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छत्तीसगढ़ के 589 गांव नक्सली मुक्त… बघेल सरकार का दावा-अब चंद इलाकों में सिमटे माओवादी…

इम्पैक्ट डेस्क.

छत्तीसगढ़ के 589 गांव नक्सली मुक्त हो गए हैं।  राज्य की भूपेश बघेल नीत कांग्रेस सरकार ने दावा किया है कि उसके तमाम फैसलों के कारण हालात बदले हैं। माओवादियों के पैरों तले जमीन खिसक गई है। माओवादी बौखला रहे हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार के अनुसार 2019 से पहले राज्य में नक्सल प्रभावित गांवों की संख्या 2710 थी। तब नक्सली पूरे राज्य में फैले हुए थे। लेकिन अब दक्षिण बीजापुर, दक्षिण सुकमा, इंद्रावती नेशनल पार्क, अबूझमाड़ और कोयलीबेड़ा क्षेत्र के चंद वर्ग किलोमीटर तक सिमट गए हैं। बघेल सरकार के अनुसार बीते चार सालों में सरकार की नीतियों का अच्छा प्रभाव हुआ है। इनसे जनता में शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ रहा है। 

नक्सली क्षेत्रों में ये सुविधाएं, विकास से जुड़े युवा
राज्य सरकार नक्सवाद प्रभावित बस्तर संभाग के सुरक्षा कैंपों के समग्र विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, सार्वजनिक प्रणाली, बिजली, बैंक, आंगनवाड़ी केंद्र एवं अन्य विकास सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। बीते कई सालों से नक्सली संगठन आदिवासी युवकों को जल, जंगल और जमीन के मुद्दे पर गलत जानकारी देकर शासन के खिलाफ भड़काने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इसके बाद छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल और जिला पुलिस बल में स्थानीय युवकों की भर्ती की गई। इसकी वजह से पिछले कुछ सालों में माओवादी संगठनों की भर्ती में कमी आई है।

आतंक के कारण बंद हुए स्कूल खोले गए
बस्तर संभाग में नक्सलियों के आतंक के कारण 363 स्कूल बंद थे, इनमें से गत 48 माह में 257 स्कूल दोबारा खोले गए हैं। 48 माहों में 196 गांव में बिजली की आपूर्ति शुरू की गई। राज्य सरकार के अनुसार इस साल 30 जून तक 134 नक्सली घटनाएं हुईं। इस साल अब तक 14 नक्सली मारे गए और 289 ने आत्मसमर्पण किया। 177 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और कुल 41 मुठभेड़ हुईं।

नक्सली नई कोशिशों में जुटे
उधर, नक्सली भी अपने संगठनों को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। मनोबल बढ़ाने के लिए वे निर्दोष ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं। वे विकास कार्यों में इस्तेमाल वाहनों को भी आग के हवाले कर रहे हैं। सुरक्षा बलों पर हमले की कोशिश कर रहे हैं।

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