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छत्तीसगढ़ में जनसम्पर्क विभाग में पेन डाउन विरोध, अधिकारी-कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर, काम-काज ठप…

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दूसरे राजपत्रित अधिकारी भी समर्थन में, काली पटटी लगाकर शामिल हुए टीएल बैठक में

इम्पेक्ट न्यूज़। रायपुर/कोरबा/बस्तर।

पूरे प्रदेश की तरह कोरबा जिले के जनसंपर्क कार्यालय में आज सभी अधिकारी और कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर विरोध जताने के लिए सामूहिक अवकाश पर रहें। जिला जनसंपर्क कार्यालय से आज कोई शासकीय समाचार जारी नही हुआ।

जिले का शासकीय सोशल मीडिया अकाउंट भी सूना रहा। जनसंपर्क अधिकारी संघ व्दारा किए गए इस विरोध प्रदर्शन को छत्तीसगढ राजपत्रित अधिकारी संघ का भी भरपूर समर्थन मिला हैं। आज कलेक्टोरेट में आयोजित टीएल बैठक में दूसरे विभागों के राजपत्रित अधिकारी जनसंपर्क अधिकारियों की मांग की समर्थन में काली पटटी लगाकर शामिल हुए।

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब सरकार की छवि बनाने वाला विभाग ही आंदोलन पर उतर गया हो। जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के मंगलवार को सामूहिक अवकाश पर रहने से विभाग में सरकारी काम-काज भी ठप हो गया।
जनसम्पर्क अधिकारी संघ की मांग है कि राज्य प्रशासनिक सेवा के कनिष्ठ अधिकारी को संचालक पद पर पदस्थ किया गया है, उन्हें इस पद से तत्काल हटाया जाए।

छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ के अध्यक्ष कमल वर्मा ने प्रदेश के सभी जिला अध्यक्षों को अपील जारी करते हुए जनसम्पर्क अधिकारी संघ की मांगों का पुरजोर समर्थन और सहयोग करने को कहा है। जनसम्पर्क अधिकारी संघ ने यह स्पष्ट किया है कि सांकेतिक कलमबंद के बाद भी मांगें पूरी नहीं होती तो, अधिकारी-कर्मचारी काली पट्टी लगाकर ही काम करेंगे और मांगे शीघ्र पूरी नहीं होने पर इस आन्दोलन को तेज किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ ने भी जनसम्पर्क अधिकारी संघ की इन मांगों का पुरजोर समर्थन करते हुए प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन करने की बात भी कही है।

एक दिन के लिए सांकेतिक कलम बंदः आयुक्त जनसंपर्क के साथ चर्चा के दौरान सकारात्मक आश्वासन के बाद उन्हें छत्तीसगढ़ जनसंपर्क अधिकारी संघ और छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ की मंशा से अवगत कराया गया ।

आयुक्त की सकारात्मक पहल पर यह तय किया गया कि अब अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल की बजाए 12 अक्टूबर को एक दिन का सांकेतिक कलम बंद किया जाएगा और एक निश्चित समयावधि या अंतराल के पश्चात् मांगे पूरी नहीं होने की दशा में राजपत्रित अधिकारी संघ के साथ इस आंदोलन को तेज किया जाएगा।

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