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इस आर्थिक हालात में कोई भी सरकार शराब बंदी का साहस जुटा ही नहीं सकती… पूरे देश में चिंता… पर प्रतिदिन करीब 750 करोड़ कमाई का नशा बड़ा है…

इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर।

सोमवार को लॉकडाउन 3.0 की शुरूवात हुई और उसी के साथ ग्रीन जोन में शराब का व्यापार शुरू हो गया। छत्तीसगढ़ में करीब 50 करोड़ का शराब पहले दिन बिका। इससे सरकार को एक्साईज ड्यूटी से मिलने वाला लाभ ऐसे समय में बड़ा है जब पूरी अर्थव्यवस्था धाराशाई है।

यह हाल केवल छत्तीसगढ़ का नहीं है बल्कि समूचे देश में शराब नहीं बिकने से राज्यों को हर दिन 750 करोड़ रुपए तक का नुकसान का अनुमान है। शराब से हर साल करीब 24% तक की कमाई कर सरकार कर लेती हैं।

कोरोना को फैलने से रोकने के लिए देश में लगे लॉकडाउन में अब मिली थोड़ी ढील में शराब की बिक्री के बाद जान के साथ-साथ अब जहान की भी फिक्र होने लगी है। इस बार जब लॉकडाउन में क्या छूट मिलेगी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लिस्ट जारी कर शराब की दुकानें खोलने की आजादी दे दी।

सोमवार से शराब की दुकानें खुलने भी लगीं। इन्हीं पर सबसे ज्यादा भीड़ भी देखी गई। और तो और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां भी उड़ीं। देश के कई इलाकों में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

सोशल मीडिया में सवाल उठ रहा है कि जब 40 दिन से देश में टोटल लॉकडाउन था और 17 मई तक भी लॉकडाउन ही रहेगा, तो फिर शराब की दुकानें खोलने की क्या जल्दबाजी थी?
इसका जवाब है- राज्यों की अर्थव्यवस्था। दरअसल, शराब की बिक्री से राज्यों को सालाना 24% तक की कमाई होती है। एक ही दिन में कर्नाटक में 3.9 लाख लीटर बीयर और 8.5 लाख लीटर देशी शराब बिकी। इससे सरकार को 45 करोड़ का रेवेन्यू मिला। छत्तीसगढ़ में करीब 50 करोड़ की शराब की खपत एक दिन में हुई।

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से शराब की दुकानें खोलने की इजाजत मांगी थी। लेकिन, सरकार ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया। अमरिंदर सिंह ने एक इंटरव्यू में बोला भी कि उनकी सरकार को 6 हजार 200 करोड़ रुपए की कमाई एक्साइज ड्यूटी से होती है। उन्होंने कहा, ‘मैं ये घाटा कहां से पूरा करूंगा? क्या दिल्ली वाले मुझे ये पैसा देंगे? वो तो 1 रुपया भी नहीं देने वाले।’

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