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क्वारंटीन सेन्टर में रह रहे श्रमिकों ने उठाई परिसर को सुंदर बनाने की जिम्मेदारी… तूफान के कारण गिरे पेड़ों की कटाई—छंटाई कर बना रहे परिसर को सुंदर…

इम्पेक्ट न्यजू. सुकमा।

इस कोरोना काल में सबसे ज्यााद प्रभावित मजदूर वर्ग हुआ हैं ऐसे में हर रोज मजदूरों को दुसरे प्रदेशों से लाया जा रहा है और उन्हे क्वारीटाईन किया जा रहा है। जहां शासन-प्रशासन उन्हे तमाम सुविधाएं दे रही है। ऐसे ही एक क्वारीटाईन सरेंटर मुरतोंड़ा जहां पर श्रमिकों ने क्वारीटाईन में रहते हुए मुरतोंड़ा स्कूल परिसर के लिए कुछ कर रहे है। वो वहां पर पड़े पेड़ों को कांट रहे तो कुछ लोग वहां की सफाई करने में जुटे हुए है।

मजदूरी की तलाश में निकले प्रवासी श्रमिकों को कोरोना के कारण इस बार मानसून से बहुत पहले ही अपने घरों की ओर रुख करना पड़ा। लाॅक डाउन के कारण यातायात के साधनों के अभाव में किसी तरह यहां पहुंचे श्रमिकों को क्वारंटीन सेंटरों में पहुंचने पर मिलने वाली सुविधाएं ऐसे श्रमिकों को राहत पहुंचा रही हैं। ऐसे ही सुकमा जिले के ग्राम पंचायत मुरतोण्डा में ठहरे प्रवासी मजदूरों को काफी राहत मिली है। यहां की गई देखभाल और सेवा के बदले प्रवासी मजदूरों ने भी इस स्थल की साफ.सफाई की और तुफान के कारण गिरे बड़े.बड़े पेड़ों की कटाई.छंटाई कर इस परिसर को फिर से सुंदर बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं।

मुरतोंडा स्थित क्वारांटीन सेंटर में फिलहाल 58 प्रवासी मजदूर हैं जो तेलंगान ओड़िसा आन्ध्रप्रदेश उतराखण्ड पंजाब से यहां पहुंचे हैं। ये मजदूर यहां क्वारांटीन अवधि पूरी करने के बाद अपने गृह जिले बीजापुर बस्तर कोंडागांव बिलासपुर आदि के लिए रवाना होंगे। कोरोना के कारण लोगों के मन में व्याप्त भय के बीच लंबे समय से घर.परिवार से दूर रह रहे इन प्रवासी श्रमिकों के मन में जहां जल्द से जल्द घर पहुंचने की इच्छा हैए वहीं इस क्वारांटीन सेंटर में मिल रही सुविधाओं को लेकर संतोष और खुशी भी है।

गोन्दपल्ली के युवक कमलेश वेट्टी ने बताया कि वह अपने गांव के ही अन्य तीन लोगों के साथ रोजगार की तलाश में तीन महिने पहले विजयवाड़ा गया था उन्होंने आगे बताया कि लाॅक डाउन के दौरान परिवार के सदस्य उनसे नियमित सम्पर्क कर गांव लौटने के लिए कहते थे जिसके कारण वह लौट आया। वह फिलहाल एक जून से यहां हैं।

इसी तरह क्वारंटीन हुई रामाराम की सोनी कवासी ने बताया कि वह दो वर्ष की मैनेजमेण्ट की पढ़ाई के लिए कोरबा गई थी। वह अपने चार सहपाठियों के साथ प्रशासन के सहयोग से 31 मई को इस क्वारंटीन सेन्टर में पहुंची। यहां पर दी जा रही सुविधाओं के लिए सोनी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उद्योग मंत्री कवासी लखमा सहित जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।

क्वारंटीन सेन्टर में अन्य राज्यों से लौटने वाले लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण के उपरान्त निर्धारित 14 दिनों का क्वारंटीन किया जा रहा है। कोविड जांच में निगेटिव पाए जाने के बाद ही क्वारंटीन हुए लोगों को रवाना किया जा रहा है। क्वारंटीन सेन्टर में ठहरने वाले प्रवासियों की मूलभूत सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन लोगों के लिए नाश्ता भोजन पेजयल इत्यादि सहित अन्य सुविधाएं मुहैय्या कराई जा रही है। हरी सब्जियां और दाल को भोजन में शामिल किया जा रहा हैं। क्वारंटीन सेन्टर का प्रतिदिन सफाई के साथ ही सेनिटाईज भी किया जा रहा है। इसके साथ ही क्वारंटीन हुए लोगों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा हैं।

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