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‘ललित जी’ और ‘देशबंधु’ सुनहरे अतीत से अब तक… पत्रकार का सफ़रनामा… दिवाकर मुक्तिबोध

छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता के आधार स्तंभों में से एक दिवाकर जी… ने पत्रकारिता का पढ़ा है जिया है और अब भी जी रहे हैं… वे अपना सफ़रनामा लिख रहे हैं… यह पहला अंक पत्रकारिता के छात्रों के लिए… कुछ यादें कुछ बातें – 1 पदुम लाल पुन्ना लाल बख़्शी जी का प्रसिद्ध निबंध है, ‘ क्या लिखूँ ‘। निबंध के इस शीर्षक की याद अनायास हो आई। दरअसल आईपैड हाथ में था और सोच रहा था – क्या लिखूँ। दिमाग़ के घोड़े दौड़ा रहा था पर कुछ सूझ नहीं रहा

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