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बिना हथकड़ी परिरूद्ध बंदियों को जलाउ लेने भेज दिया जेलर ने… मीडिया को देख उल्टे पैर लौट गए… देखें विडियो…

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  • उपजेल अधीक्षक की बड़ी लापरवाही अक्सर बंदियों को लाया जाता है बाहर

सक्ती। जेल विभाग लापरवाही उजागर हुई है, जहां बंदियों को न्यायिक अभिरक्षा में रखी जाती है वहीं बिना पर्याप् सुरक्षा व्यवस्था 4 बंदियों को लकड़ी लेने जेल से बाहर भेज दिया।

जेल से निकाले गए बंदी

आज सुबह सक्ती उपजेल के अधीक्षक सतीश भार्गव ने 4 विचाराधीन बंदियों को बिना सुरक्षा, बिना हथकड़ी के लकड़ी खरीदी करने के लिए करीब 5 किलोमीटर दूर वन विभाग के डिपो में भेज दिया।

जेल से निकाले गए बंदी

इस संवाददाता को जब घटना की जानकारी मिली तो मौके पर पहुंचकर बाकायदा इस पूरे मामले की वीडियोग्राफी भी की।

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इसमें स्पष्ट है कि किस तरह कैदियों को खुला छोड़कर उनसे जेल के बाहर का काम करवाया गया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पहले भी जेल ब्रेक जैसी कई घटनाएं हुई है। कई कैदी हथकड़ी छुड़ाकर या काटकर भागने में भी कामयाब रहे हैं। इस तरह के मामलों में आमतौर पर जेल प्रबंधन की घोर लापरवाही ही सामने आती है।

गैस कनेक्शन के लिए बजट तो लकड़ी पर खाना क्यों?

जेल सूत्रों के मुताबिक, कैदियों को जेल से बाहर लकड़ी खरीदी के लिए भेजा गया था। इस लकड़ी के जरिए जेल में खाना पकाया जाना है। इधर, पता चला है कि पूर्व में ही जेल में खाना पकाने के लिए गैस कनेक्शन की स्वीकृति मिल चुकी थी। इसके लिए 2 लाख रूपए का बजट भी मंजूर किया गया था। बावजूद इसके लकड़ी जलाकर खाना क्यों पकाया जा रहा था, इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है।

बताया जाता है कि उपजेल सक्ती में अधीक्षक सतीश भागर्व की पदस्थगी दो-ढाई साल पहले हुई थी। जेल सूत्रों का साफ कहना है कि जब खाना बनाने के लिए गैस कनेक्शन का बजट है तो भी जानबूझकर बंदियों को भरी गर्मी में लकड़ी से क्यों तपाया जा रहा है।

बंदियों को कैसे निकाल सकते हैं बाहर

इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर उपजेल अधीक्षक भार्गव जेल में निरूद्ध बंदियों को बाहर कैसे भेज सकते हैं? वह भी बिना किसी सुरक्षा के?

सूत्रों के मुताबिक, बंदियों को पुलिस कार्यवाही या कोर्ट के आदेश पर ही बाहर निकाला जा सकता है। यदि आवश्यक होता है तो पुलिस की सुरक्षा में ही कैदियों को ले जाया जाता है।

जानकारी देने से बचता रहा जेल प्रबंधन

घटना के संदर्भ में जब जेल प्रबंधन से सम्पर्क किया गया तो जिम्मेदार लोगों ने किसी भी तरह की जानकारी देने से साफ तौर पर इनकार कर दिया। जिन 4 विचाराधीन बंदियों को जेल से बाहर भेजा गया, वे किन मामलों में निरूद्ध हैं? उनके नाम क्या है और वे कब से उपजेल में हैं? इन सारे सवालों के जवाब अनुत्तरित ही रहे।

मेरी निगरा में बंदियों को ले जाया गया ऐसा कह रहे है जेलर… देखें विडियो

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