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सब कुछ तो मिला… सांसद बने, विधायक बने, पार्टी ने कई जिम्मेदारियां दीं… साय जी और क्या चाहत रह गई? : विजय तिवारी

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इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर।

‘यदि सब कुछ पाने के बाद उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं तो और उन्हें क्या चाहिए? 77 बरस की उम्र तक पार्टी ने उन्हें जिला अध्यक्ष से लेकर विधायक, सांसद सब कुछ तो बनाया… केंद्रीय नेतृत्व ने आदिवासी वर्ग का नेता बनाया? और क्या चाहत रह गई जो पार्टी छोड़ दिया।’ उक्त बातें भाजपा के बस्तर से वरिष्ठ नेता विजय तिवारी ने श्री साय के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर इम्पेक्ट से चर्चा करते हुए कही।


भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय के पार्टी छोड़ने पर इम्पेक्ट से चर्चा में पूर्व साडा अध्यक्ष व 80 के दशक में अविभाजित बस्तर के अध्यक्ष रहे विजय तिवारी (अब वे स्वास्थ्यगत कारणो से रायपुर में रह रहे हैं।) उन्होंने कहा कि उस समय नंद कुमार साय रायगढ़ से जिला अध्यक्ष थे और मैं बस्तर से पार्टी की जिम्मेदारी संभाल रहा था। इसके बाद नंद कुमार साय चूंकि आदिवासी समाज के रहे तो पार्टी ने उन्हें बड़ी से बड़ी जिम्मेदारी सौंपते सब कुछ दिया। वे विधायक बने, नेता प्रतिपक्ष बने, सांसद बने, राज्य सभा में भी सांसद रहे। सब कुछ हासिल होने के बाद वे अपनी उपेक्षा का आरोप लगाकर अपने संस्कार, नैतिकता और पार्टी के द्वारा दिया गया सम्मान छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लेंगे तो कैसे ​स्वीकार किया जा सकता है?

श्री तिवारी ने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद जब पार्टी को राज्य में सत्ता हासिल हुई तो हमें क्या मिला? क्या हम पार्टी छोड़कर चले गए? अब हमारी उग्र 77 बरस की है। ऐसे समय में जो कुछ पार्टी के लिए किया उसका जमीन पर प्रतिफल देखने का समय है। ना कि जीवन के महत्वपूर्ण अवसर में पार्टी की सेवा के बाद हासिल जनाधार का अपमान करने का…।

श्री तिवारी ने आरोप लगाते कहा कि श्री साय आदिवासी समाज से आते हैं उनका दायित्व था कि वे अगली पीढ़ी के लिए सहर्ष अवसर देने की कोशिश करें। अब जब पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया कि राजनीति में उम्र का बंधन रहेगा तो वे अवसरवादी की तरह कांग्रेस का दामन थाम कर अपनी ही छवि को खराब कर चुके हैं। अब श्री साय के राजनीतिक चरित्र पर कांग्रेस का दाग लग गया है। उन सभी लोगों को और उनके समाज के लोगों को अफसोस रहेगा कि वे अवसरवादी चरित्र के नंदकुमार साय के साथ खड़े रहे।

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