D-Bastar DivisionDistrict Bastar (Jagdalpur)District Dantewada

बस्तर संभाग के सभी निजी शालाओं की मान्यता रद्द करने डीईओ के पत्र से निजी शाला संचालकों में हड़कंप… अब नहीं काटना होगा राजधानी का चक्कर…

इम्पेक्ट न्यूज।

छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग ने बस्तर शिक्षा संभाग का गठन कर दिया है। जिसके तहत अब संभाग के सभी सातों जिलों के शिक्षा संबंधी काम के लिए राजधानी तक दौड़ नहीं लगाना पड़ेगा। नई व्यवस्था के बाद बस्तर संभाग के सभी निजी स्कूलों की मान्यता को रद्द कर दिया गया। जिससे निजी शाला संचालकों में हड़कंप मच गया है।

छत्तीसगढ़ बोर्ड के पाठ्यक्रम के आधार पर संचालित शालाओं के संबंध में संयुक्त संचालक बस्तर संभाग के कार्यालय से जारी आदेश में मान्यता संबंधित पत्र जारी किया गया। जिला शिक्षा अधिकारियों को उनके संबंधित जिले में छत्तीसगढ़ शासन से मान्यता प्राप्त संस्थाओं के लिए जारी किए गए सभी मान्यता और नवीनीकरण का तत्काल प्रभाव से खत्म करने के लिए निर्देशित किया गया है।

इस आदेश के मुताबिक सभी जिलों में जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा सभी निजी मान्यता प्राप्त शालाओं को मान्यता समाप्त किए जाने संबंधित पत्र प्रेषित किया गया है। देखें पत्र

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इस पत्र के मजमून से जैसा स्पष्ट है उससे सभी निजी शाला संचालकों के माथे पर बल पड़ गया हैं। डीईओ द्वारा कहा जा रहा है कि यह आदेश संयुक्त संचालक के निर्देश के तहत जारी किया गया है।

उल्लेखनीय है कि पहले बस्तर में संयुक्त संचालक का पद नहीं था। अब बस्तर संभाग मुख्यालय में शिक्षा संभाग कार्यालय प्रारंभ कर दिया गया है। जिसके तहत पृथक से संयुक्त संचालक की पोस्टिंग की गई है। सभी सात जिलों के डीईओ पहले कक्षा 8वीं तक के लिए शाला संचालन हेतु मान्यता जारी कर दिया करते थे। अब संयुक्त संचालक दफ्तर के संचालन के बाद कक्षा पहली से 12 तक संचालित हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल के लिए मान्यता की प्रक्रिया संयुक्त संचालक के माध्यम से पूरी की जा सकेगी।

पूर्व की व्यवस्था के अनुसार कक्षा 8वीं के बाद हाई स्कूल और हायरसेकेंडरी स्कूल के लिए मान्यता हेतु बस्तर संभाग के निजी शाला संचालकों को रायपुर का चक्कर काटना पड़ता था। अब यही काम जगदपुर से हो जाएगा।

अब मान्यता संबंधी समस्त कार्य संयुक्त संचालक शिक्षा के कार्यालय से पूरे किए जाएंगे। जिसके लिए जिला स्तर से जारी सभी शालाओं की मान्यता और नवीनीकरण के आदेश को रद्द कर दिया गया है। इस सत्र में इसका कोई प्रभाव नहीं होगा। आगामी सत्र से पूर्व संयुक्त संचालक के कार्यालय से विधिवत मान्यता लेना होगा।
राजेश कर्मा, डीईओ, दंतेवाड़ा

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