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इन इलाको में पहली बार प्रशासन की दस्तक…2 घंटे इंतज़ार के बाद नजदीक आए ग्रामीण…मलेरिया मुक्त अभियान…


इम्पेक्ट न्यूज़. सुकमा।

जगरगुंडा से ट्रेक्टर पर सवार होकर निकली मितानिन कार्यक्रम की टीम थोड़ी ही दूर पहुँची की बारिश शुरू हो गई। त्रिपाल (प्लास्टिक झिल्ली) को ओढ़कर आगे बढ़े तो रास्ते(पगडंडी) में पेड़ गिरे हुए थे। जैसे तैसे पेड़ो को हटाकर आगे बढ़े और नाला पार कर जगरगुंडा से 30 किमी दूर गोंदपल्ली उसर्मल गांव पहुँचे। लेकिन यहां पर ग्रामीणों ने टीम से दूरी बना रखी थी। लेकिन 2 घंटे तक बातचीत करने के बाद मलेरिया जांच के लिए ग्रामीण तैयार हुए। और वहाँ ग्रामीणों की जांच की गई तो कुछ लोग मलेरिया पीड़ित निकले जिनको दवाई दी गई। और टीम वापस लौट आई

फ़ोटो- जांच करती टीम।

इन दिनों मलेरिया मुक्त अभियान चल रहा है, जहां एक और स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव-गांव पहुँच रही है ठीक दूसरी और मितानिन कार्यक्रम की टीम को भी जिम्मेदारी दी गई है। कार्यक्रम के जिला समन्वयक के नेतृत्व में टीम जगरगुंडा से ट्रेक्टर पर सवार होकर निकल पड़ी। नदी-नालों को पार करते हुए टीम 30 किमी दूर गोंदपल्ली उसर्मल पहुँची। जहां टीम ने पाया कि यहां के ग्रामीणों को शासन की योजना का लाभ तक नही मिल रहा है। ना तो यहां मच्छरदानी मिली है और ना ही बच्चो के लिए पोषण आहार। यहां तक कि नलकूप खराब होने के कारण ग्रामीण झरिया का पानी पी रहे है। यहां पर टीम ने मलेरिया जांच किया उसके बाद दवा देकर वापस टीम लौट आई।

फ़ोटो- ग्रामीणों की जांच।

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