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आखिर नेता नगरी के हीरो सौरभ #लल्लनटॉप ने माफी क्यों मांगी? क्या थी वह गलती जिसका पछतावा उन्हें भी हुआ? देखें विडियो में माफी नामा… सोशल मीडिया की ट्रोल आर्मी की हकीकत…

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सुरेश महापात्र।

इन दिनों देश के लल्लन टॉप पत्रकार सौरभ द्विवेदी सोशल मीडिया में बहुत ज्यादा ट्रेंड कर रहे हैं। इस ट्रेंडिंग की वजह जानेंगे तो चौंक जाएगें! वजह है अतीत की गलतियां जिनके लिए आज उन्हें जबरदस्त ट्रोल किया जा रहा है।

मसला है उन दिनों का जब ट्विटर का क्रेज बस शुरू ही हुआ था। उच्च मध्यम वर्ग और उच्च वर्ग के मध्य अपनी बात को रखने का एक ऐसा जरिया जिससे वे खुद ही लहालोट हुए जाते थे। धीरे—धीरे सोशल मीडिया का यह प्लेटफार्म करोड़ों उपयोगकर्ताओं तक पहुंचा और उन दिनों जो कम लोगों के बीच में मजा लेने के लिए बातें परोसी जातीं थी उसके शब्द अब उन्हें खुद चुभने लगे हैं।

ऐसा अब स्वयं सौरभ द्विवेदी भी मानने लगे हैं। उन्होंने इसी प्लेटफार्म पर इस स्वीकार्यता के साथ कि अतीत के शब्द गलत थे… मायने गलत थे… शर्मनाक जैसे थे… कहते अतीत के लिए माफी भी मांग ली है। साथ ही यह भी ऐलान किया है कि वे उन गलत माने जा रहे ट्वीट को अपने हिस्से से निकाल देंगे।

पर इस माफी से पहले ऐसा क्या हुआ कि देश का लल्लनटॉप शो का एंकर ट्रोल का​ शिकार हो गया। उसे माफी तक मांगनी पड़ी।

दरअसल हाल ही में लल्लनटॉप ने अपने एक नए शो के लिए एक तस्वीर जारी की। इसमें वे दिखाना चाह रहे थे कि जिस शो की बात हो रही है उसके लिए लोग कितने उत्सुक हैं। इस तस्वीर में अक्षय कुमार की एक फनी तस्वीर के साथ इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी की एक तस्वीर को एंगेज किया गया था। जिसे किसी समय भाजपा के ट्रोल टीम ने सोशल मीडिया पर शेयर किया हुआ था।

इस तस्वीर के सामने आते ही हाल ही में सोशल प्लेटफार्म पर बेहद आक्रामक तरीके से एक्टिव हुई कांग्रेस की ट्रोल आर्मी ने पकड़ ली। इसके बाद शुरू हुआ लल्लनटॉप के सुपर एंकर नेतानगरी के मालिक सौरभ द्विवेदी के अतीत को खंगालने का काम। इस काम को शुरू करते ही सौरभ द्विवेदी के 2014 से लेकर 2016 के बीच के कई ट्वीट के स्क्रीन शॉट शेयर किए जाने लगे। जमकर भद पिटनी शुरू कर दी गई।

सौरभ के प्रशंसक बचाव मुद्रा में आने लगे। जिन्होंने सौरभ को बचाने की कोशिश की उनके खिलाफ भी माहौल गरमाने लगा। कुल मिलाकर सोशल मीडिया के इस दौर में कोई अब बच नहीं सकता। यह तो तय हो ही गया।

अंतत: आज सौरभ द्विवेदी लल्लन टॉप के नेतानगरी के सेट पर खुद उपस्थित हुए और अतीत से लेकर अब तक के सफर का जिक्र करते खुद स्वीकार किया कि वे ट्वीट गलत थे। और तो और उन ट्वीट्स की भाषा भी शर्मनाक थी। पर एक ट्वीट का जिक्र करते उसकी सच्चाई भी रखी और उसके लिए माफी मांगने से इंकार कर दिया।

अपनी सफाई में सौरभ ने राजीव गांधी की मौत की सूचना पर ट्वीट का आशय बताया। उसे अपने गांव की कहानी से जोड़ते कहा कि जो समझा गया है वह गलत है। कोई भी व्यक्ति किसी की मौत का इस तरह से मजाक तो बना ही नहीं सकता। यह भी सौरभ ने अपनी सफाई में साफ किया।

सोशल मीडिया में सबसे पहली बार एनडीटीवी के प्राइम टाइम एंकर रविश कुमार ने अपने ही प्राइम टाइम में जिक्र करते ‘बागों में बहार है…’ का प्रसारण किया था। तब भी बहुत कम लोगों को यह बात समझ में आई थी कि आखिर ट्रोल होता क्या है? जिसे रविश ने इतना बड़ा मुद्दा बना दिया।

पंकज झा और आशुतोष भारद्वाज ने सौरभ का बचाव करते लिखा है

अब हर बड़े—छोटे को इस बात का साफ अहसास है कि सोशल मीडिया में ट्रोलिंग एक वैपन की तरह काम करता है। इसका दुष्प्रभाव यही होता है कि वैचारिक तौर पर मतभेद का स्तर चरम मनभेद के स्तर को लांघ जाता है।

यदि आप किसी भी बड़े सेलिब्रिटी या नेता के सोशल मीडिया अकाउंट में तफरीह करेंगे तो ऐसे ट्रोलर्स बड़ी संख्या में एक्टिव दिखेंगे जो बेहद अपमानजनक शब्दों का उपयोग करते हुए घेरने की कोशिश करते दिखेंगे। जरूरी नहीं कि वे सभी किसी राजनीतिक मंशा से ऐसा कर रहे हों। पर इसकी शुरूआत राजनीति के लिए हथियार के तौर पर की गई अब यह बहुत से लोगों की आदत का हिस्सा बन चुका है। इसके चलते बहुत से लोग मानसिक अवसाद से भी गुजर चुके हैं।

खैर मसला सौरभ लल्लनटॉप के स्क्रीन शॉट की हो रही थी तो उनके माफी मांगने के बाद बहुत से लोगों ने विशेषकर पत्रकार बिरादरी ने उनके पक्ष में खड़े होने की कोशिश की है। बहुत से लोगों को यह जानकर आश्चर्य भी हुआ कि जिसे वे लल्लनटॉप समझ रहे थे उसकी भाषा भी कभी गली—मुहल्लों के गए गुजरे लोगों के स्तर की रही।

सौरभ का मसला हर उस व्यक्ति के लिए एक शिक्षा है। जो अपनी जवानी की गलती को छिपाने में नाकामयाब हुए। जब अच्छा खासा घर बस गया तो जवानी की गलती की वह स्क्रीन शॉट अच्छा खासा जीवन बर्बाद करने के स्तर पर पहुंच सकती है।

ऐसा नहीं है कि केवल सौरभ ही अतीत के खंगाले गए। बल्कि इन दिनों कांग्रेस के स्वर्णिम समर्थकों की ट्वीट भी भारी रिट्वीट हो रही है। उसके देखें किसका कितना रोचक अतीत…

सो सावधान… यदि कुछ गलत हुआ हो तो आपके खिलाफ मी टू अभियान चले इससे पहले सौरभ द्विवेदी जैसा लल्लनटॉप दिल दिखाइए और गलतियों के लिए माफी मांग लें। क्योंकि हम इंसान हैं गलतियां हो सकती है। उम्र के साथ समझ विकसित होती है और समझ के साथ पुराने शब्द ही खुद को खलने लगते हैं।

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