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आपके LED बल्ब से चलेगा इंटरनेट!… ऐसी तकनीक के बारे में जानकर उड़ जाएंगे होश…

इम्पैक्ट डेस्क.

Wi-Fi आज के समय में कितना जरूरी है ये बताने की जरूरत नहीं है। ऑफिस से लेकर घर और कॉलेज समेत पब्लिक स्पेस तक वाई-फाई आज के समय की रीढ़ की हद्दी है। इसने पूरी तरह से इंटरनेट के एक्सेस को बदलकर रख दिया है। मार्केट में अभी तक Wi-Fi ही अकेला था लेकिन जल्द ही इसका कॉम्पेटीटर Li-Fi मार्केट में पेश किया जा सकता है। IEEE ने हाल ही में एक नया वायरलेस स्टैंडर्ड को अप्रूव किया है जिसे IEEE 802.11bb या Li-Fi कहा जाता है। यह RF वेब्स की जगह यह लाइट का इस्तेमाल कर इंटरनेट उपलब्ध कराता है। तो चलिए जानते हैं Li-Fi क्या है और यह कैसे काम करेगा। साथ ही यह भी जानेंगे कि Li-Fi और Wi-Fi में क्या अंतर है।

क्या है Li-Fi?
Li-Fi एक ऐसी तकनीक है जो लाइट का इस्तेमाल कर इंटरनेट उपलब्ध कराती है। यह वाई-फाई की तरह रेडियो फ्रीक्वेंसी इस्तेमाल नहीं करती है। Li-Fi का पूरा नाम Light Fidelity है। यह वाई-फाई की तरह ही वायरलेस तरीके से किसी भी डिवाइस को इंटरनेट से कनेक्ट करने की क्षमता रखती है। इसका डाटा ट्रांसमिट लाइट द्वारा ही किया जाता है। इसमें राउटर का काम LED बल्ब करता है।

Li-Fi बना Wi-Fi:
इसकी वेबलेंथ 800nm से 1000nm के बीच ऑपरेट की जाती है। वहीं, यह 10Mbps और 9.6Gbps के बीच स्पीड उपलब्ध कराता है। वहीं, अगर वाई-फाई की बात करें तो यह 120 मिमी (2.4 गीगाहर्ट्ज) और 60 मिमी (5 गीगाहर्ट्ज) के बीच वेबलेंथ ऑपरेट करता है। वाई-फाई 6 की बात करें तो यह Li-Fi की तरह 9.6 जीबीपीएस की स्पीड उपलब्ध कराता है। वहीं, दूसरी तरफ वाई-फाई 7, 46 जीबीपीएस तक की टॉप स्पीड उपलब्ध कराता है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि Li-Fi इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। हालांकि, अगर वर्तमान की बात करें तो काफी कम डिवाइसेज में वाई-फाई 7 मौजूद है। ज्यादातर डिवाइसेज वाई-फाई 6 या उससे पहले के वर्जन पर आती हैं। ऐसे में Li-Fi तब ज्यादा उभरेगा जब वाई-फाई 7 डिवाइसेज कॉमन हो जाएंगी और किफायती भी।

Li-Fi के बेनिफिट्स:
हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी के बारे में तो हमने आपको बता ही दिया है। Li-Fi को डिप्लॉय करना आसान है क्योंकि इसके लिए मौजूदा चिप्स में न्यूनतम मॉडिफिकेशन्स की जरूरत पड़ती है। यह इसे किफायती बनाती है। साथ ही मौजूद डिवाइस में ज्यादा फंक्शन भी जोड़ती है। इसके लिए किसी स्पेशल राउटर की जरूरत नहीं होती है। इसे LED, लेजर डियॉड और सिलिकॉन फोटोडियॉड के जरिए डिप्लॉय किया जाता है। लेजर डियॉड एक ऐसी डिवाइस है जो इलेक्ट्रिकल एनर्जी को लाइट में बदलती है। Li- Fi में किसी भी तरह की बाधा कम होती है। इसके तहत डाटा सुरक्षित रूप से ट्रांसमिट किया जाता है। इससे हैकिंग की परेशानी भी काफी हद तक खत्म होती है। इस तकनीक का इस्तेमाल समुद्रों के नीचे किया जा सकता था क्योंकि लाइट पानी के जरिए भी ट्रैवल कर सकती है।

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