और इस तरह भिलाई से जुड़ गया केरल…
सुदीप ठाकुर। सत्तर-अस्सी के दशक में छत्तीसगढ़ की बड़ी हो रही हमारी पीढ़ी के लिए भिलाई ऐसा गंतव्य रहा है, जहां उसके सपने पूरे हो सकते थे। इसका आकर्षण 1990 के दशक की उदारीकरण की नीतियों के बाद कुछ कम होता गया है, लेकिन आज भी भिलाई इस्पात संयंत्र की विशिष्ट जगह है, जैसा कि पिछले साल कोविड-19 के दौरान देखा गया कि कैसे भिलाई से ऑक्सीजन की सप्लाई देश के दूसरे हिस्सों में की गई थी। ( इसका जिक्र मैंने अपने एक ब्लॉग में किया था,) भिलाई इस्पात संयंत्र
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