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दंतेवाड़ा जिले में करप्शन के खिलाफ सरकार का बुल्डोजर… तो आदित्य बघेल और नवनीत राजपूत दो छद्म नामों की आड़ में बिछा मायाजाल ध्वस्त… और पीएमओ को दे दी जानकारी…

इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर।

छत्तीसगढ़ के दक्षिण छोर में बसे दंतेवाड़ा जिला में अधिष्ठाता माता दंतेश्वरी का शक्तिपीठ विराजित है। यहां हर किसी के कर्म का भागफल सामने आ ही जाता है। इस जिले में लौह अयस्क की पहाड़ी से काला सोना एनएमडीसी खनन करती है। जिसके एवज में अरबों का जिला न्यास फंड इस जिले के विकास के लिए हासिल होता है।

इस जिला न्यास फंड का मुखिया कलेक्टर होता है। जिसके हाथ में होती है जिले के हर उस व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने की जिम्मेदारी जिनके लिए यह राशि मुहैया करवाई जा रही है। डीएमएफ के नाम राशि मिलने से पहले सीएसआर मद से राशि हासिल की जाती थी। जिसमें कोई पैमाना तय नहीं था। सो केंद्र ने यह नई राह खोली ताकि लाभ के हिस्सेदार क्षेत्रों के प्रभावितों तक सीधी राह तय की जा सके।

इस महती जिले में कई जिलाधिकारी पदस्थ हुए पर पहली बार एक ऐसे युवा को अवसर मिला जिस पर मांता दंतेश्वरी और माता इंद्रावती का आशीर्वाद रहा। जगदलपुर से पढ़े युवा विनीत नंदनवार को पहले सुकमा जिला में कलेक्टर की जिम्मेदारी मिली। इसके बाद दंतेवाड़ा जैसे पवित्र जिला में काम करने का मौका दिया गया। नंदनवार से दंतेवाड़ा जिले को बहुत ज्यादा उम्मीद रही। पर हुआ उसका उल्टा। इस व्यक्ति ने बस्तर धरा को करप्शन का पनाहगाह बना दिया। बस्तर की माटी और इंद्रावती के पानी को बदनाम कर दिया।

जिस जिले के जिलाअधिकारी को अंतिम लोगों तक, लौह अयस्क खनन के प्रभावितों तक, लाल पानी से पीड़ित लोगों तक और गरीब व वंचित तबके तक विकास के द्वार खोलने की जिम्मेदारी थी वह कुछ लोगों के लिए खिलौना बन गया। ऐसा खिलौना जिससे पैसे उगाए जा सकें। भूपेश बघेल ने अपने मुख्यमंत्री रहते जो सबसे गलत फैसला लिया था उसमें से एक दंतेवाड़ा जैसे महत्वपूर्ण जिला में विनीत नंदनवार की पदस्थापना है।

शायद अब पूर्व सीएम भूपेश बघेल को भी आश्चर्य हो कि उनके किसी रिश्तेदार आदित्य बघेल के नाम से जिस युवा को जनपद पंचायतों में और ग्राम पंचायतों में मिलवाकर बताया गया वह दरअसल जिला कलेक्टर विनीत नंदनवार का करीबी कृष्णा इंटरप्राइजेस का प्रोपराइटर निकला। सीएमओ के किसी अफसर के छद्मनाम नवनीत राजपूत के नाम पर जिनके मोबाइल नंबर दिए गए वह भी रायपुर का कोई हेमंत निकला।

हेमंत ही वह कड़ी था जिसके बारे में कलेक्टर ने अपने कई करीबी अफसरों को मोबाइल नंबर शेयर कर बताया था कि ये जो कहेंगे उसे मैने कहा है मान लेना। दरअसल हेमंत के मार्फत संबंधित अफसरों को संदेश मिलता कि क्या करना है। पैसे कहां और कैसे पहुंचाने हैं? रायपुर में हेमंत अपनी थार पर सवार होकर पहुंचता और सूटकेश ट्रांसफर होने के बाद निकल जाता। नवनीत उर्फ हेमंत का चेहरा किसी ने अब तक नहीं देखा है। बताया जा रहा है कि स्वर्णभूमि परियोजना में जो फ्लेट और प्लाट लिए गए हैं वे भी नवनीत उर्फ हेमंत के मार्फत ही लिए गए हैं।

एक अधिकारी ने इन दोनों के मोबाइल नंबर देते हुए कहा कि इनके काल का रिकार्ड वाट्सएप के रिकार्ड से जांच एजेंसी ले सकती है। आदित्य बघेल के नाम पर पहुंचा युवक जिला कार्यालय में पूरी अभद्रता के साथ असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करते हुए अधीनस्त अधिकारी व कर्मचारियों से पेश आता। स्वयं जिला अधिकारी के संबंध में एक अधिकारी ने इम्पेक्ट को बताया कि जिजा अधिकारी रहते कलेक्टर ने गाली गलौच भी किया और हालात ऐसा निर्मित कर दिया कि आत्मघाती कदम उठाने की ​स्थिति बन गई। इनमें से कुछ ने अपना तबादला भी करवा लिया।

इस महाभ्रष्ट काम काज में कलेक्टर के लिए सबसे नजदीकी अधिकारी मूलत: एपीओ जिन्हें कुआकोंडा जनपद में सीईओ का प्रभार सौंपा गया था ने कलेक्टर विनीत नंदनवार के रिश्तेदार होने का लाभ उठाते साया कलेक्टर के तौर पर काम किया। उनके कार्यक्षेत्र में पौधरोपणी के काम में बड़े पैमाने में गड़बड़ी के आरोप हैं।

संभव है अब मोहनीश से जुड़े सभी मामलों की जांच भी होगी। इसके अलावा जिला पंचायत सीईओ जो कि जिला निर्माण समिति के नोडल अधिकारी हैं उनकी जानकारी के बिना गड़बड़ी संभव ही नहीं है तो उनकी भूमिका की भी जांच करने की मांग उठाई जा रही है। विनीत नंदनवार के तबादले के बाद ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के प्रभारी कार्यपालन अधिकारी कह रहे हैं कि ‘हमने तो जो कुछ भी किया महोदय के निर्देश पर ही किया।’

दंतेवाड़ा जिले में वर्तमान में पदस्थ किए गए कलेक्टर मयंक चर्तुवेदी के बारे में कहा जा रहा है कि वे युवा और ईमानदार छवि के कारण सबसे बड़ी भूमिका के लिए चयनित किए गए हैं। प्रशासनिक सूत्र कह रहे हैं कि कठोर प्रशासनिक छवि के चलते दंतेवाड़ा जैसे चुनौतीपूर्ण जिले के लिए उनका चयन बहुत सोच समझकर किया गया है।

बड़ी बात तो यह है कि अंतिम क्षण तक विनीत नंदनवार ने दंतेवाड़ा में बने रहने की कोशिश की। हर संभव चैनल से सरकार पर प्रभाव डालने का प्रयास किया। पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की जीरो टालरेंस वाली नीति के चपेट में नंदनवार आ ही गए। श्री साय ने अपनी पहली प्रशासनिक सर्जरी में हर पहलू की पड़ताल की और आनेवाले समय के लिए एक बेहतर प्रशसनिक माहौल बनाने की कोशिश की है।

कलेक्टर नंदनवार के तबादले के बाद आतिशबाजी

दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार के तबादले के बाद भ्रष्टाचार से नाराज आम लोगों ने लड़ी की आतिशबाजी कर खुशी जाहिर की। लोगों ने इस प्रशासनिक बुल्डोजर कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार जताया।

पीएमओ से संदेश आया

प्रधानमंत्री कार्यालय में ​दिनांक 30 दिसंबर 2023 को दंतेवाड़ा जिले में डीएमएफ के भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत दर्ज करवाई गई थी। इस मामले में महज चार घंटे बाद ही पीएमओ की ओर से छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग को शिकायत भेजकर जांच प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई। 4 जनवरी को दोपहर साढ़े 12 बजे पीएमओ की ओर से मैसेज आया कि शिकायत पर कार्रवाई कर दी गई है। इसके बाद एक काल आया जिसमें कार्रवाई के बारे में जानकारी देकर संतुष्ट होने के संबंध में राय मांगी गई। इसके बाद शिकायतकर्ता की ओर से जांच और एफआईआर के संबंध में कहे जाने पर बताया गया कि इस पर आगे कार्यवाही होगी। आश्वासन दिया गया कि इस कथन को मूलत: आगे प्रेषित कर दिया जाएगा। चूंकि 4 जनवरी की आधी रात के बाद ही राज्य सरकार ने तबादला सूची जारी किया इसके पश्चात पीएमओ को अपनी कार्रवाई के संबंध में अवगत करा दिया गया कि संबंधित अधिकारी को संयुक्त सचिव नियुक्त कर मंत्रालय में बिना विभाग का अटैच कर दिया गया है।

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