District Beejapur

निष्कासन पर बिफरे युवा आयोग सदस्य… पूर्व विधायक राजेन्द्र पामभोई की मौत के लिए विधायक विक्रम को बताया जिम्मेदार… पत्रवार्ता में फफकते बोले अजय – मरते दम तक कांग्रेस का सिपाही रहूंगा, अपनी जान को विधायक से बताया खतरा…

इंपैक्ट डेस्क.

बीजापुर। छग सरकार में युवा आयोग के सदस्य और पीसीसी सचिव व बीजापुर जिले के वरिष्ठ कांग्रेसी अजय सिंह को प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर कांग्रेस से छह वर्षों के लिए निष्कासित किए जाने के बाद अजय सिंह ने मंगलवार को भैरमगढ़ स्थित अपने निवास में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान उनके इस निष्कासन के लिए बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी को जिम्मेदार ठहराते हुए विधायक पर गंभीर और संगीन आरोप लगाएं हैं। अजय सिंहने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें नाम और सम्मान दिया है, इसलिए वे ना तो कांग्रेस छोड़ेंगे और ना ही किसी अन्य पार्टी में प्रवेष करेंगे। वे मरते दम तक कांग्रेस के सिपाही ही बने रहेंगे। अजय सिंह ने कहा कि 27 अप्रैल को उन्हें प्रभारी महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला द्वारा बीजापुर विधायक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने का कारण बताते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जिसका उन्होंने चार पन्नों का जबाव प्रदेश कांग्रेस कमेटी को प्रेषित किया, परंतु 2 मई को प्रदेश महामंत्री अमरजीत चांवला द्वारा प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के आदेश पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का कारण बताते हुए छह वर्षों के लिए उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया है। कारण बताओ नोटिस और निष्कासन पत्र में जो वजह दर्शाया गया है, दोनों ही अलग है, जिससे साफ प्रतीत होता है कि विधायक विक्रम मंडावी के दबाव में आकर प्रदेश कांग्रेस द्वारा यह निर्णय लिया गया है।
*फफक पड़े अजय*
प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल का जबाव देते हुए अजय सिंह फफक कर रो पड़े और कहाकि मैनें जिंदगी में नहीं सोचा था कि मैंने जिस पार्टी के लिए पूरी जिंदगी सौंप दी, वही पार्टी एक ऐसे विधायक के कारण मुझे पार्टी से निष्कासित करेगी, जो पूरी जिंदगी पार्टी के खिलाफ काम करता रहा। उन्होंने बताया कि मंडी चुनाव, जनपद चुनाव और दिवंगत विधायक राजेंद्र पामभोई के दौरान हुए विस चुनाव में भी विक्रम मंडावी द्वारा पार्टी के खिलाफ जाकर काम किया गया, विधायक पर गंभीर आरोप लगाते कहा कि विक्रम मंडावी के कारण ही पूर्व विधायक राजेंद्र पामभोई की सदमे के चलते मौत हो गई और ऐसे शख्स के कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया है, जिसके चलते वे काफी आहत और दुखी है।
*समर्पित नही स्वार्थी है विधायक*

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि 2005 में हुए जनपद पंचायत चुनाव के दौरान इन्होंने जो फॉर्म भरा था उस फॉर्म में राजनीतिक पार्टी के कॉलम में विक्रम मंडावी ने कांग्रेस नहीं बल्कि दल का नाम भाजपा उल्लेख कराया था, जो आज भी रिकॉर्ड में मौजूद है। 2005 में भाजपा के बैनर तले चुनाव लड़ने का आरोप लगाते हुए अजय सिंह ने बताया कि ऐसे व्यक्ति के कारण पार्टी को निष्कासित किया गया, जो कभी कांग्रेस का समर्पित कार्यकर्ता रहा ही नहीं। बीजापुर में भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का विधायक पर आरोप लगाते हुए अजय सिंह ने कहा कि सोषल मीडिया में ऐसे कार्यों की सूची विधायक द्वारा वायरल करवाई जाती है, जो पहले ही सांठगांठ कर पूर्ण करा लिया गया हो। स्वयं बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष है और लगातार प्राधिकरण के पैसों का दुरूपयोग कर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। यही नहीं उन्होंने जिले में चल रहे सभी निर्माण कार्येां में विधायक पर ठेकेदारों के साथ पार्टनरषिप में काम करने का आरोप भी लगाया है। इन सारे भ्रष्टाचारों को उजागर करते हुए जब मेरे द्वारा विधायक की कार्यषैली को जगजाहिर किया गया तो मुझे निष्कासित किया गया ।
*जमीन के बदले अध्यक्ष पद का सौदा*
बीजापुर में ऐसा कोई कार्यकर्ता नहीं है, जो विधायक के खिलाफ बोल सके। पर मैंने विधायक के खिलाफ बोला और मेरा निष्कासन किया गया, यह मेरी हार नहीं बल्कि जीत है, मेरे पास विधायक के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े सारे सबूत मौजूद है। प्रेस वार्ता के दौरान ही नपं चुनाव को लेकर बड़ा खुलासा करते हुए अजय सिंह ने बताया कि भैरमगढ़ नपं चुनाव में बहुमत के साथ जीत हासिल करने के बाद जब अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चयन की बारी आई तो विक्रम मंडावी , जिलाध्यक्ष लालू राठौर और इनके बीच गुप्त बैठक भी हुई थी। जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि पार्टी से विजयी पार्षद शशि परभुलिया को अध्यक्ष बनाया जाएगा, और उपाध्यक्ष जागेंद्र देवांगन को बनाया जाएगा, परंतु दूसरे दिन एक अन्य पार्षद पति सीताराम मांझी के साथ जमीन का 40 डिसीमिल जमीन का सौदा कर विधायक द्वारा उसकी पत्नी सुखमती मांझी को नपं का अध्यक्ष बनाया गया। जिसके कुछ ही दिनों बाद सीताराम मांझी द्वारा विधायक के नाम 40 डिसीमिल जमीन की रजिस्टरी कर हस्तांतरण किया गया।
प्रेसवार्ता के अंत में अजय सिंह एक सवाल का जबाव देते हुए कहा कि सुरक्षा के मामले में उन्हें मुख्यमंत्री भुपेश बघेल की सरकार पर पूर्ण विश्वास है, परंतु विधायक विक्रम मंडावी जिस तरीके से हथकंडे अपना रहे हैं, उसे देखते हुए उन्हें भविष्य में विधायक विक्रम की ओर से उनकी जान को खतरा हो सकता है।

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