ElectionState News

छत्तीसगढ़ के इन दो संभागों से खुलती है सत्ता की चाबी, यही से सजता है मुख्यमंत्री का ताज

इंपेक्ट डेस्क.

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर शंखनाद हो चुका है। चुनावी बिगुल बज चुका है। प्रदेश में दो चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। 7 नवंबर को पहला चरण और 17 नवंबर को दूसरे चरण में चुनाव कराए जाएंगे। वहीं 3 दिसंबर को मतगणना होगी। ऐसे में प्रदेश के दो महत्वपूर्ण संभागों यानी सरगुजा और बस्तर में पूरे प्रदेश की निगाहें रहेगी। क्योंकि सरगुजा और बस्तर संभाग से छत्तीसगढ़ की सत्ता की चाबी खुलती है। इन्हीं दो संभागों से प्रदेश में सरकार बनाने का रास्ता तय होता है। यही से मुख्यमंत्री का ताज सजता है।

इसलिए माना जाता है कि अगर छत्तीसगढ़ में सरकार बनानी है, तो बस्तर संभाग और सरगुजा संभाग के किलों पर फतह हासिल करना बहुत जरूरी है। इस बार के विधानसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर रहेगी। इस बार के चुनाव में जहां कांग्रेस के सामने सरकार बचाने की चुनौती रहेगी। वहीं बीजेपी एक बार फिर राज्य की सत्ता में आने की पूरजोर कोशिश करेगी। भाजपा ने छत्तीसगढ़ के लिए 85 उम्मीदवारों का एलान कर चुकी है। केवल 5 सीटों की घोषणा होनी बाकी है।

छत्तीसगढ़ में बसपा ने 8 अगस्त को 9 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट और 10 अक्टूबर को दूसरी लिस्ट में 17 प्रत्याशियों को मौका दिया है। इस तरह कुल 26 प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतार चुकी है। इसके बाद बीजेपी ने 17 अगस्त को 21 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की थी। फिर 9 अक्टूबर को 64 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी की थी। इस तरह कुल 85 प्रत्याशियों को टिकट दे चुकी है। वहीं छत्तीसगढ़ आम आदमी पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची 8 सितंबर और दूसरी 2 अक्टूबर को जारी की थी। पहली सूची में जहां 10 प्रत्याशियों को टिकट दिया था। वहीं दूसरी सूची में 12 प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है। इस तरह से आप ने अब तक कुल 22 प्रत्याशियों को चुनावी रण में उतार चुकी है। वहीं राज्य में सत्ता पर आसीन कांग्रेस ने अभी तक अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी नहीं की है। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि कांग्रेस जल्द ही अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सकती है।

वर्तमान में छत्तीसगढ़ के सियासी समीकरण की बात करें तो इस वक्त 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 71, भाजपा के 13, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के 3 और बसपा के 2 विधायक हैं। एक सीट खाली है। 

सरगुजा संभाग का राजनीतिक समीकरण… कांग्रेस का मजबूत किला है सरगुजा! 3 चुनाव में बीजेपी का नहीं खुला खाता
6 जिलों वालें सरगुजा संभाग में कुल 14 विधानसभा सीटें हैं। संभाग के 6 जिलों में सरगुजा, कोरिया, रामानुजगंज- बलरामपुर, सूरजपुर, जशपुर, मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर शामिल हैं। इन जिलों की अधिकांश आबादी आदिवासी है। इन्हीं आदिवासी वोटर्स को कांग्रेस और बीजेपी दोनों साधने की कोशिश में लगी हैं। दोनों ही आदिवासी हितैषी होने का दावा करते हुए वोट मांग रही हैं। 

सरगुजा संभाग की 14 की 14 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा
बात वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव की करें, सरगुजा संभाग की 14 की 14 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। यहीं से काग्रेस छत्तीसगढ़ की सत्ता की चाबी खुलती है। कांग्रेस को सुरगजुा के बाद बस्तर से बड़ी जीत मिली थी। और 15 साल का कांग्रेस का वनवास खत्म हुआ था।  2018 में सरगुजा में बीजेपी का सुपड़ा ही साफ हो गया था। टीएस सिंहदेव की वजह से निर्णायक जीत मिली थी क्योंकि वहीं घोषण पत्र तैयार किए थे। संभाग की जनता उन्हें सीएम मानकर चल रही थी क्योंकि साल 2018 में प्रदेश में सीएम का कोई चेहार घोषित नहीं था। संभाग में बाबा का वर्चस्व हार जीत तय करता है। छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीटों में सरगुजा संभाग की 14 सीटें काफी अहम है। यहां की 14 में से 9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। साल 2013 के विधानसभा चुनावों में 7 सीटों पर बीजेपी का कब्जा था और 7 सीटों पर कांग्रेस आसीन थी। यानी 2018 के चुनाव में बीजेपी को यहां काफी नुकसान उठाना पड़ा। 

error: Content is protected !!