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ड्रग्स केस में नया ट्विस्ट, NCB का कोर्ट में जवाब- गवाह मुकर गया, समीर वानखेड़े बोले- मुझे टारगेट किया जा रहा… आज आर्यन की जमानत पर सुनवाई…

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इम्पेक्ट न्यूज डेस्क।

क्रूज पार्टी ड्रग केस से जुड़े आर्यन खान केस में लगातार नए ट्विस्ट आ रहे हैं। आर्यन खान केस में गवाह प्रभाकर साईल ने एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर 8 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप लगाए हैं। इसकी जानकारी एनसीबी ने कोर्ट को दे दी है। कोर्ट में इस केस से संबंधित दो हलफनामे दायर किए गए हैं। एक हलफनामा जहां एनसीबी की ओर से है, वहीं दूसरा वानखेड़े की ओर से दायर किया गया है। एनसीबी द्वारा एनडीपीएस कोर्ट में दायर एक जवाबी हलफनामे में एजेंसी ने कहा है कि गवाह मुकर गया है।

विशेष एनडीपीएस अदालत के समक्ष पेश हुए एनसीबी के अफसर समीर वानखेड़े ने न्यायाधीश से कहा कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और वह जांच के लिए तैयार हैं। इधर, क्रूज ड्रग मामले का एक स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सेल दक्षिण मुंबई में मुंबई पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचा है और वह संयुक्त पुलिस आयुक्त मिलिंद भारम्बे (अपराध शाखा) के साथ बैठक कर रहा है।

समीर वानखेड़े ने अपने हलफनामे में अदालत से उन्हें धमकी देने और जांच में बाधा डालने के प्रयासों का संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया है, वहीं दूसरी ओर एनसीबी के हलफनामे में गवाह के मुकर जाने और जांच में छेड़छाड़ के लिए कुछ लोगों द्वारा प्रभाव का इस्तेमाल किए जाने की बात कही गई है। बता दें कि मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले ने रविवार को प्रभाकर सेल नाम के एक स्वतंत्र गवाह के आरोप से एक मामला एक नया मोड़ ले लिया।

समीर वानखेड़े की मुश्किलें बढ़ गई हैं

क्रूज पार्टी ड्रग केस में गवाह के वसूली वाले आरोपों के बाद एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की मुश्किलें बढ़ गई हैं। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी ने रिश्वत के आरोप में समीर वानखेड़े के खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू कर दी है। एनसीबी के डीजी ज्ञानेश्वर सिंह के मुताबिक, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ सतर्कता जांच का आदेश दिया है। इस जांच के बाद समीर वानखेड़े अपने पद पर बने रहेंगे या नहीं, इस पर अब संशय के बादल मंडरा रहे हैं।

समीर वानखेड़े पर लगे रिश्वत के आरोप पर डीडीजी एनसीबी ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा, ‘डीडीजी एसडब्ल्यूआर से एक रिपोर्ट हमारे डीजी को प्राप्त हुई थी, उन्होंने विजिलेंस सेक्शन को एक जांच के लिए चिह्नित किया है… मुख्य सतर्कता अधिकारी उचित रूप से जांच से निपटेंगे …जांच अभी शुरू हुई है, किसी भी अधिकारी पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।’

दरअसल, इससे पहले मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में एक स्वतंत्र गवाह द्वारा अपने खिलाफ आरोप लगाए जाने के कुछ घंटों बाद ही एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने मुंबई पुलिस आयुक्त को एक पत्र लिख अपने खिलाफ साजिश का अंदेशा जताया है। उन्होंने कहा कि ‘किसी अनजान व्यक्ति द्वारा मेरे खिलाफ गलत इरादों से लगाए गए आरोपों पर कार्रवाई न करें। बता दें कि आर्यन खान केस में गवाह प्रभाकर साईल ने एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर 8 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप लगाए हैं।

समीर वानखेड़े ने रविवार को पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले को संबोधित अपने एक पन्ने के पत्र में कहा था कि उन्हें पता चला है कि कुछ अज्ञात व्यक्ति कथित सतर्कता संबंधी मामले में फंसाने के लिए उनके खिलाफ योजनाबद्ध कानूनी कार्रवाई की योजना बना रहे हैं। उन्होंने आगे उल्लेख किया कि उप महानिदेशक (डीडीजी) मुथा अशोक जैन ने पहले ही उक्त मामले को आवश्यक कार्रवाई के लिए एनसीबी के महानिदेशक (डीजी) को भेज दिया है।

दरअसल, समीर वानखेड़े ने रविवार को मुंबई पुलिस आयुक्त को पत्र लिख अज्ञात लोगों द्वारा कथित सतर्कता संबंधी मामले में फंसाने के लिये उनके खिलाफ योजनाबद्ध, कानूनी कार्रवाई किए जाने से सुरक्षा मांगी की थी। वर्ष 2008 बैच के आईआरएस अधिकारी वानखेड़े ने किसी का नाम लिए बिना दावा किया कि अत्यधिक सम्मानित सार्वजनिक लोगों ने उन्हें मीडिया के माध्यम से जेल भेजने और बर्खास्तगी की धमकी दी है।

इधर, विशेष एनडीपीएस अदालत के समक्ष पेश हुए एनसीबी के अफसर समीर वानखेड़े ने न्यायाधीश से कहा कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और वह जांच के लिए तैयार हैं। समीर वानखेड़े ने अपने हलफनामे में अदालत से उन्हें धमकी देने और जांच में बाधा डालने के प्रयासों का संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया है, वहीं दूसरी ओर एनसीबी के हलफनामे में गवाह के मुकर जाने और जांच में छेड़छाड़ के लिए कुछ लोगों द्वारा प्रभाव का इस्तेमाल किए जाने की बात कही गई है।

बता दें कि मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले ने रविवार को प्रभाकर सेल नाम के एक स्वतंत्र गवाह के आरोप से एक मामला एक नया मोड़ ले लिया। ‘स्वतंत्र गवाह’ प्रभाकर साईल ने दावा किया आर्यन को तीन अक्टूबर को एनसीबी कार्यालय लाने के बाद उन्होंने गोसावी को फोन पर डिसूजा नामक एक व्यक्ति को 25 करोड़ रुपये की मांग और मामला 18 करोड़ पर तय करने के बारे में बात करते हुए सुना था क्योंकि उन्हें ‘आठ करोड़ रुपये समीर वानखेड़े (एनसीबी के जोनल निदेशक)को देने थे।’ साईल ने मीडिया से कहा कि एनसीबी अधिकारियों ने उनसे नौ से 10 कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए भी कहा। हालांकि, एनसीबी अधिकारी ने आरोपों से इनकार करते हुए इसे ” पूरी तरह से झूठ और दुर्भावनापूर्ण” बताया।

क्या है ड्रग्स वाला मामला
एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेडे के नेतृत्व में इस महीने की शुरुआत में एजेंसी ने क्रूज पोत पर ‘नशे’ का भंडाफोड़ किया था और उसके बाद मामले में तीन अक्टूबर को आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। इस समय आर्यन मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं। आर्यन खान की जमानत अर्जी पर बॉम्बे हाई कोर्ट में संभवत: 26 अक्टूबर को सुनवाई होगी।

गोसावी का निजी बॉडीगार्ड था सैल
सैल, गोसावी के निजी बॉडीगार्ड के तौर पर काम करता था जो वर्ष 2018 के एक धोखाधड़ी मामले में फरार चल रहा था। सैल छापेमारी की रात गोसावी के साथ था। सैल ने दावा किया कि आर्यन खान को एनसीबी कार्यालय लाए जाने के बाद गोसावी ने डिसूजा से मुलाकात की। इस बीच, एनसीबी ने कहा कि वानखेडे ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। एजेंसी ने कहा कि मामला अदालत में विचाराधीन है और सैल को अगर कुछ कहना है तो अदालत में अर्जी देनी चाहिए।

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