CG breakingImpact OriginalState News

तो क्या मानद #PHD के चक्कर में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ठगे गए…? देखिए रिपोर्ट… अंग्रेजी के दो अक्षरों #ne की आड़ में डिग्री का फर्जीनामा…

Getting your Trinity Audio player ready...

इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर।

कौन बनेगा करोड़पति के पिछले सीजन में सदी के महानायक ने एक अपील की थी ‘जानकारी जहां से मिले बटोर लीजिए पर थोड़ा टटोल लीजिए…’ इसी वाक्य को चरितार्थ करते हुए हमने महाराष्ट्र के एक न्यूज वेबसाइट स्पोर्टिजन्यूज की एक खबर की पड़ताल करने की कोशिश की है।

इस वेबसाइट की न्यूज ने इस बात का दावा किया है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को फ्रांस की सोरोबोन यूनिवर्सिटी ने फर्जी डाक्टरेट की मानद डिग्री प्रदान कर ठगा है। वेब साइट की इस खबर के मुताबिक कई ऐसे दावे किए गए हैं जो इस विश्वविद्यालय की तमाम गतिविधियों को एक प्रकार से फर्जी स्थापित करते हैं। मामला छत्तीसगढ़ से जुड़ा है और सच्चाई जानना आवश्यक है कि क्या प्रमुख और नामचीन हस्तियों को फर्जी डिग्री देने का कोई कारोबार फल फूल रहा है। इस तथ्य की पड़ताल के लिए सीजीइम्पेक्ट ने गुगल का भरपूर उपयोग कर कुछ तथ्य भी हासिल किए हैं। जिससे इस कथित विश्वविद्यालय के बारे में जाना जा सकता है। साथ ही बारिकी की साथ समझा जा सकता है कि शिक्षा के नाम पर किस तरह का धोखा प्रसिद्ध नामों के आधार पर सुप्रसिद्ध लोगों को ​ठगा जा रहा है।

इस संबंध में सीएम भूपेश बघेल का ट्वीट

नोट : हम अपने तथ्यों की पुष्टि के लिए बातचीत की जगह गुगल मैप पर मौजूद जानकारी का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। हम यह दावा कतई नहीं कर रहे कि खबर देने वाली वेबसाइट ने जानकारी गलत दी है या अधूरी! यह पाठकों के विवेक पर ही छोड़ रहे हैं।

सबसे पहले यह देखना उचित होगा कि स्पोर्टिजन्यूज ने अपनी खबर में क्या कहा है… नीचे इस खबर का गुगल हिंदी रुपांतरण भी हम प्रस्तुत कर रहे हैं…

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 29 अप्रैल को मानद पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन सरमेंद्र घोष ने सयाजी होटल रायपुर में किया। इस बारे में विस्तृत खबर सरकारी और निजी मीडिया में प्रकाशित की गई थी। लेकिन स्प्राउट्स स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) को सनसनीखेज जानकारी मिली है कि यह मानद पीएचडी फर्जी है।

यह दावा किया गया था कि चेट सार्जर एमआईसी भूपेश बघेल को पेरिस में सोरबोन विश्वविद्यालय द्वारा मानद पीएचडी से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री बघेल और उनके समर्थकों ने जमकर विज्ञापन भी किया। इतना ही नहीं, बल्कि सरकार ने इस घटना की तस्वीरों के साथ एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की।

सभी मीडिया आउटलेट्स ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्वसनीयता के नाम पर नकली पीएचडी प्राप्त कर अमित को कवर किया। फर्जी पीएचडी होल्डर संदीप मारवाह भी फोटो के साथ इवेंट न्यूज में शामिल हुए। दरअसल जाना की विशेष जांच टीम कुमार राजेश. स्कैमिंग इस स्कूल का नाम इकोले स्प्राउट्स रखा गया है जिसने बोगस पीएचडी वाले प्रामाणिक लोगों को प्राप्त किया है, यह सुपीरियर रॉबर्ट डी सोरबन है। इस स्कूल का मुख्य गुपचुप कारोबार इन ठगों के साथ सब कुछ प्रदर्शित किया जा रहा है। केवल वेबसाइट पर। वास्तव में कोई सोरबोन विश्वविद्यालय संचालित नहीं है।

इन ठगों ने अब तक फ्रांस की राजधानी पेरिस में अपना ठिकाना बताया है। इसने इस स्कूल के लिए अनुमति से करोड़ों रुपये एकत्र किए, विश्वविद्यालय बहुत पुराना है, इस गुपचुप व्यवसाय पर भरोसा किया जाता है। यानी यह स्कूल भी है और मशहूर भी। यह विश्वविद्यालय पूरी तरह फर्जी है। मानद पीएचडी नहीं करता है। नॉट कॉन विवेक ने में एक स्कूल बनाया केवल इतना ही, जब रॉबर्ट डी सोरबोन का नाम आता है, यह वेबसाइट केवल मानद पीएचडी प्रदान करने के लिए उल्लेख करती है, वे कार्य अनुभव द्वारा डिग्री के बारे में फ्रांस से धर्मशास्त्री हैं।

प्रतिष्ठित व्यक्तियों को ही सम्मानित किया जाता है और विवेक के नाम पर वेबसाइट व्यक्तियों को दिए गए अधिकारों का दुरूपयोग कर रही है। इतना ही नहीं, बल्कि www.sorbon.fr ताकि फ्रांसीसी सरकार द्वारा फ्रांस में पंजीकृत वास्तविक सोरबोन विश्वविद्यालयों को डॉक्टरेट डिग्री पुरस्कार समारोह से परिचित कराया जा सके। इस विश्वविद्यालय के परिसर में की पेशकश की है। यह वेबसाइट पेरिस में ही धर्मशास्त्री नाम सोरबन विश्वविद्यालय होने का दावा करती है।

स्कूल में नहीं बनने के लिए किसी अन्य स्थान पर यह प्रभाव डाला जाता था। काम के आधार पर पुरस्कार की डिग्री यह सोरबोन विश्वविद्यालय है। दी गई इस स्कूल डिग्री का लुक असली से नहीं डॉ. विवेक मधु वेबसाइट की तरह है और फ्रांस की मूल सोरबोन यूनिवर्सिटी कृष्ण, पीयूष पंडित, कल्याणजी की वेबसाइट से मिलती-जुलती है। लेकिन इस स्कूल द्वारा। स्कूल के लिए पेरिस के पते s\of का इस्तेमाल किया है।

लेकिन जब स्प्राउट्स इन्वेस्टिगेशन टीम ने इसकी पुष्टि की तो पता चला कि ये एड्रेस कुछ और नहीं बल्कि पेरिस के लोकल गैरेज जैसा लग रहा है. इतना सब होने के बावजूद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फर्जी के साथ ‘वित्तीय’ संबंध बनाए रखा है।

खबर की कतरन देखें

देखें सरकारी विज्ञप्ति में मानद उपाधि से जारी खबर जो हमने अपने वेब पोर्टल पर लगाई थी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को फ्रांस की यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा : जिन्होंने अपने श्रम से छत्तीसगढ़ को खड़ा किया यह सम्मान उन सभी का : मुख्यमंत्री… इसरो के पूर्व वैज्ञानिक सुरेश ने कहा – साइंटिफिक मुख्यमंत्री…

इस खबर की तथ्यात्मक पुष्टि के लिए हमने सबसे पहले इस वेबसाइट की कोरोबोन यूनिवर्सिटी की हकीकत पता की। इसके लिए गुगल सर्च इंजिन में वेबसाइट चैकर का उपयोग किया गया। जिसमें यह स्थापित हुआ कि पूरा खेल वेबसाइट के नाम पर ही है। www.sorbonne-universite.fr यह असली विश्वविद्यालय है। जिसके नाम पर www.sorbon.fr यह वेबसाइट संचालित की जा रही है। मजेदार बात तो यह है कि सरकार की विज्ञप्ति में sorbonne-universite का जिक्र है। पर कार्यक्रम में जारी की गई तस्वीरें www.sorbon.fr से मेल खाती हैं।

sorbonne-universite के संबंध में हमने गुगल ने इसकी इंडेक्सिंग चैक की। जो दस साल से ज्यादा पुरानी बताई है। साथ ही इस वेबसाइट को सिक्योर बताया है। वैसे इंटरनेट में वेबसाइट को आसानी से सिक्योर किया जा सकता है। देखें गुगल की जानकारी

पर www.sorbon.fr कथित विश्वविद्यालय की साइट भी दस साल से ज्यादा पुरानी दर्ज है। देखें जानकारी

विश्वविद्यालय की भौतिक जानकारी जिस तरह की न्यूजवेबसाइट ने अपनी खबर में बताई है। उसकी पड़ताल के लिए गुगल मैप के माध्यम से उसके डिटेल लिए गए हैं। जिसके मुताबिक यह sorbonne-universite का भवन एक गैरेज मात्र ना होकर पुरानी बिल्डिंग है। तस्वीर आपके लिए नीचे प्रस्तुत है।

जबकि sorbon.fr के नाम पर एक अज्ञात स्थान पर स्थित एक खंडहरनुमा तस्वीर प्रदर्शित हो रही है। देखें तस्वीर

sorbon.fr की वेब साइट में फिलहाल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के साथ मानद उपाधि वाली तस्वीरें पोस्ट नहीं की गई है। पर छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग ने और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जो कार्यक्रम का ट्वीट किया है उसमें मौजूद एक शख्स की तस्वीर मेल खा रही है। इस वेब साइट में केवल भारत में किए गए कुछ कार्यक्रमों की रिपोर्टिंग दर्ज है। मजेदार बात तो यह है कि सोनू सूद समेत कई ख्यातिनाम लोग मानद पीएचडी की इस उपाधि से खुद को गौरान्वित महसूस कर रहे हैं। देखें पीडीएफ

De-Sorbon®-in-the-news-Ecole-Superieure-Robert-de-Sorbon

इम्पेक्ट की पड़ताल में यह तथ्य पुष्ट हो रहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को मानद पीएचडी के नाम पर फांस की स्थापित sorbonne-universite के आधार पर ठग दिया गया है। जबकि जो मानद ​पीएचडी उन्हें प्रदान की गई है वह sorbon के नाम पर है। यानी अंग्रेजी के दो अक्षरों ne को हटाकर फ्रांस की नामी विश्वविद्यालय की आड़ में यह खेल खेला जा रहा है।

यदि विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय है तो इसकी कवरेज केवल भारतीय औसत मीडिया के द्वारा ही क्यों की गई है। देखें पीडीएफ

Graduation-New-Delhi-India-08_01_2023-Ecole-Superieure-Robert-de-Sorbon

मजेदार बात यह है कि नाम में जिस तरह का धोखा छिपा है उससे कोई भी यह आसानी से नहीं भांप सकता कि उन्हें मिलने वाली मानद डिग्री sorbonne universite की है या sorbon universite की।

sorbonne universite के बारे में बहुत सारा तथ्य इंटरनेट पर उपलब्ध है। यहां तक की गुगल मैप से उसकी तस्वीर और ​गाइड के रिव्यूव भी पढ़े जा सकते हैं। अब यह देखना शेष है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जो डिग्री दी गई है उसमें sorbonne universite लिखा है या sorbon universite।

error: Content is protected !!