Breaking NewsBusiness

GST भुगतान करने वाले सिर्फ 45 हजार उद्योग आएंगे दायरे में… नगद भुगतान से बाहर होंगे अधिकतर व्‍यापारी…

इम्पेक्ट न्यूज डेस्क।

जीएसटी बकाया का एक प्रतिशत हिस्सा नकद भुगतान करने के नए नियम को लेकर जो सवाल उठाए जा रहे हैं, उन्हें वित्त मंत्रालय ने सिरे से खारिज किया है। खासतौर पर लोगों के इस दावे को वित्त मंत्रालय का राजस्व विभाग पूरी तरह से आधारहीन मानता है कि इस नए नियम से देश के छोटे व मझोले उद्योगों पर बुरा असर होगा।

राजस्व विभाग के सूत्रों का कहना है कि देश में जीएसटी भुगतान करने वाले 1.2 करोड़ उद्यम हैं। इनमें से मुश्किल से 40-45 हजार उद्योगों या पंजीकृत संस्थानों यानी सिर्फ 0.37 फीसद उद्यमों पर एक प्रतिशत नकद जीएसटी भुगतान करने का नियम लागू होगा इस तरह से अधिकांश छोटे या मझोले उद्योगों के लिए नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

जीएसटी काउंसिल की एक समिति की सिफारिश पर राजस्व विभाग ने कुछ दिन पहले ही यह नियम लागू किया कि 50 लाख रुपये से ज्यादा के मासिक टर्नओवर वाले उद्यमियों को अपने कुल जीएसटी भुगतान का एक प्रतिशत नकद में देना होगा। विभाग ने कहा कि जीएसटी भुगतान में हो रही गड़बड़ियों को रोकने के लिए यह किया गया है।

अब राजस्व विभाग के सूत्रों ने बताया है कि कारोबारियों ने नियम को समझने में गलती की है। एक फीसद हिस्सा कुल बकाया टैक्स का देना है, जबकि खबर ऐसे पेश की जा रही है जैसे कुल मासिक टर्नओवर का एक प्रतिशत नकद भुगतान करना होगा। हमने यह कदम फर्जी इनवॉयस की समस्या को दूर करने के लिए उठाया है। अगर किसी कारोबारी का एक महीने का एक करोड़ रुपये का टर्नओवर हुआ और 12 प्रतिशत की दर से अगर उसका कुल जीएसटी दायित्व 12 लाख रुपये है तो उसे एक प्रतिशत यानी महज 12 हजार रुपये ही नकद देना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!