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संतुलित आहार के साथ करें मानसून का स्वागत… बारिश के दिनों में स्वस्थ रहने इन बातों की जानकारी बेहद जरूरी… देखें डायटिशियन की सलाह…

डायटीशियन सरोज साहू दास. 

जगदलपुर। जेठ की झुलसाती गर्मी बीत रही है और लोग अब राहत की उम्मीद में मानसून की राह तक रहे हैं। यकीनन ग्रीष्म ऋतु उपरांत मानसून की रिमझिम बारिष का सभी को बेसब्री से इंतजार होता है। रिमझिम बारिष में भींगना एक अलग ही आनंद की अनुभूति होती है, चूंकि यह ऋतु परिवर्तन का समय है, जिसका हमारे स्वास्थ्य से गहरा संबंध होता है।

मौसम में परिवर्तन हमारे शरीर में रोग प्रतिरोक क्षमता को काफी हद तक प्रभावित करता है। चूंकि इस दौरान वातावरण में आर्दता अधिक होती है, नतीजतन ह्यूमन बॉडी में पाचन क्षमता काफी कम हो जाती है। इसके मद्देनजर ऋतु परिवर्तन की अवस्था खासकर मानसून के दौरान हमें अपने खानपान, आहार पर खास ध्यान देने की आवश्यकता होती है। स्वस्थ्य पर मौसम का प्रतिकूल असर ना पड़े, इसलिए यह नितांत आवश्यक है कि हमें आहार संतुलन का ज्ञान होना बेहद जरूरी है।

क्या खाये और क्या ना खायें

यह एक सामान्य प्रष्न है, जिसका जबाव दे रही है डायटिशियन सरोज साहू दास। डायटिशियन सरोज के मुताबिक इस दौरान तेलयुक्त भोजन, राह चलते सरलता से मिलने वाले खुले में मिलने वाले खाद्य पदार्थ जैसे कटेफल, पानी पूरी, फास्ट फूड के अलावा बासी भोजन, बचे हुए भोजन को बार-बार गर्म करके खाने से हम उदर संबंधित बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।

चूंकि इस मौसम में नमी और गंदगी के कारण कई प्रकार की बीमारियां का संक्रमण स्वतः फैलने लगता है, जैसे डेंगु, मलेरिया, टाइफाइड, वायरल बुखार, निमोनिया, आंतों की गड़बड़ी, दस्त और पेचिष की आषंका बढ़ जाती है। इसके मद्देनजर स्वस्थ्य रहने मौसमी फलों के साथ-साथ सेब, अनार, नाशपाती, जामुन, खजुर, आम आदि फलों के सेवन से हम स्वस्थ्य रह सकते हैं बषर्ते इन्हें खाने से पहले अच्छी तरह धो ले और सड़े फलों को उपयोग में लाने से बचे।

इसी तरह करेला, नीम, हल्दी, मेथी के बीज का सेवन भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। ये शरीर में सभी प्रकार के संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं, इसके अलावा अदरक, कालीमिर्च, शहद, तुलसी के पत्ते, दालचीनी का काड़ा बनाकर सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है।

लहसून युक्त सूप, फाइबर युक्त आहार से भी पाचन प्रणाली स्वस्थ्य रहती है। वही कच्चे सलाद के बजाए उबले हुए सब्जियों का उपयोग भी लाभकारी होता है। क्योंकि कच्ची सब्जियों में बैक्टिरिया और वायरस सक्रिय होते है जो संक्रामक बीमारियों के कारक होते हैं। श्रीमती सरोज की मानें तो मानसून के दौरान स्वस्थ्य रहने पीने के पानी पर विशेष ध्यान देने की आवशयकता होती है।

पानी हमेशा छानकर तथा उबालकर ही व्यवहार में लाना चाहिए। चूंकि जल ही एक सरल माध्यम है बैक्टिरिया और वायरल संक्रमण को शरीर में पहुंचाने के लिए।

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