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सेकेट्री टू सीएम पी दयानंद ने जब सपेरों को झोपड़ी से निकालकर दिलाया पीएम आवास योजना का लाभ…

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इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर/बिलासपुर।

बतौर प्रशासनिक अधिकारी हर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को कुछ अलग करने की चाहत होती है। इसके पीछे सोच होती है समाज में एक बड़ा बदलाव लाने की। जो ऐसा कर पाता है वही सफलता की कहानी लिखता है। मंगलवार को देर रात अचानक खबर आई कि 2006 बैच के आईएएस पी दयानंद को नव निर्वाचित मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपना सचिव नियुक्त किया है। इसके बाद दयानंद यकायक चर्चा में आ गए।

बतौर प्रशासनिक अधिकारी पी दयानंद ने कई जिलों में काम किया है। पर बिलासपुर जिले में कलेक्टर रहते उन्होंने एक ऐसा काम ​कर दिखाया कि एक समाज की जिंदगी ही बदल गई। यायावर सपेरों की बसाहट की समस्या को दूर करने के लिए बतौर जिला अधिकारी पी दयानंद की प्रशासनिक सफलता की कहानी आज भी लोगों की जुबां पर है।

दरअसल बिलासपुर जिले के कोटा ब्लाक के करगीकला में सपेरों की बस्ती है। उनके जीवन स्तर में बदलाव लाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के कड़े नियमों में बदलाव कर अनूठा कदम उठाया गया है। इनके पास कभी रहने को ना छत थी ना जीविकोपार्जन के लिए खेती। तीन पीढ़ियों से सपेरों का 40 परिवार सरकारी जमीन पर झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। छह साल पहले इनकी बस्ती में तत्कालीन कलेक्टर पी दयानंद के अचानक कदम पड़ गए और इसके बाद इनके लिए पक्के मकान का इंतजाम हो गया।

सपेरों के लिए आवास योजना में बदलाव

जिला प्रशासन के निर्देश पर जिला पंचायत ने सपेरों के लिए आवास की योजना बनाई थी, लेकिन खुद की जमीन की अनिवार्यता के केंद्र सरकार के नियम आड़े आ रहे थे। इस नियम के बंधन को दूर करने के लिए दयानंद ने बकायदा प्रपोजल केंद्र सरकार को भेजा। इसके बाद केंद्रीय आवास मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लिया और पहली बार उस कड़े नियम को शिथिल कर दिया। नियम बदले जाने से सपेरों के भाग्य ही खुल गए।

सरकारी जमीन पर सपेरों के लिए कालोनी का निर्माण

जिला पंचायत ने सरकारी जमीन पर इनके लिए कालोनी का निर्माण किया है। मुख्य मार्ग से लगी हुई इनकी कालोनी को एकबारगी देखने से यह नहीं लगता कि यहां पीढ़ी-दर-पीढ़ी बारिश, पानी और ठंड में झोपड़ी में जीवन गुजारने वाले सपेरों का परिवार निवास कर रहा होगा। कालोनी के सामने 40 फीट की कांक्रीट की सड़क, घरों में एकल बत्ती कनेक्शन, पीने के लिए घरों में नल की व्यवस्था। रसोई में पीएम उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।

आइएएस पी. दयानंद वर्तमान में अब मुख्यमंत्री के सचिव के पद पर नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने बिलासपुर जिले में कलेक्टर के पद पर कार्य करते हुए विजन 2020 ने बनाया था। इसके हिसाब से ही जिले में विभिन्न विकास कार्य पूरे किए गए। जिससे एक पिछड़े समाज के रहन—सहन में व्यापक परिवर्तन दर्ज किया गया है।

छत्तीसगढ़ में यह परिवर्तन का नया दौर है जब प्रदेश को पहली बार एक आदिवासी नेतृत्व विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिली है। ऐसे समय में पी दयानंद जैसे समाजिक परिवर्तन से सरोकार रखने वाले अधिकारी को उन्होंने अपना सचिव नियुक्त किया है तो उम्मीद है कि आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ में संवेदनशील सरकार काम करते दिखाई देगी। बड़ी बात तो यह है कि नई सरकार ने भी अपने पहले कैबिनेट की बैठक में पहला प्रस्ताव 18 लाख आवास के निर्माण को लेकर पास किया है।

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