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मोबाइल यूजर्स को राहत, अब कभी नहीं आएंगे फालतू कॉल और SMS… ट्राई लाया नया सिस्टम… कैसे काम करेगा नया सिस्टम, डिटेल में जानिये सबकुछ..

इम्पैक्ट डेस्क.

क्या आपका एसएमएस इनबॉक्स भी फालतू मैसेज से भर गया है या फिर आप भी बैंक अकाउंट खुलवाने, स्कीम में इन्वेस्ट करने, प्रॉपर्टी खरीदने या सस्ते में लोन लेने के लिए आने वाले कंपनियों और स्पैमर कॉल से परेशान हो चुके हैं, तो अब आपका टेंशन खत्म। जल्द यह सब बातें पुरानी होनी वाली हैं और अब आपको कोई भी परेशान करने वाला कॉल या मैसेज नहीं आएगा। जी हां, यह बिल्कुल सच है। ट्राई ग्राहकों की सुविधा और सुरक्षा के लिए एक नया सिस्टम लेकर आया है। नए सिस्टम के तहत, कोई भी कंपनी ग्राहकों की परमिशन के बगैर उन्हें कमर्शियल कॉल या एसएमएस नहीं भेज पाएगी।

कैसे काम करेगा नया सिस्टम, चलिए डिटेल में बताते हैं सबकुछ..

ट्राई लाया DCA सिस्टम
दरअसल, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने बुधवार (8 नवंबर) को कमर्शियल संस्थाओं को निर्देश जारी किए, जिससे उन्हें एसएमएस के माध्यम से कमर्शियल मैसेज भेजने से पहले यूजर्स की सहमति लेना अनिवार्य हो गया। नए निर्देश में अब “बैंकों, अन्य फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन, इंश्योरेंस कंपनियों, ट्रेडिंग कंपनियों, कमर्शियल संस्थाओं, रियल एस्टेट कंपनियों आदि जैसी संस्थाओं” को कोई भी मैसेज भेजने से पहले यूजर के कंटेंट, जिसे डिजिटल कंटेंट अधिग्रहण (Digital Content Acquisition, DCA) के रूप में जाना जाता है, की तलाश करनी होगी। नया सिस्टम यूजर को अपनी सहमति देने या बाद में इसे वापस लेने का विकल्प देगी – यह सब सहमति अधिग्रहण कंफर्मेशन मैसेज का हिस्सा होगा।

कैसे काम करेगा नया सिस्टम?
ट्राई के अनुसार, टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन ग्राहक प्रीफरेंस रेगुलेशन, 2018 (टीसीसीसीपीआर-2018) के तहत प्रमुख संस्थाओं (पीई) या सेंडर के रूप में संदर्भित संस्थाओं को एक कॉमन शॉर्ट कोड, जिसकी शुरुआत 127 (उदाहरण के लिए 127xxx) से होगी के माध्यम से ग्राहकों या यूजर्स से सहमति मांगने के लिए एक मैसेज भेजना होगा। 

ट्राई बताता है कि अभी तक विभिन्न कंपनियों द्वारा सहमति प्राप्त की जाती है और उसे मेनटेन किया जाता है, और एक्सेस प्रोवाइडर्स के लिए सहमति की सत्यता की जांच करना संभव नहीं है। ट्राई का कहना है, “इसके अलावा, ग्राहकों के लिए सहमति प्रदान करने या रद्द करने के लिए कोई इंटीग्रेटेड सिस्टम भी नहीं है।” नया डीसीए सिस्टम प्रोवाइडर्स को “ग्राहकों की सहमति लेने, बनाए रखने और रद्द करने” का विकल्प प्रदान करता है।
ट्राई के अनुसार, नए सिस्टम के तहत इकट्ठा किए गए सहमति डेटा को टीसीसीसीपीआर-2018 के तहत स्थापित डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी) प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जाएगा। ट्राई ने यह भी कहा है कि किसी भी मौजूदा सहमति को रद्द कर दिया जाएगा, और केवल डीसीए के तहत दी गई सहमति को ही माना जाएगा।

नोटिफिकेशन पहली बार ट्राई द्वारा 2 जून, 2023 को जारी किया गया था। इसके अनुपालन की समय सीमा 30 नवंबर है।


DCA मैसेज में क्या शामिल होगा

  1. उद्देश्य, सहमति का दायरा और ब्रांड नाम का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा।
  2. सहमति मांगने वाले मैसेजेस में केवल सही यूआरएल/एपीके/ओटीटी लिंक/कॉल-बैक नंबर आदि का उपयोग किया जाएगा।
  3. ग्राहकों को सहमति प्राप्ति कंफर्मेशन मैसेज में सहमति रद्द करने से संबंधित जानकारी भी होगी।
  4. एक्सेस प्रोवाइडर्स को पीई द्वारा शुरू किए गए किसी भी सहमति-प्राप्त मैसेज को प्राप्त करने के लिए ग्राहकों की अनिच्छा को दर्ज करने के लिए एक एसएमएस/ऑनलाइन फैसेलिटी डेवलप करनी चाहिए।
    आगे क्या?
    आप आने वाले दिनों में पीई से कमर्शियल मैसेज प्राप्त करने के लिए आपकी सहमति मांगने वाले मैसेज प्राप्त करने की उम्मीद कर सकते हैं। आपके पास सहमत होने, अस्वीकार करने या सहमत होने और बाद की तारीख में अपनी सहमति वापस लेने का ऑप्शन होगा।
  5. यह आपको यह चुनने की आजादी देता है कि कौन सी संस्थाएं या ब्रांड आपको कमर्शियल मैसेज या कॉल भेज सकते हैं। जैसा कि ट्राई का कहना है, इस कदम का उद्देश्य ” अनवांटेट कमर्शियल कम्युनिकेशन के माध्यम से स्पैम के खतरे” को रोकना है।
    फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या निर्देश केवल फोन कॉल और एसएमएस के माध्यम से कम्युनिकेशन पर लागू होता है, या वॉट्सऐप या ईमेल जैसे अन्य प्लेटफार्म्स के माध्यम से भेजे गए मैसेजेस पर भी लागू होता है।
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