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अब टार्गेट 75 या 80 के सवाल पर सीएम भूपेश की साफगोई… मैं राजनीति को शतरंज की बाजी के बजाए सांप—सीढ़ी समझता हूं…

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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के चार बरस पूरे हुए तो सीएम ने इम्पेक्ट के सवाल पर कहा

  • जीत के आंकड़ों का रिकार्ड बना है, यह रिकार्ड बना रहे
  • नगरनार स्टील प्लांट को बेचे जाने का विरोध होगा
  • ब्रम्हास्त्र चलाकर नुकसान करने की बजाय काम पर विश्वास  

सुरेश महापात्र।

मैं राजनीति को शतरंज की बजाय सांप—सीढ़ी का खेल समझता हूं। कई बार ऐसा होता है कि 99 से सीधे 2 में पहुंच जाता है। बस यह मान लें कि हमने अभी जो रिकार्ड 71 का रखा है उसे बरकरार रखें और रही बात आगे की तो हर कोई चाहेगा कि नया रिकार्ड बने। उक्त बातें प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इम्पेक्ट के एक सवाल के जवाब में कही। आज ही के दिन चार बरस पहले पूर्ण बहुमत से जीतकर आई कांग्रेस ने अपनी सरकार बनाई। आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा दिन रहा। सरकार गौरव दिवस के तौर पर मना रही है। इस मौके पर सीएम भूपेश बघेल ने अपने निवास में मीडिया से मुलाकात और दोपहर भोज का आयोजन किया था।

मीडिया कर्मियों से चर्चा करते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

नया राज्य बनने के बाद यह पहला मौका है जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई। 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 67 सीटें जीतकर एक नया माइल स्टोन तय किया। फिलहाल विधानसभा में कांग्रेस के कुल 71 विधायक हैं। ये आंकड़े इस दौरान हुए उप चुनाव में कांग्रेस की जीत का परिणाम रहे। सरकार के साथ—साथ कांग्रेस संगठन भी ने प्रदेश में पंचायत इकाई तक गौरव दिवस के आयोजन किया है।

गौरव दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में सुबह से ही मीडिया की कतार लगी रही। इलेक्ट्रानिक और प्रिंट के साथ डिजिटल मीडिया के जमाने में हर कोई सीएम से सीधे मुखातिब होकर सवाल लेकर खड़ा रहा। कतार लंबी थी सो दोपहर के कार्यक्रम में सीएम की मौजूदगी को लेकर भी विलंब की स्थिति निर्मित होने लगी तो सीएम भूपेश ने मीडिया कर्मियों से कहा कि वहां साथी विलंब को लेकर मुझे गरिया रहे होंगे… यह सब आप लोगों की वजह से ही हो रहा है। लिखने का आशय यही है कांग्रेस की सरकार के चार बरस पूरे होने को लेकर सरकार से लेकर मीडिया तक में यह गौरव का दिन साबित हुआ।

ऐसा मौका मिला जब कांग्रेस के छत्तीसगढ़ से फायरब्रांड नेता और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रैपिड फायर अंदाज में पूछे गए सवालों का ऐसा जवाब दिया कि भविष्य की राजनीति की दिशा ही साफ दिखाई देने लगी। जब सीएम से इम्पेक्ट ने पूछा कि अगला टार्गेट 75 या 80…! अमूमन ऐसे सवाल जिसमें इशारा शामिल हो यह समझने में भी देर लगता है। पर भूपेश हैं तो कांग्रेस को पूरा भरोसा है कि जो भी जवाब निकलेगा वह मानों कमान से छूटी तीर की तरह ही सधे हुए निशाने पर लगेगा। उन्होंने कहा पहली बात तो यह है कि

टेबल दर टेबल मीडिया से सीधे मुखातिब होते सीएम से हर कोई कुछ ना कुछ पूछ रहा था और वे बेबाकी के साथ जवाब दे रहे थे। ऐसे ही मौके पर इम्पेक्ट ने कुछ सवाल रैपिट फायर अंदाज में किए जिसमें पहला तो साफ—साफ 2023 में जीत के आंकड़े को लेकर था। इशारे को समझते हुए भूपेश ने सधे अंदाज में यह कहा कि आंकड़े के बारे में कहना सही नहीं होगा। पर हमने जो रिकार्ड बनाया है उसे बरकरार रखें यह भी रिकार्ड ही होगा। और नया रिकार्ड बनाना कौन नहीं चाहता? उन्होंने कहा राजनीति को अक्सर शतरंज की बिसात कहा जाता है… और मैं इसे सांप—साढ़ी का खेल समझता हूं! पता नहीं कब और कैसे 99 से 2 में पहुंच जाए!

जब उनसे पूछा गया कि इन चार वर्षों में आपकी योजनाओं में नंबर वन का दर्जा किसे देना चाहेंगे? तो इस पर सीएम श्री बघेल ने तपाक से कहा कि हमारी सारी योजनाएं पहले नंबर की ही हैं। अब किसकी जरूरत क्या थी उसके हिसाब से ही वह इसे नंबर दे सकता है। मसलन किसी माता—पिता के लिए आत्मानंद स्कूल पहले नंबर पर होगी तो किसी के लिए स्वास्थ्य से जुड़ी योजना का लाभ… किसान धान की कीमत और बोनस को नंबर वन कह सकता है तो जिसे गोबर की कीमत मिल रही हो उसके लिए गोबर खरीदी का लाभ बड़ा दिख सकता है।

उन्होंने कहा कि हमने जो भी वादे किए थे उस पर अमल किया। 2023 के लिए क्या कुछ नई योजना की लांचिंग की होगी? इस सवाल पर उन्होंने साफ कहा कि अभी कुछ ऐसा तय नहीं है। फिर उन्होंने मीडिया के ही एक सवाल का उल्लेख करते कहा कि मीडिया मुझसे पूछ रही है कि नए साल में क्या ब्रम्हास्त्र की तैयारी है? तो मैने साफ कहा कि अस्त्र का मतलब ही किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए… हम तो काम पर भरोसा करते हैं।

बातों ही बातों में सीएम ने साफ किया कि भाई यहां मैं कोई प्रेस कान्फ्रेंस नहीं कर रहा हूं। पर वे सवालों का जवाब देते रहे। बस्तर से जुड़े एक अहम सवाल नगरनार स्टील प्लांट की बिक्री को लेकर सीएम ने कहा कि इसका विरोध कर ही रहे हैं जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी किया जाएगा।

इसी तरह से चर्चा के दौरान सीएम ने अपने शपथ ग्रहण के बाद के वाकये को याद करते बताया कि ‘घर पर मेरी आरती के लिए तैयारी करके इंतजार कर रही थीं। पर मैंने सीधे मंत्रालय का रूख किया। मेरे साथ दो मंत्री थे। अधिकारियों को बुलाया गया और केबिनेट की पहली बैठक मैंने घर जाने से पहले की। इस बैठक में सबसे पहले कर्ज माफी और धान के सर्मथन मूल्य 2500 रुपए प्रति क्विंटल, लोहंडीगुड़ा की जमीन वापसी जैसे फैसले लिए गए।’

मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के पहले ही दिन शपथ लेने के बाद का स्मरण करते बताया कि जब वे अधिकारियों की बैठक लेने पहुंचे तो पहले से ही तैयार करवा ली थी कि कर्ज माफी के लिए क्या किया जाना है? अधिकारियों से जानकारी ली गई कि किस—किस तरह के लोन हैं? इसके बाद जब बिना सीमा तय किए माफी के लिए घोषणा मुताबिक काम करने के लिए कहा तो अधिकारियों ने बताया कि बहुत पैसा लगेगा! मैंने कहा कोई बात नहीं… लोगों को राहत दिलाने के लिए सरकार को यदि कर्ज लेना पड़े तो भी हम तैयार हैं।

मीडिया कर्मियों से चर्चा करते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पहले सीएम से सबसे पहला सवाल प्रदेश में माओवादी समस्या को लेकर रहता था पर अब यह अंतिम सवाल तक आ पहुंचा है। हम लगातार प्रभावित क्षेत्रों में विकास की योजनाएं क्रियान्वित कर रहे हैं। बंद स्कूल खोले जा रहे हैं। राशन और स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार लगातार अंतिम लोगों तक पहुंच रही है।

वहीं नए 2023 में छत्तीसगढ़ में नए जिले के सवाल पर सीएम ने साफ कर दिया है कि अभी ऐसी कोई घो​षणा नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब ज्यादा समय नहीं रह गया है जिससे किसी नए जिले के लिए समुचित व्यवस्था की जा सके।

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