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आज जन्माष्टमी : CM बघेल करेंगे ‘कृष्ण कुंज’ अभियान की शुरुआत… लगेंगे नीम, पीपल, बरगद के पेड़…

इम्पैक्ट डेस्क.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य में पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए 19 अगस्त को जन्माष्टमी के शुभ दिन पर ‘कृष्ण कुंज’ वृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ करेंगे। इस अभियान के तहत पूरे छत्तीसगढ़ में चयनित स्थानों पर नीम, पीपल, कदंब, आम, इमली, बेर, गंगा और औषधीय पेड़ लगाए जाएंगे। रायपुर के तेलीबांधा में एक कृष्णा-कुंज भी विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री भूपेस बघेल ने कहा कि इस पहल का नाम ‘कृष्ण-कुंज’ रखा गया है ताकि लोग जीवनदायिनी पेड़ों के ईश्वर-सदृश और दैवीय मूल्यों को समझ सकें। उन्होंने यह भी कहा कि इस पहल से सांस्कृतिक महत्व के पेड़ों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी और ऐसे अनोखे पेड़ों को संरक्षित करने में मदद मिलेगी।

अमरूद, सीताफल, बेल, आंवला के वृक्षों का रोपण किया जाएगा
जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण कुंज में बरगद, पीपल, कदंब जैसे सांस्कृतिक महत्व के एवं जीवनोपयोगी आम, इमली, बेर, गंगा इमली, जामुन, गंगा बेर, शहतूत, तेंदू ,चिरौंजी, अनार, कैथा, नीम, गुलर, पलास, अमरूद, सीताफल, बेल, आंवला के वृक्षों का रोपण किया जाएगा। 

उल्लेखनीय है कि पीपल, बरगद और नीम जैसे पेड़ों में ऑक्सीजन छोड़ने की क्षमता अधिक होती है। वे भी तीव्र गति से बढ़ते हैं और उनका जीवन लंबा होता है और इसलिए, यह पहल ग्लोबल वार्मिंग को काफी हद तक कम करने में भी योगदान दे सकती है।

मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को ‘कृष्ण-कुंज’ विकसित करने के लिए वन विभाग को कम से कम एक एकड़ भूमि आवंटित करने का निर्देश दिया है। ‘कृष्ण कुंज’ के लिए राज्य में अब तक 162 स्थानों की पहचान की जा चुकी है। पौधरोपण की तैयारी भी बड़े उत्साह के साथ की जा रही है। इस कृष्ण जन्माष्टमी से पूरे प्रदेश में समर्पित स्थलों पर पौधरोपण शुरू किया जाएगा।

सीएम ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में तेजी से हो रहे शहरीकरण के कारण पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण पेड़ों का अस्तित्व खतरे में है। हमारी आने वाली पीढ़ियों को पेड़ों के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए ‘कृष्ण-कुंज’ की पहल की जा रही है।

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