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बेरोजगारी व CMIE के आंकड़ों पर सदन में हंगामा : विपक्ष ने प्रायोजित बेरोजगारी के आंकड़ों का लगाया आरोप… मुख्यमंत्री के जवाब पर भी नहीं हुआ संतुष्ट, विपक्ष का वाकआउट…

इम्पैक्ट डेस्क.

रायपुर। प्रश्नकाल में आज बेरोजगारों की संख्या और रोजगार का मुद्दा उठा। प्रश्नकाल में अजय चंद्राकर ने सवाल उठाया कि बेरोजगारों की संख्या कितनी है। बेरोजगारी का आकलन करने वाली सीएमआईई की मान्यता को लेकर आज सदन में जोरदार बहस हुई। सीएमआईई के मान्यता पर मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि ये एक निजी संस्था है, इस संस्था के आंकड़े को सरकार मान्यता नहीं देती है। इस जवाब के बाद अजय चंद्राकर ने सवाल किया कि संस्था को क्या 2 करोड़ का विज्ञापन दिया गया? जवाब में मंत्री उमेश पटेल ने स्वीकार किया कि 2 करोड़ का विज्ञापन दिया गया, हालांकि बाद में इस जवाब पर संशोधित उत्तर भी मंत्री उमेश पटेल का आया, जिसमें उन्होंने कहा कि आंकड़े देने वाली संस्था को विज्ञापन नहीं दिया गया, बल्कि उस आंकड़ों के आधार मीडिया माध्यमों को विज्ञापन दिये गये। अजय चंद्राकर ने कहा कि एक तरफ सरकार सीएमआईई को मान्यता नहीं देने की बात कहती है, दूसरी तरफ उसे 2 करोड़ का विज्ञापन भी देती है।


इस मामले को अनियमितता से जोड़ते हुए अजय चंद्राकर ने 2 करोड़ के विज्ञापन के रिकवरी की मांग की। इस मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष बार बार उसे अनियमितता की श्रेणी में आने की बात कहता रहा। इसी सवाल पर सौरभ सिंह ने कहा कि जिस संस्था को मान्यता नहीं, उस संस्था को कैसे भुगतान होगा?

इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री जवाब देने खड़े हुए, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि किसी आंकड़ों के लिए हमें आधार तो लेना होगा ? छत्तीसगढ़ में अगर सबसे कम बेरोजगारी है, तो उसके लिए विपक्ष को बधाई देना चाहिये, लेकिन यहां ये अलग बातें कह रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने हेड काउंट क्यों कराया, आंकड़े के लिए हमलोग आधार लेते रहे हैं।

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