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जो करने लगे थे विरोध अब वो डॉ महंत के नजदीक आने लगा रहे जुगत

न्यूज़ इम्पैक्ट सक्ती 14 अक्टूबर 23।

चुनावी घोषणा के बाद से ही अब चुनावी सरगर्मी तेज दिख रही है, भाजपा ने तो प्रत्याशियों की घोषणा कर के पहले बाजी मार ली है, लेकिन कांग्रेस में अब तक प्रत्याशियों की घोषणा नहीं होने से जिले में माहौल गर्माया हुआ है।
बता दें कि नवीन जिले में 3 विधानसभा क्षेत्र हैं जिनमें से दो कांग्रेस और एक बसपा के पास है, जिसे अपने पाले में करने के लिए भाजपा अपनी ताकत झोंक रही है, वहीं कांग्रेस में सबसे ज्यादा हाई प्रोफाइल सीट माने जाने वाले सक्ती विधानसभा सीट में स्वयं डॉ चरणदास महंत की दावेदारी है वहीं दर्जनों कांग्रेसियों ने भी ताल ठोंकी है, जिसमें मनहरण राठौर का नाम भी शामिल हैं, तीन बार कांग्रेस ने मनहरण राठौर और उनकी पत्नी को इस सीट से मौका दिया जिसमें एक बार सरोजा मनहरण राठौर को जीत मिली, 2013 में स्वयं मनहरण मैदान में थे और उन्हें डॉ खिलावन से हार का मुख देखना पड़ा था। अब इस सीट में डॉ चरणदास महंत विधायक हैं और छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष के पद पर भी हैं, जिससे यह क्षेत्र और भी हाई प्रोफाइल हो जाता है। कुछ दिनों पूर्व तक अधिकांश कांग्रेसी यहां से अपनी टिकट हेतु पुरजोर ताकत लगा रहे थे, वहीं डॉ महंत की छवि को भी धूमिल करने का प्रयास भी लगातार कर रहे थे। लेकिन राजनीति के पितामह मानें जाने वाले डॉ महंत की छवि में तनिक भी दाग नहीं लगा पाए। बता दें कि राज परिवार सहित राठौर समाज के कुछ कांग्रेस नेता टिकट पाने की लालशा में दिल्ली तक के कई बार चक्कर लगा चुके हैं, वहीं डॉ महंत के कद के आगे सभी बौने साबित हुए। वहीं जो डॉ महंत के कद तक खड़े होने की कोशिश में लगे हुए थे वे भी अब पूरी तरह से मुरझा चुकें हैं। लोगों की मानें तो डॉ महंत अपने आप मे सुलझे हुए नेता के रूप में माने जाते हैं और चुनावी मैनेजमेंट में उनका कोई तोड़ ही नहीं है। बता दें कि कल तक जो नेता कांग्रेस के टिकट के लिए पूरी ताकत लगाए हुए थे अब उन्हें भी समझ आ रहा है कि डॉ महंत के करीब भी खड़े होना मुश्किल हैं। वहीं मनहरण राठौर जो डॉ महंत के काफी करीबी या यूं कहें कि 2018 से अप्रैल 2023 तक मनहरण को डॉ महंत का अक्स कहा जाता था में थोड़ी दूरी आने के बाद कुछ परिदृश्य में बदलाव जरूर आया था। मनहरण राठौर की बाइक रैली में जो भीड़ दिखी वो सामाजिक थी, परंतु 2 अक्टूबर को कांग्रेस के भरोसे की यात्रा की भीड़ ने दिखा दिया। डॉ महंत के इस यात्रा में लगभग पूरा सक्ती विधानसभा सड़क पर था और कांग्रेस के समर्थन में दासियों हजार वाहन सड़क पर उतर आए थे। सूत्रों की मानें तो कहीं ना कहीं भाजपा के टिकट की घोषणा के बाद से मनहरण राठौर को एक बड़ा झटका लगा है, और अब वे फिर से अपने खोए हुए स्थान को कमाने या कहें तो फिर से डॉ महंत के करीब आने अपनी पूरी ताकत झोंक चुके हैं, वहीं भरोसे की यात्रा से अब डॉ महंत को भी भरोसा हो गया है कि किसी एक के सहारे नहीं पूरे विधानसभा क्षेत्र के जनता के भरोसे के ही सहारे चलना है, ऐसी स्थिति में अब कइयों को अपनी खोखली साख का वास्तविक रूप भी समझ आ रहा है, और कांग्रेस को भी अपने कार्यकर्ताओं की वास्तविक मेहनत दिखने लगी है। आम और खास का अंतर लगभग सक्ती कांग्रेस में खत्म होता नजर आ रहा है, जिससे अब दबाव की राजनीति खत्म होते हुए जनता के साथ कि राजनीति शुरू हो गई है। अब देखना है कि डॉ महंत की इस नई रणनीति का फायदा मिलता है या नुकसान, लेकिन कांग्रेस के लोगों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है, और हर किसी की जुबान में है कि जिसने हमें जिला की सौगात दी उसे हम अपने क्षेत्र के प्रतिनिधत्व का अवसर बारंबार देते रहेंगे।

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