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हवाओं में हमारी ताकत और बढ़ी है : एयर कोमोडोर मृगेन्द्र सिंह

बस्तर टॉक में शामिल हुए एयर कोमोडोर मृगेन्द्र सिंह हेमंत पाणिग्राही. जगदलपुर। बस्तर टॉक के दूसरे सीजन में बतौर वक्ता शामिल होते हुए एयर कोमोडोर मृगेन्द्र सिंह ने ‘वायु शक्ति और मार्गदर्शन’ विषय पर विचार रखते हुए कहा कि भारतीय वायु सेना में राफेल के आ जाने से हवाओं में हमारी शक्ति और बढ़ी है।हमारी सेना विश्व की अग्रणी सेनाओं में से एक है। जिसमें वायुसेना का अपना महत्व व योगदान है।उन्होंने कहा कि वायु सेना में भर्ती के लिए कठिन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।जिसमें युवा पीढ़ी अपनी मेहनत

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कलाकार हमेशा जीवन के किरदारों को जीता है : सुनैना शुक्ला

बस्तर टॉक में शामिल हुई अभिनेत्री सुनैना शुक्ला हेमंत पाणिग्राही. जगदलपुर। बस्तर टॉक के पहले सीजन में टीवी,युवा व रोजगार की संभावनाओं पर विचार रखते हुए अभिनेत्री सुनैना शुक्ला ने कहा हमेशा एक कलाकार समाज के किरदारों को जीता है।अपनी मौलिकता से उन किरदारों को सिनेमा के पर्दे व रंगमंच पर उतारने की कोशिश करता है। किरदार हमेशा कहानियों को कहने का जरिया होता है कहानियां हमें समाज के द्वंद से ही मिलती है।उन्होंने कहा कि वक्त के साथ सिनेमा,टीवी व रंगमंच का स्वरूप बदल रहा है। इसके हिसाब से

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बस्तर टॉक : जीवन के शब्द ही हमारे संस्कारों में है : धनराज डेगल

बस्तर टॉक में शामिल हुए युवा लेखक धनराज डेगल हेमंत पाणिग्राही. जगदलपुर। बस्तर टॉक के पहले सीज़न में युवा लेखक धनराज डेगल ने बस्तर के युवा और लेखन विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि आप जीवन में जब विषम परिस्थितियों में होते हैं तो हम सम परिस्थितियों की परिकल्पना करते हैं।इन्ही परिस्थितियों में बहुत मेहनत करके अपने सपनों को आकार व साकार करने में जुट जाते हैं। उन्होंने कहा कि आपके जीवन के आस-पास जो भी घटनाएं घटित होती है।वह हमारे लिये जीवन का संदर्भ हो जाता है

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लोकजीवन की कृति ही हम सबकी साझा संस्कृति है : हरिहर वैष्णव

हेमंत पाणिग्राही. जगदलपुर। बस्तर टॉक में शामिल हुए लोक साहित्यकार हरिहर वैष्णव बस्तर टॉक के पहले सीजन में लोक साहित्यकार, संस्कृति चिंतक और ब्लॉगर हरिहर वैष्णव ने ‘बस्तर के साहित्य और लेखन’ विषय पर विचार रखते हुए कहा कि हमारे जीवन की व्यथा और उसकी कथा को कहने की कला ही साहित्य है।बस्तर के लोक साहित्य को प्रकाश में लाने का थोड़ा सा प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर के लोक जीवन को माटी के मनीषियों ने अपनी उल्लेखनीय रचनाओं के माध्यम से समाज के बीच प्रस्तुत किया

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