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गृह मंत्रालय ने कहा- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप Zoom सुरक्षित नहीं, दिए ये दिशा-निर्देश… छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग में संवाद इसी एप पर…

न्यूज डेस्क. नई दिल्ली। रायपुर।

कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान भारत समेत दुनिया के कई देशों में पॉपुलर हो रही है वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप जूम ( Zoom App ) को लेकर गृह मंत्रालय ने कहा है कि यह सुरक्षित नहीं है। गृह मंत्रालय ने इसे लेकर एक एडवाइजरी भी जारी की है जिसमें कहा गया है कि लोग इसका सावधानी से इस्तेमाल करें।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ का शिक्षा विभाग इसी के माध्यम से बैठकें आयोजित कर रहा है। जिसके माध्यम से प्रदेश में शिक्षा की व्यवस्था और संसाधनों को लेकर बकायदा शेयरिंग की जा रही है। इसके लिए सभी शिक्षकों को अपने मोबाइल पर जूम एप डाउनलोड करने के निर्देश विभाग प्रमुख ने दिए हैं। इसी एप का उपयोग विडियो कान्फरेंसिंग के लिए भी हो रहा है।

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सरकार की ओर से यह एडवाइजरी राष्ट्रीय सायबर सुरक्षा एजेंसी- कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पोंस टीम ऑफ इंडिया (CERT-in) की ओर से इस एप को लेकर जारी की गई चेतावनी के मद्देनजर आई है। एजेंसी ने कुछ दिनों पहले लोगों को इस एप की कमजोरियों के प्रति आगाह किया था।

गृह मंत्रालय के साइबर को-ओरडिनेशन सेंटर (CyCord) द्वारा ताजा एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि अगर लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो सतर्कता बरतें। 

CyCord की गाइडलाइन – 
– हर मीटिंग के लिए नया यूजर आईडी और पासवर्ड सेट करें।
– ‘वेटिंग रूम’ फीचर ऑन करें। इससे मीटिंग में लोग तभी आ पाएंगे, जब होस्ट अनुमति देगा।
-‘ज्वॉइन बिफोर होस्ट’ फीचर ऑफ कर दें। ऐसा करने से कोई भी यूजर होस्ट से पहले मीटिंग में नहीं आ पाएगा।
– स्क्रीन शेयरिंग बाय होस्ट ऑनली फीचर ऑन रखें।
– अलो रिमूव्ड पार्टिसिपेंट्स टू री-ज्वॉइन फीचर को बंद कर दें।
– अगर जरूरत न हो, तो फाइल ट्रांसफर का ऑप्शन बंद कर दें।
– एक बार सभी लोग मीटिंग में आ जाएं, तो मीटिंग को लॉक कर दें।
– रिकॉर्डिंग फीचर ऑफ रखें। 
– अगर आप एडमिनिस्ट्रेटर हैं, तो मीटिंग को सिर्फ छोड़े नहीं, उसे बंद करें।

गौरतलब है कि लॉकडाउन में वर्क फ्रॉम होम के दौरान वीडियो कॉलिंग/कॉन्फ्रेंसिंग एप जूम का इस्तेमाल बड़े स्तर पर हो रहा है। विभिन्न कंपनियों के कर्मचारी इसका काफी इस्तेमाल कर रहे हैं। एक साथ कई लोगों को साथ लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए इसे काफी पंसद किया जा रहा है। 

उल्लेखनीय है कि इसी एप के माध्यम से छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग में करीब पौने दो लाख शिक्षकों को जोड़ा गया है। इसी के माध्यम से नियमित मीटिंग हो रही है और इसके लिए बकायदा कोड भी भेजा जाता है। आज ही इस एप के जरिए बैठक का यह स्क्रीन शॉट

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