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छत्तीसगढ़ में साधु-संतों की पहचान के लिए बनेंगे ID कार्ड : संत समिति ने कहा-बाहरी लोग बदनाम कर रहे…

इम्पैक्ट डेस्क.

छत्तीसगढ़ में अब साधु-संतों की पहचान के लिए उनके ID कार्ड बनाए जाएंगे। जिससे कोई शरारती तत्व संतों के वेश में गलत काम न कर सके। इसकी जिम्मेदारी अखिल भारतीय संत समिति ने ली है। समिति के प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर लक्ष्मणदास ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा जरूरी है। कुछ बाहरी तत्व छत्तीसगढ़ में आकर सनातन धर्म को बदनाम कर रहे हैं। इस तरह मामले में जांच जरूरी है। लक्ष्मण दास अखिल भारतीय संत समिति की कार्यसमिति बैठक में शामिल होने बिलासपुर पहुंचे थे।

धर्म सत्ता की बजाय धर्म आचरण से दूर होगी बुराई
छत्तीसगढ़ भवन के पास सामुदायिक भवन में हुई बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण दास ने पत्रकारों से कहा कि साधु-संतों को एक मंच पर लाने का प्रयास है। समाज में धर्म के आधार पर प्रचार हो, इसके लिए सनातन धर्म प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है, धर्म सत्ता की बजाय समाज में धर्म आचरण से ही बुराई दूर होगी। देश मे धर्म आचरण स्थापित हो। साथ ही धर्म के नाम पर जागरूकता जरूरी है। इसके लिए समिति की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है। ,

बाहरी तत्वों की हो सकेगी पहचान
वही महामंडलेश्वर सर्वेश्वर दास ने कहा की बैठक में विचार-विमर्श किया गया है। छत्तीसगढ़ मे साधु-संतों की पहचान के लिए ID कार्ड बनाया जाएगा। इससे बाहर से आए तत्वों की पहचान की जा सकेगी। मीडिया से बात करने के दौरान अचार्य राकेश उपाध्याय, महामंडलेश्वर सर्वेश्वर दास, निर्देशक राधेश्याम, सचिव त्रिवेणी दास, संगठन मंत्री परमात्मा त्यागी, रामदास पवन कुमार दुबे सहित अन्य साधु-संत मौजूद थे। 

साधु-संत को राजनीति से दूर होना चाहिए
कार्यसमिति की बैठक में छत्तीसगढ़ के संतों के बीच विचार-विमर्श हुआ। बैठक में समाज के उत्थान के लिए योजना बनाई गई। उसके बाद संत रतनपुर से बिलासपुर पहुंचे थे। लक्ष्मण दास ने कहा कि कुछ लोग सनातन धर्म को बदनाम करने वाले देशद्रोही हैं। ऐसे लोग कभी संत नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक समानता, आर्थिक समानता लाने का प्रयास है। यह भी कहा कि साधु-संत को राजनीति से दूर होना चाहिए। हर व्यक्ति में धर्म, आस्था है। उन्होंने कहा कि संत समिति धर्म स्थापना में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। 

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