Breaking News

NMDC PRESS RELEASE : लौह अयस्क खदानें और इस्पात संयंत्र आवश्यक सेवाओं की सूची में, लाॅक आउट से मिली छूट…

कोरोना को लेकर एनएमडीसी गंभीर, बचाव के लिए उठाए कई कदम
– संयंत्रों को लौह अयस्क की निर्बाध आपूर्ति बनी चुनौती
– निजी स्वच्छता के लिए हर कार्मिक को 1000 रूपये अतिरिक्त
– महिला स्वयंसेवी समूहों से मास्क और सेनेटाइजर की खरीद

  • इम्पेक्ट न्यूज. हैदराबाद/दंतेवाड़ा।

लॉक डाउन के दौरान एनएमडीसी में काम संचालित होने को लेकर विवाद के बीच हैदराबाद से एनएमडीसी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपना पक्ष रखते बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लौह अयस्क खदानों और इस्पात संयंत्रों के संचालन को आवश्यक सेवाओं की सूची में रखा गया है। ऐसे में नवरत्न कपंनी एनएमडीसी छत्तीसगढ़ की बैलाडीला स्थित अपनी खदानों से देश के इस्पात संयंत्रों को लौह अयस्क की निर्बाध आपूर्ति के लिए भरसक प्रयास कर रही है।

कार्पोरेट कम्यूनिकेशन के प्रमुख जयप्रकाश ने जारी बयान में कहा कि इस्पात मंत्रालय के निर्देशों के अनुरूप कंपनी द्वारा एक ओर जहां अपनी सभी खदानों और संयंत्रों में कार्मिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए कदम उठाए गए हैं, वहीं जिला प्रशासन के सहयोग से सीएसआर के तहत स्थानीय लोगों के बचाव और उपचार की भी समुचित पहल की जा रही है।

केंद्र सरकार द्वारा इस्पात संयंत्रों और लौह अयस्क, कोयला, डोलोमाइट के रूप में इसके कच्चे माल की आपूर्ति के लिए खदानों को आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा), 1981 के तहत आवश्यक सेवाएं मानते हुए इनके उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण को लाॅक-आउट से छूट दी गई है। चूंकि एनएमडीसी से राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड समेत कई इस्पात संयंत्रों को लौह अयस्क की आपूर्ति की जाती है, ऐसे में दंतेवाड़ा जिला प्रशासन द्वारा भी कंपनी के किरंदुल और बचेली में स्थित बैलाडीला लौह अयस्क खदानों को प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है।

कंपनी द्वारा अपने प्रशासनिक भवनों में तैनात सभी कार्मिकों और अधिकारियों को घर से कार्य करने की अनुमति दे दी है। वहीं उत्पादन प्रक्रिया से जुड़े न्यूनतम कार्मिकों को पूरी सावधानी बरतते हुए ड्यूटी करने के निर्देश दिए गए हैं। इस महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कंपनी प्रबंधन ने सभी नियमित कार्मिकों-अधिकारियों, अनुबंधित और दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों को एक हजार रूपये की धनराशि देने की घोषणा भी की है।

यह राशि विभिन्न परियोजनाओं मेें इस मद में खर्च की जा रही राशि के अतिरिक्त होगी। वहीं ड्यूटी पर जाने वाले सभी कार्मिकों की चेक पोस्ट पर थर्मल स्कैनर के जरिए जांच की जा रही है। प्रोडक्शन एरिया के साथ ही सभी वाहनों का नियमित तौर पर सेनिटाइजेशन कराया जा रहा है। प्रमुख स्थानों पर हाथ धोने के साबुन के साथ ही पर्याप्त सेनेटाइजर रखवाए गए हैं।

पोस्टर एवं पेंफलेट आदि के जरिए कार्मिकों को ड्यूटी के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के बाबत जागरूक किया जा रहा है। सभी परियोजना स्थलों में कार्मिक विभाग द्वारा करोना वायरस से जुड़े मामलों की रिपोर्टिंग के लिए कंट्रोल सेंटर बनाए गए हैं, जो बीमारी से जुड़े मामलों पर लगातार नजर रखे हुए हैं। कंपनी के हैदराबाद स्थित मुख्यालय से इसकी माॅनीटरिंग की जा रही है।

कार्मिक या उनके कोई परिजन किसी अन्य शहर या प्रदेश से वापस आते हैं तो परियोजना अस्पताल में उनकी जांच कराई जा रही है। कुशल चिकित्सकों की देखरेख में सभी परियोजना अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा भी कई अन्य जगह संदिग्ध मरीजों को रखने की व्यवस्था की गई है।

ऐसे कार्मिक या अधिकारी जो विदेश यात्रा से लौटे हैं, उन्हें 15 दिन क्वाराइनटाइन करने के बाद मेडिकली फिट होने का सर्टिफिकेट दिखाने पर ही ड्यूटी ज्चाॅइन कराई जा रही है। विजिटर्स का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। सभी टाउनशिप में जनजागरूकता के लिए होर्डिंग-बैनर इत्यादि लगाए गए हैं। कार्मिकों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि अनावश्यक यात्रा न करें। अपने घरों व आसपास साफ-सफाई के साथ ही लोगों को भीड़ भरे स्थानों या किसी समारोह से दूर रहने के लिए भी हिदायत दी गई है।

कंपनी द्वारा अपने कार्मिकों और अधिकारियों के साथ ही परियोजना स्थलों के समीप रहने वाले ग्रामीणों और अन्य जरूरतमंदों को भी नैगम सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत निःशुल्क मास्क और सेनिटाइजर वितरित किए जा रहे हैं।

यह मास्क और सेनेटाइजर बनाने के लिए खासतौर पर दंतेवाड़ा के जनजातीय महिलाओं वाले स्वयंसेवी समूहों को चुना गया है, ताकि कोरोना वायरस से बचाव के साथ ही उनकी आय में भी बढ़ोत्तरी हो सके। इसके अलावा सभी परियोजना अस्पतालों में वंचित तबके के स्थानीय लोगों का निःशुल्क उपचार कर दवा वितरित की जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!