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मॉनसून : स्काईमेट के दावे को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने सिरे से किया खारिज… कहा- इस साल होगी सामान्य बारिश…

इम्पैक्ट डेस्क.

भारत सरकार ने निजी वेदर एजेंसी स्काईमेट वेदर के दावे को खारिज कर दिया है। सोमवार को स्काईमेट वेदर ने दावा किया था कि इस मॉनसून सामान्य से कम बारिश होगी, जिसे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने मंगलवार को सिरे से खारिज कर दिया है।

पढ़िए मंत्रालय ने क्या कहा
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने कहा कि भारत में दक्षिणी-पश्चिम मॉनसून के समय भारत में सामान्य बारिश होगी। मंत्रालय का कहना है कि इस साल दक्षिणी भारत, पूर्वी मध्य भारत, पूर्वी भारत, उत्तरी-पूर्वी भारत और उत्तरी-पश्चिम भाग में सामान्य बारिश होगी। हालांकि, मंत्रालय का कहना है कि उत्तरी-पूर्वी भारत और उत्तरी-पश्चिम भारत के कुछ अंचलों में बारिश सामान्य से कम होगी। साथ ही पश्चिमी मध्य भारत के भी कुछ इलाकों में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है।

स्काई मेट का दावा
प्राइवेट वेदर एजेंसी ने दावा करते हुए सोमवार को कहा था कि भारत में इस साल बारिश होने की संभावना सामान्य से भी कम है। ला नीना के खत्म होने से 20 प्रतिशत सूखे की संभावना है। साथ ही अल नीनो भी हावी हो सकता है। बारिश कम होने के कारण इस साल फसलों पर संकट आ सकता है। इससे फसलें भी महंगी हो सकती हैं।

20 फीसदी सूखे की जताई थी आशंका
स्काई मेट के अनुसार, इस साल जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर चार महीनों में 868.6 एमएम की बारिश का एलपीए 94 प्रतिशत रहेगा। स्काईमेट ने कहा कि कि देश के उत्तरी और मध्य भागों में बारिश की कमी होगी। गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में भी जुलाई और अगस्त के दौरान अपर्याप्त बारिश होगी। उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में साल के दूसरे छमाही में सामान्य से कम बारिश की संभावना है। स्काईमेट ने 20 फीसदी सूखे की आशंका भी जताई थी।

जानिए क्या होता है अल नीनो और ला नीना
बता दें, दक्षिण अमेरिका के पास प्रशांत महासागर में पानी के गर्म होने, मानसूनी हवाओं के कमजोर होने और भारत में कम वर्षा होने वाली स्थिति को अल नीनो कहा जाता है। दक्षिण अमेरिका के पास प्रशांत महासागर में पानी के ठंडे होने की विशेषता जो  भारतीय मानसून का पक्ष लेती है, उसे ला नीना कहा जाता है।

आईओडी की महत्वपूर्ण भूमिका 
हालांकि, स्काईमेट ने कहा था कि हिंद महासागर डिपोल (आईओडी) मानसून को नियंत्रित कर सकता है। आईओडी अगर मजबूत होता है तो अल नीनो कमजोर पड़ सकता है। हालांकि, IOD वर्तमान में तटस्थ है। स्काईमेट वेदर ने कहा कि अल नीनो और आईओडी के चरण से बाहर होने की संभावना है। मौसम की दूसरी छमाही में और अधिक असामान्य होने की उम्मीद है। एक सकारात्मक आईओडी भारतीय मानसून के लिए अच्छा माना जाता है।

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