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ओडिशा ट्रेन हादसा : मां-बाप मर चुके थे, बच्चे ने भी रोते-रोते जान दे दी…

इम्पैक्ट डेस्क.

ओडिशा के बालासोर इलाके में हुए भीषण ट्रेन हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन भले ही पूरा कर लिया गया हो लेकिन, अभी यह कहना मुश्किल है कि मृतकों की संख्या में इजाफा नहीं हो सकता। अस्पताल में भर्ती 900 से ज्यादा घायलों में कईयों की हालत बेहद गंभीर है। ट्रेन हादसे का मंजर इतना भयावह है कि सुनकर ही आंसू निकल आएं। किसी का हाथ नहीं, किसी का न पैर। कोई 10 से 15 शवों के नीचे दबा है। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बचाव दल ने युद्ध स्तर पर सैंकड़ों लोगों की जान बचाई। बालासोर ट्रेन हादसे की कई रुला देने वाली कहानी है, जिसे सुनकर किसी का भी दिल पसीज जाए। एक चश्मदीद ने बताया- मां-बाप मर चुके थे और बच्चे ने भी उनके सामने रो-रोकर जान दे दी। मंजर बेहद खौफनाक था।

बच्चे ने रोते-रोते दे दी जान
टूटू विश्वास ने आगे बताया कि एक बच्चे के सामने उसके मां-बाप के शव पड़े थे। उसने भी रोते-रोते अपनी जान दे दी। यह मंजर बहुत भयानक और असहनीय था। मैं अपने शब्दों से इस हादसे को बयां नहीं कर सकता। कई घायल ट्रेन से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। कुछ घायलों को हम मदद करके बस स्टॉप तक लेकर आए। वे लोग हमे धन्यवाद कह रहे थे। उस वक्त दिमाग में कुछ नहीं चल रहा था। हर तरफ खून फैला हुआ था। 

मंजर खौफनाक, हर तरफ लाशें
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, चश्मदीदों ने ओडिशा ट्रेन हादसे की खौफनाक कहानी का आंखो-देखा हाल सुनाया। एक चश्मदीद टूटू विश्वास ने बताया कि जब यह हादसा हुआ तो वो अपने घर पर थे। यह किसी धमाके की आवाज जैसा था। जैसे ही मैं घर से बाहर निकला, सबकुछ बदल चुका था। ट्रेन के अंदर और बाहर लाशें पड़ी थी। जब मैं पहुंचा तो बहुत से लोग घायल थे, वे प्यास से तड़प रहे थे। मैं कुछ ही लोगों की मदद कर पाया। 

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