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तेलंगाना से दंतेवाड़ा लौटे युवक की अस्पताल में इलाज के दौरान संदिग्ध मौत… परिवार के चार सदस्य क्वैरनटाइन किए गए… कलेक्टर ने कहा कोरोना सैंपल रिपोर्ट का इंतजार…

इम्पेक्ट न्यूज. दंतेवाड़ा।

तेलंगाना से दंतेवाड़ा लौटे एक युवक की संदिग्ध परिस्थिति में उपचार के दौरान मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। इस युवक में टीबी के लक्षण थे साथ ही तेलंगाना ट्रेवल हिस्ट्री के कारण पूरे दंतेवाड़ा में सनसनी फैल गई है।

कलेक्टर टीपी वर्मा ने इम्पेक्ट से चर्चा में बताया कि दंतेवाड़ा जिले के टेटम में चार लोग तेलंगाना से वापस लौटे थे जिसमें से इसकी तबियत खराब थी। गांवा वालों ने इन्हे अंदर आने नहीं दिया। सूचना मिलने पर युवक का सैंपल आज ही लिया गया था।

तबियब की स्थिति को देखते हुए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। जहां उसकी मौत हो गई। कोरोना की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सही स्थिति का पता चल सकेगा। फिलहाल गांव में युवक के प्रवेश नहीं हो पाने से सामुदायिक संक्रमण फैलने का कोई खतरा नहीं है।

कलेक्टर श्री वर्मा ने स्पष्ट किया कि टीबी के लक्षण भी कोरोना से मिलते जुलते हैं। युवक को बीते दो वर्ष से टीबी की शिकायत की बात सामने आई है। जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक कुछ भी कहना सही नहीं होगा।

कलेक्टर ने बताया कि जिस ठेकेदार के यहां वे काम करते थे उसने उन्हें वाहन के साथ भिजवा दिया। ग्रामीणों ने वाहन को भी लौटने नहीं दिया है। जितने भी लोग आए थे सभी क्वेरनटाइन हैं।

उल्लेखनीय है कि दक्षिण पश्चिम बस्तर के सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के सैकड़ों आदिवासी तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में अच्छी मजदूरी के लालच में काम करने हर वर्ष जाते हैं। इनमें से बहुत से लॉक बंदी होने के बाद जैसे—तैसे अपने गांव तक पहुंचे।

पर गांवों में कोरोना को लेकर फैली जागरूकता के कारण ऐसे ज्यादातर मामलों में ग्रामीणों ने संक्रमण फैलने से रोकने के लिए गांव के बाहर ही रोक रखा है। कई मामलों में स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौके पर पहुंचकर देखने का प्रयास भी किया।

सिविल सर्जन जिला अस्पताल दन्तेवाड़ा डॉ एमके नायक ने बताया

तेलम निवासी देवा पिता जोगा को कल 12 अप्रैल को शाम 5 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। देवा टीबी का पुराना मरीज था और कार्डियोमेगेली से पीडि़त होने के साथ ही निमोनिया से भी ग्रसित था। उसकी गम्भीर स्थिति को देखते हुए आज 13 अप्रैल को उसे बेहतर उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल जगदलपुर रिफर किया गया था, जहां पर उसकी मृत्यु हो गई। डॉ नायक ने बताया कि देवा मिर्ची तोड़ने के लिए भद्राचलम गया था और उसकी यात्रा विवरणी को ध्यान रखते हुए देवा को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में उपचारार्थ भर्ती किया गया था।

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