District Beejapur

सागौन तस्करी पर पूर्व मंत्री का बयान- माफियाओं को सत्ता का संरक्षण… बफर क्षेत्र में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी लंबित… सरकार बनी तो बख्शे नहीं जाएंगे अतिक्रमणकारी…

इंपैक्ट डेस्क.

बीजापुर। भोपालपट्नम नगर क्षेत्र से सागौन तस्करी के मामले पर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ जुबानी हमला किया है। शुक्रवार को बीजापुर पहुंचे पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने पत्रवार्ता में कहा कि भोपालपट्नम हो या बीजापुर नगर क्षेत्र, जिस तरह से सागौन पेड़ों की अवैध कटाई और तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं, स्पष्ट प्रतीत होता है कि माफियाओं को सत्ता का भरपूर संरक्षण प्राप्त है। जिस तरह भोपालपट्नम तस्करी मामले में स्थानीय कांग्रेसी पार्षद की संलिप्तता सामने आई है, मशीन और लकड़ियों को छुड़ाने उक्त पार्षद ने वन अमले पर सत्ता का दबाव दिखाने की कोषिष भी की है, इससे जाहिर होता है कि तस्करी को सत्तापक्ष का पूरा संरक्षण मिला हुआ है। सत्तापक्ष के दबाव में प्रषासन कार्रवाई भी देरी से कर रहा है। इस मामले में भी यही हुआ। लगातार सूचना मिलने के बावजूद तीन से चार दिन बाद कार्रवाई हुई है।

मामले में संलिप्त लोगों के विरूद्ध जैसी कार्रवाई होनी चाहिए थी, वैसी नहीं हुई। वही बफर क्षेत्र में सत्तादल के कद्दावर नेताओं द्वारा अतिक्रमण के सवाल पर उनका कहना था कि मामले को लेकर उनकी पार्टी लगातार दबाव बना रही है। हम केवल सरकार से मांग कर सकते हैं। कार्रवाई सरकार ही करेगी। हालांकि पिछले विस में यह मुद्दा उठा जरूर था, सरकार के विभागीय मंत्री द्वारा प्रतिवेदन का परीक्षण कर कार्रवाई की बात कही गई थी मगर कार्रवाई अब तक नहीं हुई, बहरहाल सरकार में भाजपा की वापसी के साथ ही इस मामले में तेजी से कार्रवाई की जाएगी।

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सागौन तस्करी पर पूर्व मंत्री का बयान- माफियाओं को सत्ता का संरक्षण… बफर क्षेत्र में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी लंबित… सरकार बनी तो बख्शे नहीं जाएंगे अतिक्रमणकारी…

इंपैक्ट डेस्क.

बीजापुर। भोपालपट्नम नगर क्षेत्र से सागौन तस्करी के मामले पर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ जुबानी हमला किया है। शुक्रवार को बीजापुर पहुंचे पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने पत्रवार्ता में कहा कि भोपालपट्नम हो या बीजापुर नगर क्षेत्र, जिस तरह से सागौन पेड़ों की अवैध कटाई और तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं, स्पष्ट प्रतीत होता है कि माफियाओं को सत्ता का भरपूर संरक्षण प्राप्त है। जिस तरह भोपालपट्नम तस्करी मामले में स्थानीय कांग्रेसी पार्षद की संलिप्तता सामने आई है, मशीन और लकड़ियों को छुड़ाने उक्त पार्षद ने वन अमले पर सत्ता का दबाव दिखाने की कोषिष भी की है, इससे जाहिर होता है कि तस्करी को सत्तापक्ष का पूरा संरक्षण मिला हुआ है। सत्तापक्ष के दबाव में प्रषासन कार्रवाई भी देरी से कर रहा है। इस मामले में भी यही हुआ। लगातार सूचना मिलने के बावजूद तीन से चार दिन बाद कार्रवाई हुई है।

मामले में संलिप्त लोगों के विरूद्ध जैसी कार्रवाई होनी चाहिए थी, वैसी नहीं हुई। वही बफर क्षेत्र में सत्तादल के कद्दावर नेताओं द्वारा अतिक्रमण के सवाल पर उनका कहना था कि मामले को लेकर उनकी पार्टी लगातार दबाव बना रही है। हम केवल सरकार से मांग कर सकते हैं। कार्रवाई सरकार ही करेगी। हालांकि पिछले विस में यह मुद्दा उठा जरूर था, सरकार के विभागीय मंत्री द्वारा प्रतिवेदन का परीक्षण कर कार्रवाई की बात कही गई थी मगर कार्रवाई अब तक नहीं हुई, बहरहाल सरकार में भाजपा की वापसी के साथ ही इस मामले में तेजी से कार्रवाई की जाएगी।

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