नया कृषि सुधार बिल किसानों के हित में, राजनीतिक लाभ के लिए बीजापुर विधायक किसानों को कर रहें गुमराह:मुदलियार
बीजापुर। जिले में इन दिनों क्षेत्रीय विधायक विक्रम शाह मंडावी क्षेत्र के किसानों को भ्रमित कर एक हस्ताक्षर अभियान चला रहें हैं, जो हास्यपद है । नये कृषि कानून के प्रावधानों का अध्ययन किये बिना विधायक द्वारा किसानों के समक्ष प्रावधानों के विपरीत तथ्यों को प्रस्तुत कर दिग्भर्मित किया जा रहा है एवं कांग्रेस सरकार के खिलाफ किसानों के विरोध स्वर को दबाने का एकमात्र कुत्सिक प्रयास है ।
केंद्र की भाजपा सरकार अपने पहले कार्यकाल से किसानों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध रही प्रधानमंत्री मा. नरेंद्र मोदीजी का विशेष फोकस कृषि क्षेत्र में किसानों को समृद्ध एवं सशक्त बनाने पर रहा ।क्षेत्रीय विधायक का इन दिनों किसानों को नये कृषि सुधार कानून के वास्तविक उद्देश्य व तथ्यों को छिपाकर अपने राजनैतिक लाभ हेतु गलत तथ्यों को प्रस्तुत किया जा रहा है जिससे कानून को बदला नही जा सकता ।किसानों को नये कृषि सुधार बिल का ज्ञान देने से पहले स्वयं भी बिल में उल्लेखित प्रावधानों का बारीकी से अध्ययन कर लेते तो शायद विरोध करने के लिए भी विरोध नही कर पाते क्योंकि जो कानून बना वह विशुद्ध रूप से किसानों के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया और सम्पूर्ण देश के किसानों ने हार्दिक रूप से स्वागत किया ।जिन तीन कानूनों को बदलने विधायक द्वारा किसानों से भ्रमित कर हस्ताक्षर करवाया जा रहा है वही तीन कानून किसानों के जीवन मे सुख समृद्धि और खुशहाली एवं किसानों को सशक्त बनाने तथा किसानों के हितों का संरक्षण करने वाली कानून है ।राजनैतिक द्वेषता से यदि इस नए कानून का लाभ छत्तीसगढ़ एवं बीजापुर जिले के किसानों को नही मिल पाता है तो इसका जिम्मेवारी कांग्रेस सरकार एवं बीजापुर के क्षेत्रीय विधायक होंगे ।
देश मे 7 दशको के बाद इस नये कानून से अन्नदाताओं को बिचौलियों के चुंगल से मुक्ति मिलेगी साथ ही अपनी उपज को इच्छानुसार मूल्य पर कंही भी बेचने की आज़ादी मिलेगी ।
पहले हमारे किसानों का बाजार सिर्फ स्थानीय मंडी तक सीमित तथा उनके खरीददार सीमित थे मूल्यों में पारदर्शिता नही थी इस कारण उन्हें अधिक परिवहन लागत ,लम्बी क़तारें, एवं स्थानीय माफियाओं का मार झेलनी पड़ती थी। इस नये विधेयक से कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन आएगा ।
विधायक का यह वक्तव्य बड़ा ही हास्यपद है कि ,किसानों के लिए नये कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं मंडियों का प्रावधान नही होना बताया गया जबकि नये कानून के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पहले की तरह खरीदी जारी रहेगा किसान अपनी फसल का सौदा सिर्फ अपने ही नही बल्कि अन्य राज्यो के लाइसेंसी व्यापारियों के साथ भी कर सकते है ।
मंडिया समाप्त नही होगी पहले की तरह पूर्ववत व्यापार होगा और किसानो को मंडी के साथ साथ अन्य स्थानों पर अपनी उपज बेचने का विकल्प प्राप्त होगा।
किसानों को अनुबन्ध में पूर्ण स्वतंत्रता होगी कि वह इच्छानुसार दाम तय कर उपज बेच सकेगा ।
देश मे छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए कॉन्टेक्ट फॉर्मिंग लागू किया गया सिर्फ उत्पाद पर कॉन्टेक्ट लागू होगा जमीन पर नही ।
इस विधेयक से देश भर में किसानों को उपज बेचने के लिए एक देश-एक बाजार की अवधारणा को बढ़ावा मिलेगा ।
मंडी अधिनियम के तहत पंजीकृत व्यापारी पूर्ववत से भी किसानों के उपज खरीद रहे थे पर गत वर्ष सरकार की हठधर्मिता के कारण बहुत से बीजापुर के किसान बिचौलियों को अपनी उपज कम दाम में बेचने को मजबूर हुए हैं। अब इस नये कानून से किसान अपनी उपज की सही मूल्य पर बेचने स्वतंत्र होंगे,
वंही एक महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान भारत का लाभ पूरे देश को मिल रहा है सिर्फ छत्तीसगढ़ को छोड़ कर ।केंद्र की जनकल्याणकारी योजना को बंद कर छ ग एवं बीजापुर की जनता के साथ छलावा व अन्याय व शोषण किया जा रहा है ,इस पर विधायक जवाब दें?
गिरदावरी के नाम पर रकबा कम किया गया जिससे किसान अपनी उपज धान कम बेच पाएंगे इस पर भी विधायक जवाब दें ?
Covid-19 वैश्विक महामारी के बीच भी कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत 1 लाख करोड़ रुपये का आबंटन किया जिससे देश के किसानों को आर्थिक रूप से मज़बूती मिलेगी ।
जिस राजनैतिक दल ने दशको तक देश मे शासन किया किसानों को अंधकार और गरीबी में रखने का काम किया क्षेत्र के किसानो के प्रति स्थानीय विधायक की भी मंशा यही है कि यंहा के कृषको में समृद्धि और खुशहाली न आये उन्हें केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लेने से रोका जाय । ऐसे प्रयासों को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता सफल होने नही देंगे और किसानों के हक़ व हितों के संरक्षण के लिए लड़ते रहेंगे ।