है। इस जानकारी के अनुसार तो प्रदेश के कोरबा जिले को सबसे ज्यादा 124626.61 लाख रुपए का फंड न्यास निधि से हासिल हुआ है। इसके बाद दूसरे नंबर पर दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिला है जिसे 87286.93 लाख रुपए का आबंटन न्यास निधि से हासिल है। दंतेवाड़ा जिले में कोरबा जिले की तरह जिला खनिज न्यास से मनमानी काम के आरोप लगते रहे हैं।

दंतेवाड़ा में प्रतिव्यक्ति करीब साढ़े तीन लाख का हिसाब

महज चार ब्लाक वाले इस जिले में करीब नौ सौ करोड़ रुपए का आबंटन यदि बीते कुछ वर्षों में प्राप्त हुआ है तो यह राशि यहां की कुल आबादी के लिए बहुत बड़ी है। करीब ढाई लाख की आबादी वाले इस जिले में यदि नौ सौ करोड़ रुपए बांट दिए जाएं तो प्रति व्यक्ति करीब साढ़े तीन लाख रुपए का हिसाब निकलता है। इस जिले में अरबों रुपए के निर्माण के आंकड़े डीएमएफ की साइट पर अब दर्ज हो चुके हैं। यदि इन कार्यों की टेंडर प्रक्रिया और कार्य पूर्णता के पैमाने की जांच बारिकी से ​की जाए तो जिन एजेंसियों को काम सौंपा गया है वे सभी निशाने पर आ सकते हैं।

डीएमएफ की राशि के बंटवारे का पैमाना

छत्तीसगढ़ सरकार ने 2021 तक जो व्यवस्था राजपत्र में जिला खनिज न्यास निधि के बंटवारे को लेकर जारी की थी उसके अनुसार पहले दंतेवाड़ा जिले को खनन के राजस्व के एवज में प्राप्त होने वाली न्यास निधि का 30 प्रतिशत और दूसरे नंबर पर बस्तर जिला को 20 प्रतिशत मिलता रहा। पर 6 जनवरी 2023 को प्रकाशित राजपत्र के अनुसार यह राशि बदल गई। इसके अनुसार अब दंतेवाड़ा जिले को 33 प्रतिशत बस्तर और बीजापुर को 17—17, सुकमा को 16, नारायणपुर को सात, कोंडागांव को छह और कांकेर को चार प्रतिशत राशि दी जा रही है।

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