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जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने कहा अब बदल रही जिले की तस्वीर…अब तक के कार्यकाल का रखा लेखा-जोखा…

इम्पेक्ट न्यूज़. सुकमा।

सुकमा जिले की तस्वीर अब बदल रही है धीरे-धीरे विकास कार्य हो रहे है। अब सुकमा का नाम देश मे रोशन हो रहा है। यहां की इमली का टेस्ट अब देश के लोग लेंगे। महिलाओं की आर्थिक स्थिति हो या फिर लॉक डॉउन में ग्रामीण अर्थव्यस्था हो हर मोर्चे पर हमारी सरकार ने बेहतर काम किया है उक्त बातें जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने कही।

आज जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने पत्रकारों से चर्चा की। जिसमे उनके कार्यकाल में हुए विकास कार्य व शासन के द्वारा किए गए कार्यो के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाओं का संचालन कर रही है। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन की मदद से जिला मुख्यालय में शबरी मार्ट खोला गया है। जिसमे कई महिलाएं समूह काम कर रही है। शबरी मार्ट का सामान अब लोग सस्ते दामों में खरीद रहे है। वही अब मार्ट का मसाला पोटाकेबिन व आश्रमो में जाएगा। वही मार्ट के अंडे सीआरपीएफ व मध्यान भोजन के लिए चर्चा चल रही है। जिसके चलते आने वाले दिनों में शबरी मार्ट से जुड़ी महिलाओं को लाखों का फायदा होगा। हमारा उद्देश्य यही है कि ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करना जिसके दिशा में बेहतर काम किया जा रहा है।

देश चखेगा इमली का चस्का-
आज पूरे देश के प्रमुख शहरों व कस्बो में सुकमा की इमली बिकेगी और देश के लोग सुकमा की इमली का स्वाद चकेंगे। भाजपा सरकार में समय इमली चटनी बनाने की मशीन लगाई गई थी लेकिन ध्यान नही दिया गया और बंद कर दी गई। लेकिन हमारे द्वारा फिर से समूह के माध्यम से काम शुरू किया गया। आज केंद्रीय सरकार के द्वारा एक नेशन एक मार्किट में लांच किया जाना कोई मामूली बात नही है। सुकमा की ब्रांड इमली की चटनी अब सुकमा का नाम रोशन करेगी। मार्ट में हल्दी,धनिया, हैंड मेड साबुन, फिनाइल, आचार, बांस टोकरी, अंडा, टाइल्स यूनिट और भी बहुत कुछ बनाकर बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्व सहायता समूह के माध्यम से गांव-गांव की महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत करने का प्रयास हमारी सरकार कर रही है। जगरगुंडा से लेकर तोंगपाल तक कुल 1362 समहू संचालित है। जिसके लिए शासन की चक्रीय निधि के तहत जनपद पंचायत छिंदगढ़ के 25 एवं कोण्टा के 18 आरएफ समहू को 12 लाख 75 हजार दिए गए। वही सामुदायिक निवेश निधि से जनपद पंचायत छिंदगढ़ में 25 एवं कोण्टा में 20 सीआईएफ को लगभग 27 लाख दिए गए। वही आपदा राहत से सुकमा जनपद पंचायत के 3 वीआरएफ समूह को साढ़े चार लाख दिए गए। बैंक लिंकेज से जनपद पंचायत सुकमा में 12 समहू को 16 लाख, जनपद पंचायत छिंदगढ़ में 40 समहू को 45 लाख व कोण्टा जनपद पंचायत को 4 समूह को 4 की राशि दी गई। साथ ही सुकमा जनपद पंचायत के 40 ग्रामो में आजीविका गतिविधि हेतु सीएमएसए परियोजना संचालित है। इसके अतिरिक्त कुल गठित में से 723 समूहों को आजीविका गतिविधि से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

फ़ोटो- इमली का पोडेक्शन।

बुजुर्गों के लिए घर-घर पेंशन दिया जा रहा-
बीसी सखी के माध्यम से हम गांव-गांव तक बुजुर्गों की पेंशन देने का काम किया जा रहा है। जिले में बैंकों की कमी के कारण पेंशन राशि के लिए बुजुर्गों को सुकमा आना पड़ता था। जिसमे उनका पैसा खर्चा होता था और बैंकों के सामने घंटों लाइन लगाकर बैठे रहते थे। इसलिए हमारी सरकार ने उनकी तकलीफों को कम करने के लिए बैंक सखी बनाया गया। आपको बता दु की जिले में कुल 16 बीसी सखी के माध्यम से 5779 ट्राजेक्सशन हुआ है जिसमे कुल 1 करोड़ 61 लाख 15 हजार 203 रु की लेनदेन हुई है।

लॉक डॉउन में दिया रोजगार-
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। कुछ समय बाद देश मे कोरोना संक्रमण फेल गया। लोग पलायन कर वापस अपने गाँव घर लौट आए। लोगो के रोजगार बंद हो गए लेकिन आपको बताने में मुझे खुशी हो रही है कि हमारे जिले में कोई भी ऐसा व्यक्ति नही था जिसे रोजगार नही मिला हो। आपको जानकारी देना चाहूंगा कि वित्तिय वर्ष 2020-21 में तीनो ब्लाक के 153 पंचायत में कुल 1.25 लाख श्रमिको ने काम किया है। जिसमे मजदूरी का बजट करीब 27.21 लाख है। वही 3825 परिवारों को 100 दिवस पूर्ण रोजगार दिया गया। जिले में कुल 4842 काम पूर्ण हो चुके है। वह मजदूरी में खर्च लगभग 3740.37 लाख किये गए। वही सामग्री में 1743.02 लाख खर्च किये गए है।

सरकार की महत्वकांशी योजना का मिला लाभ-
प्रदेश सरकार की महत्वकांशी योजना गोठान जो सुकमा में भी संचालित हो रहा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभा रहा है। आज जिले के छिंदगढ़ ब्लाक में कुल 48 गोठान पूर्ण हो गए है और 26 गोठान का काम चल रहा है। सुकमा में 18 गोठान बन चुके है और 22 का काम चालू है। कोण्टा में 14 गोठान बन चुके है और 12 के काम चालू है। उन्होंने कहा कि पिछले 15 सालों में विकास के दावे करने वाली भाजपा ने जिले में आंगनबाड़ी भवन नही बना पाई। जैसे ही माननीय भूपेश बघेल व मंत्री माननीय कवासी लखमा की सरकार बनी तो जिले में कुल 175 आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिए कार्य स्वीकृत हुए है।

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