सिलगेर को लेकर सियासत तेज,आंदोलनकारियों के समर्थन में आये युवा आयोग सदस्य अजय
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सासंद के जांच दल पर उठाए सवाल,कहा-वार्ता के बाद भी रिपोर्ट का नहीं हुआ खुलासा
आदिवासियों के साथ न्याय कर दोषियों पर कार्यवाही की उठाई मांग
इम्पेक्ट न्यूज़। बीजापुर।
सिलगेर से शुरू हुए सीपीआई की पदयात्रा के बाद एक बार फिर से सिलगेर गोलीकांड को लेकर सियासत तेज हो गए है,ग्रामीणों के आंदोलन और मनीष कुंजाम के पदयात्रा के बाद अब सरकार में युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह ने भी सिलगेर कांड को लेकर ग्रामीणों के समर्थन में मोर्चा खोल दिया है,बुधवार को अजय सिंह ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए इस आंदोलन को लेकर सासंद के नेतृत्व में गठित जांच और वार्ता समिति पर भी सवाल खड़े कर दिए है।
अजय सिंह ने कहा है कि सिलगेर सुर्खियों में तब आया जब सुकमा जिले के सरहद पर बसे मुक्कुर गांव में 13 मई 2021 की रात को को पुलिस कैम्प की स्थापना की गई और दूसरे दिन से ग्रामीणों ने कैम्प का पुरजोर तरीके से विरोध कर प्रदर्शन शुरू कर दिया और इसी प्रदर्शन के बीच आन्दोलन उग्र हो गया और दोनो पक्ष आमने सामने हो गए।
अंततः 17 मई को झूमाझटकी के दौरान पुलिस को फायरिंग करना पड़ गया और इस गोलीकांड में 3 ग्रामीणों की मौत हो गयी साथ ही भगदड़ में दर्जनों ग्रामीण घायल हो गए, उस भगदड़ में गर्भवती महिला भी घायल हो गई जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
इस गोलीकांड के बाद पुलिस ने दावा किया कि आंदोलन में नक्सली सहयोगी एवं नक्सली शामिल थे और मारे गए लोग ग्रामीण नही बल्कि नक्सली थे परन्तु बढ़ते दबाव और उग्र आंदोलन के बाद पुलिस को मानना पड़ा कि गोलीबारी में नक्सली नही बल्कि ग्रामीण मारे गए।
घटना के बाद भी ग्रामीण पीछे नही हटे और अपनी मांगों पर अड़े रहकर आंदोलन को जारी रखने का फैसला किया। जिसके काफी दिनों बाद बढ़ते दबाव को देखते हुए बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने इस पूरे मसले में राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात कर जांच दल बनाने का अनुरोध किया और सीएम ने हामी भी भर दी जिसके बाद सांसद बस्तर दीपक बैज के नेतृत्व में 8 सदस्यी दल का गठन किया जिसमें विधायक केशकाल संतराम नेताम विधायक कांकेर शिशुपाल सोरी विधायक राजमन वेन्जाम विधायक लखेश्वर बघेल और स्वयं बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी शामिल थे।
जांच दल जब सिलगेर के लिए रवाना हुई तो मै स्वयं संगठन के साथ सिलगेर पहुंचा था। 8 सदस्यीय जांच दल द्वारा घण्टो ग्रामीणों से चर्चा किया गया,चर्चा का दौर 2 से 3 बार हुआ उस चर्चा में दोनों जिलों के कलेक्टर समेत कमिश्नर भी मौजूद थे चर्चा में जांच दल और ग्रामीणों के बीच कई मुद्दों और मांगो पर सहमति नही बनी और सांसद की टीम वॉपस लौटना पड़ गया,और इसी बीच विधायक विक्रम मंडावी आंदोलन के नेतृत्व करने वालो को बीजापुर बुलाकर जगदलपुर और रायपुर तक ले गए जहां सीएम एवम प्रभारी मंत्री कवासी लखमा से भी मुलाकात करवाई गयी परन्तु उस मुलाकात में क्या बात हुई किस तरह की चर्चा हुई उसका खुलासा न तो सिलगेर आंदोलन के नेतृत्व करने वालों ने किया न ही विधायक विक्रम ने।
सांसद की टीम भी जांच करने सिलगेर गई उसने मुख्यमंत्री को अपनी जो रिपोर्ट सौंपी का रिपोर्ट में क्या लिखा गया उसे भी आआज तक सार्वजनिक नही किया गया। नतीजन आंदोलनकारी और सरकार के बीच सहमति नही बनने के कारण आंदोलन विगत मई 2021 से अब तक चल रहा है जिसको लगभग पौने दो साल हो गए और अब जाकर आंदोलन को सीपीआई ने समर्थन दिया और 20 सितम्बर 2022 को पदयात्रा कर सुकमा में विशाल जनसभा करने का फैसला किया।
अजय सिंह ने कहा है कि मेरा मानना है कि आखिर सांसद के नेतृत्व में बनी टीम ने सरकार को अपनी रिपोर्ट में क्या कहा सार्वजनिक होना चाहिए साथ ही
सिलगेर गोलीकांड की न्याययिक जांच रिपोर्ट का खुलासा करने,मारे गए आदिवासी के साथ उचित न्याय और मुआवजा के साथ ही दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।