Breaking NewscorruptionState News

छत्तीसगढ़ में महादेव एप को लेकर ईडी की कार्रवाई के बाद जारी बयान : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को महादेव सट्‌टेबाजी ऐप के प्रमोटरों ने 508 करोड़ रुपए का भुगतान किया!

Getting your Trinity Audio player ready...

इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर।

आज की सबसे बड़ी खबर छत्तीसगढ़ में महादेव एप को लेकर ईडी की कार्रवाई के बाद जारी बयान है जिसमें ईडी ने साफ तौर पर पहली बार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को नामजद कर पांच सौ करोड़ से ज्यादा राशि लेने का आरोप लगाया है। इस बारे में ईडी ने बकायदा प्रेस में बयान जारी किया है।

शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन भेजने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ एक्शन मोड दिखाना शुरू कर दिया है। भूपेश बघेल को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ईडी का दावा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को महादेव सट्‌टेबाजी ऐप के प्रमोटरों ने 508 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। ED ने यह दावा- गुरुवार को गिरफ्तार किए गए कैश कूरियर असीम दास के हवाले से किया है। साथ ही ED ने कहा है कि अब इसकी जांच की जा रही है।

ED ने गुरुवार को कूरियर असीम दास उर्फ बप्पा दास के पास से 5 करोड़ 39 लाख रुपए बरामद करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया। महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप और उसके प्रमोटरों की ED मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत जांच कर रही है। ED ने प्रेस रिलीज कर इसका दावा किया है।

असीम दास और उसके साथी कॉन्स्टेबल भीम सिंह यादव को रायपुर की विशेष अदालत में शुक्रवार शाम करीब 5 बजे पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 7 दिन की ED की रिमांड पर भेज दिया है। अब अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी।

ED के वकील ने कहा कि, भीम सिंह यादव सुपेला पुलिस में कॉन्स्टेबल है। हमें जानकारी मिली थी कि यह 3 बार दुबई गया है। 2 यात्राओं में यह महादेव प्रमोटर्स से भी मिला। साथ ही उसकी बुकिंग भी इन लोगों ने ही कराई थी। इसके अलावा जो पैसा आया है वह भी इलेक्शन के समय में पॉलिटिकल पार्टी को डिस्ट्रिब्यूट हो रहा था।

बताया जा रहा है कि असीम दास पेशे से ड्राइवर है और ऑनलाइन सट्टा ऐप चलाता है। ED को आशंका है कि उसके घर से मिला पैसा ऑनलाइन सट्टा ऐप का है जिसे चुनाव में खर्च करने के लिए रखा गया था। जिसके बाद गुरुवार को कार्रवाई के लिए ED के अधिकारी ताला तोड़कर मकान में घुसे थे।

2019 में जूस बेचने वाले सौरभ ने शुरू किया था महादेव बेटिंग ऐप

छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी रामेश्वर चंद्राकर नगर निगम में पानी के पंप चलाने वाले ऑपरेटर का काम करते हैं। उनके बेटे का नाम सौरभ चंद्राकर है। सौरभ भिलाई में ही ‘जूस फैक्ट्री’ के नाम से एक छोटी सी जूस की दुकान चलाता था। इसी दौरान उसकी दोस्ती रवि उप्पल नाम के एक इंजीनियर से हो गई।

2017 में रवि और सौरभ ने मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट बनाई। हालांकि, शुरुआत में इस वेबसाइट के कम यूजर्स थे और इससे काफी कम कमाई होती थी।

सौरभ की कमाई का मुख्य जरिया जूस की दुकान ही थी। उसका दोस्त रवि उप्पल एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। 2019 में नौकरी के लिए सौरभ दुबई चला गया। कुछ समय बाद सौरभ ने अपने दोस्त रवि उत्पल को भी दुबई बुलवा लिया। रवि के दुबई पहुंचने से पहले सौरभ ने बेटिंग वेबसाइट के जरिए पैसा कमाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया था।

इसके बाद दोनों ने महादेव बुक ऑनलाइन के नाम से एक बेटिंग वेबसाइट और ऐप बनाया। इसे सोशल मीडिया और दूसरे तरीके से प्रमोट करना शुरू कर दिया।

सौरभ ने महादेव कंपनी का बिजनेस फैलाने के लिए दो रास्ते अपनाए। पहला- सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर के जरिए ऐप को प्रमोट करवाया। दूसरा- सट्टा लगाने वाले दूसरे ऐप और वेबसाइट को खरीद लिया।

‘महादेव बुक’ नाम के इस ऐप से कुछ ही महीनों के भीतर 12 लाख से अधिक लोग जुड़ गए। इसने जुड़ने वालों में सबसे ज्यादा लोग छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे। क्रिकेट से लेकर चुनाव तक में सट्टा लगाने के लिए लोग इस ऐप का इस्तेमाल करते थे। इसके यूजर्स इस ऐप के इस्तेमाल के लिए अलग से बैंक अकाउंट तक खुलवाने लगे थे।

कोरोना महामारी और इसके बाद ‘महादेव ऐप’ का कारोबार तेज रफ्तार से आगे बढ़ा। 2021 में कोरोना की वजह से बिना दर्शकों के IPL का आयोजन हुआ। उस वक्त महादेव ऐप के जरिए 2 हजार करोड़ से ज्यादा की सट्टेबाजी हुई थी।

महादेव बुक ऑनलाइन कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया है कि फिलहाल 99 लाख से ज्यादा लोग उसके साथ जुड़े हैं।

इसी साल फरवरी की बात है। UAE के चमचमाते शहर रास अल खैमाह में एक आलीशान शादी हुई। इसके मेहमानों के लिए चार्टर्ड प्लेन लगे थे। पार्टी में शामिल होने और परफॉर्म करने के लिए सनी लियोनी, नेहा कक्कड़, आतिफ असलम, टाइगर श्राफ जैसे दर्जनों सेलिब्रिटी बुलाए गए।

शादी के लिए योगेश बापट की इवेंट मैनेजमेंट कंपनी आर-1 इवेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को हायर किया गया। इस लैविश शादी में करीब 200 करोड़ रुपए खर्च हुए और पूरा पेमेंट हवाला या कैश में किया गया। ये शादी थी छ्त्तीसगढ़ के भिलाई में रहने वाले 28 साल के सौरभ चंद्राकर की।

इस शादी के बाद सौरभ और उनका महादेव बेटिंग ऐप जांच एजेंसियों के रडार पर आ गया। इसी मामले में रणबीर कपूर और कपिल शर्मा जैसे सेलिब्रिटीज को ED ने समन भेजा है। महादेव बेटिंग की मनी लॉन्ड्रिंग के इस लपेटे में दर्जनों बॉलीवुड सेलिब्रिटी आ सकते हैं।

छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी रामेश्वर चंद्राकर नगर निगम में पानी के पंप चलाने वाले ऑपरेटर का काम करते हैं। उनके बेटे का नाम सौरभ चंद्राकर है। सौरभ भिलाई में ही ‘जूस फैक्ट्री’ के नाम से एक छोटी सी जूस की दुकान चलाता था। इसी दौरान उसकी दोस्ती रवि उप्पल नाम के एक इंजीनियर से हो गई।

2017 में रवि और सौरभ ने मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट बनाई। हालांकि, शुरुआत में इस वेबसाइट के कम यूजर्स थे और इससे काफी कम कमाई होती थी।

सौरभ की कमाई का मुख्य जरिया जूस की दुकान ही थी। उसका दोस्त रवि उप्पल एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। 2019 में नौकरी के लिए सौरभ दुबई चला गया। कुछ समय बाद सौरभ ने अपने दोस्त रवि उत्पल को भी दुबई बुलवा लिया। रवि के दुबई पहुंचने से पहले सौरभ ने बेटिंग वेबसाइट के जरिए पैसा कमाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया था।

इसके बाद दोनों ने महादेव बुक ऑनलाइन के नाम से एक बेटिंग वेबसाइट और ऐप बनाया। इसे सोशल मीडिया और दूसरे तरीके से प्रमोट करना शुरू कर दिया।

सौरभ ने महादेव कंपनी का बिजनेस फैलाने के लिए दो रास्ते अपनाए। पहला- सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर के जरिए ऐप को प्रमोट करवाया। दूसरा- सट्टा लगाने वाले दूसरे ऐप और वेबसाइट को खरीद लिया।

फिलहाल महादेव एप को लेकर छत्तीसगढ़ से शुरू हुई कार्रवाई कई राज्यों तक पहुंच चुकी है। छत्तीसगढ़ में इस समय चार दिन बाद विधानसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान है। ऐसे में ईडी के इस बयान से कांग्रेस की शाख को बट्टा लगना तय है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहली प्रतिक्रिया

रायपुर 3 नवंबर 2023. जैसा कि मैंने पहले कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ईडी, आईटी, डीआरआई और सीबीआई जैसी एजेंसियों के सहारे छत्तीसगढ़ का चुनाव लड़ना चाहती है. चुनाव के ठीक पहले ईडी ने मेरी छवि धूमिल करने की सबसे कुत्सित प्रयास किया है. यह कांग्रेस की लोकप्रिय सरकार को बदनाम करने का राजनीतिक प्रयास है जो ईडी के माध्यम से किया जा रहा है. ‘महादेव ऐप’ की कथित जांच के नाम पर ईडी ने पहले मेरे करीबी लोगों को बदनाम करने के लिए उनके घर छापे डाले और अब एक अनजान से व्यक्ति के बयान को आधार बनाकर मुझ पर 508 करोड़ लेने का आरोप लगा दिया है.

ईडी की चालाकी देखिए कि उस व्यक्ति का बयान ज़ाहिर करने के बाद एक छोटे से वाक्य में लिख दिया है कि बयान जांच का विषय है. अगर जांच नहीं हुई है तो एक व्यक्ति के बयान पर प्रेस रिलीज़ जारी करना न केवल ईडी की नीयत को बताता है बल्कि इसके पीछे केंद्र सरकार की बदनीयती को भी ज़ाहिर करता है. इस समय राज्य में चुनाव हो रहे हैं. सब कुछ चुनाव आयोग के हाथों में है. पुलिस के अलावा सीआरपीएफ़ के जवान जांच कर रहे हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी रकम लेकर लोग किस तरह से छत्तीसगढ़ पहुंच पा रहे हैं? कहीं इसमें भी तो केंद्रीय एजेंसियों की सांठगांठ नहीं चल रही है? कहीं ये रकम उन संदूकों में तो भरकर नहीं लाई गई है जो ईडी के अफ़सरों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ विशेष विमान पहुंची हैं?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दोनों मिलकर भी कांग्रेस का छत्तीसगढ़ में मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं तो वे जांच एजेंसियों के सहारे चुनाव लड़ना चाहते हैं. ईडी के ख़िलाफ़ मैंने खुले बयान दिए हैं और जनता को बताता रहा हूं कि ईडी किस तरह से काम करती है. वह पहले लोगों के नाम तय करती है फिर लोगों को गिरफ़्तार करके धमकाती डराती है और नाम लेने के लिए बाध्य करती है. इसके लिए वह किसी भी हद तक जा सकती है. मारना, डराना धमकाना तो सामान्य बात है. कांग्रेस तैयार है. कांग्रेस का एक एक कार्यकर्ता तैयार है. ईडी, आईटी जैसी एजेंसियों के मुक़ाबले के लिए छत्तीसगढ़ की जनता हमारे साथ है.

error: Content is protected !!