District Sukma

ग्रामीणों ने सीमा को किया सील…..चंद दूरी में आना-जाना हुआ बंद….पढ़िए छग-उड़ीसा बोर्डर का क्या है हाल…….



सतीश चांडक

सीमावर्ती प्रदेश उड़ीसा के मलकानगिरी जिले में कोरोना मरीज मिलने के बाद जिला प्रशासन व आम नागरिक अर्लट हो गए है। खासकर सीमावर्ती गांवों में काफी दहशत देखी जा रही हैं ग्रामीणों में काफी जागरूकता भी आई हैं बुड़दी में जहां ग्रामीणों ने खुद ही सीमा को सील कर रखा है। इसके अलावा साप्ताहिक बाजार भी बंद किया गया और उड़ीसा जाने के लिए गांव के मुखियों ने ग्रामीणों को साफ मना कर दिया है। और ना ही उड़ीसा से किसी भी ग्रामीण को आने की अनुमति दी जा रही है।

जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी. दूर स्थित बुड़दी गांव जिसका एक हिस्सा उड़ीसा के मलकानगिरी जिले का है। इसलिए उस हिस्से को उड़ीसा बुड़दी कहते है। दोनो के बीच की दुरी महज 500 मीटर है। यानि की बुड़दी का एक पारा उड़ीसा बुड़दी है। ये सदियों से एक-दुसरे पर निर्भर है। लेकिन अलग-अलग राज्यों के होने के कारण योजनाओं का लाभ भी अलग-अलग मिलता है। लेकिन कोरोना ने इनके बीच की दूरी को बढ़ा दिया है। क्योंकि इन दो गांवों के बीच में ग्रामीणों ने सील कर दिया है। सड़क पर लकड़ी डालकर व बैनर लगा दिया है कि बिना अनुमति के प्रवेश निषेद है। यह और कोई नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ बुड़दी के ग्रामीणों ने लगाया है। क्योंकि उड़ीसा के मलकानगिरी जिले में कोरोनो के 19 मरीज मिले है जिसके बाद से यहां की सीमा को सील कर दिया गया।

फोटो- खाली पड़ी बाजारे।



बाजारे बंद
वही आज शुक्रवार को बुड़दी में बड़ी बाजार लगती है। जिसमें जिले के दर्जनभर गांव के अलावा उड़ीसा के भी आध दर्जन गांव के ग्रामीण आते है। लेकिन पिछले दो सप्ताह से यहां पर बाजार नहीं लग रही है। सीमावर्ती जिला मलकानगिरी जहां कोरोनो ने दस्तक दी उसके बाद से यहां पर बाजार नहंी लग रही है। ग्रामीण खुद ही बाजार बंद करवा रहे है। वही दूसरी बाजार केरलापाल जहां एक दर्जन से ज्यादा गांवों के ग्रामीण बाजार करने आते है। लेकिन ये भी बंद है।

सिर्फ मेडिकल वालों को अनुमति
यहा के बहुत ऐसे ग्रामीण है जो मेडिकल के काम से मलकानगिरी जाते है। बुड़दी व आसपास के गांव वालों को सिर्फ मेडिकल के लिए ही रास्ता खोला जाता है। ग्रामीण गंगा बघेल ने बताया कि कोरोना जैसी बीमारी से सिर्फ सावधानी ही बचा सकती है। इसलिए हम लोग सावधानी बरत रहे है। सिर्फ मेडिकल वालों को ही आने-जाने की अनुमति दी जा रही है।

यही हाल है पुरे बोर्डर की
बुड़दी ही नहीं बल्कि सीमा से लगे सभी गांवो का यही हाल है। कस्तुरी हो या फिर ओलेर जहां-जहां से आवागमन का रास्ता है वहां-वहां ग्रामीणों ने रास्ता जाम कर दिया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि ग्रामीणों में इतनी जागरूकता आ गई। अब तो वो स्वंय ही रास्ता जाम कर रहे है। साप्ताहिक बाजारों में आने से डर रहे है।


इम्पेक्ट से चर्चा करते हुए जनप्रतिनिधि डमरू राम नाग ने बताया कि सीमावर्ती प्रदेश में कोरोना आ गया है इसलिए हम गांव वालों ने सीमा को सील कर दिया है। ताकि यहां पर कोरोनो का प्रभाव ना सके। हमारे द्वारा बाजार भी बंद करवाई गई। ताकि कोरोना से बचाव हो सके। ग्रामीणों में काफी दहशत है। इसलिए बाहर के लोगो को आने से मना किया जा रहा है।

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